मध्य प्रदेश में दिवाली पर रातभर आतिशबाजी हुई। जो हवा शाम 5 बजे तक सामान्य थी, वह कई शहरों में रात 9 बजे के बाद जहरीली हो गई। प्रदूषण से भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, सागर और सिंगरौली में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 300 के पार पहुंच गया है, जो खराब हवा की श्रेणी में आता है। इंदौर की हवा सबसे ज्यादा खराब रही, जहां छोटी ग्वालटोली में AQI 361 पर पहुंच गया। भोपाल के कोहेफिजा में 336, ग्वालियर के महाराज बाड़ा में 333, सागर में 341 और सिंगरौली में 306 AQI रहा। इन शहरों में मंगलवार सुबह तक हवा इतनी खराब हो गई कि लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ महसूस हुई। दिवाली की शाम 5 बजे तक अधिकतर शहरों की हवा “संतोषजनक से मध्यम” श्रेणी में थी, लेकिन रात 9 बजे तक AQI तेजी से बढ़ा और अगली सुबह 9:30 बजे यह सभी बड़े शहरों में 300 के पार पहुंच गया।औसतन सिर्फ 16 घंटे में प्रदेश की हवा 150 से 250 AQI तक अधिक प्रदूषित हो गई। ठंडी हवा से स्मॉग की परत छाई
विशेषज्ञों के मुताबिक, ठंडी हवा के चलते प्रदूषक नीचे टिक गया, जिससे सुबह तक स्मॉग की परत छाई रही। पर्यावरण विशेषज्ञ सुभाष सी पांडे का कहना है कि रातभर पटाखे चलने और ठंडी हवा से प्रदूषक तत्व जैसे हानिकारक गैसें और धूल के बारीक कण नीचे बैठ जाते हैं, जिससे कि हवा पहले की तुलना में और अधिक दूषित रहती है। वायु प्रदूषण से होती हैं कई समस्याएं
पर्यावरण विशेषज्ञ सुभाष सी पांडे के अनुसार, एयर क्वालिटी इंडेक्स 200 से 500 के बीच खतरनाक होता है। प्रदूषण से आंखों, गले और त्वचा में जलन, सांस लेने में दिक्कत, सिरदर्द और चक्कर आने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। वहीं, तेज पटाखों की आवाज से कानों में घंटी बजना, सुनने में कठिनाई और नींद में खलल जैसी समस्याएं हो सकती हैं। 16 घंटों में प्रदेश भर के शहरों में AQI की स्थिति भोपाल: कोहेफिजा में 200 पॉइंट की छलांग
राजधानी भोपाल में प्रदूषण का स्तर रिकॉर्ड तोड़ ऊंचाई पर गया। कोहेफिजा में AQI शाम के 136 से बढ़कर रात 287 और फिर सुबह 336 हो गया यानी 200 अंकों की AQI की बढ़त आई। वहीं शाहपुरा में 153 से 302 और टीटी नगर में 126 से 309 दर्ज हुआ। इस तरह 16 घंटे में हवा मध्यम से सीधा वेरी पुअर श्रेणी में चली गई। ग्वालियर: डीडी नगर में 171 अंक बढ़ा AQI
ग्वालियर के डीडी नगर में AQI शाम के 193 से बढ़कर सुबह 364 पहुंच गया, यानी करीब 171 अंकों की छलांग। महाराज वाड़ा और सिटी सेंटर दोनों जगह 300 पार रहे। ग्वालियर का औसत AQI भोपाल से थोड़ा कम लेकिन बेहद खतरनाक स्तर पर रहा। इंदौर: छोटी ग्वालटोली में 184 अंक बढ़ा
छोटी ग्वालटोली में AQI शाम 177 से बढ़कर सुबह 361 हो गया। एयरपोर्ट एरिया में 81 से 318 यानी 237 अंकों की बढ़त हुई। रेसीडेंसी एरिया भी 96 से बढ़कर 251 तक पहुंचा। सिर्फ रीजनल पार्क में हवा कुछ हद तक साफ रही यहां हवा (66 से 112) तक पहुंची। जबलपुर: गुप्तेश्वर में तीन गुना बढ़ा प्रदूषण
जबलपुर में गुप्तेश्वर क्षेत्र में AQI 103 से बढ़कर 349 हुआ, यानी तीन गुना तक बढ़ोतरी। सुहागी और मरहाताल में भी सुबह तक हवा खराब श्रेणी में पहुंची। यहां रात 9 बजे से सुबह 9 बजे के बीच 80 से 100 अंक AQI बढ़ गया। छोटे शहरों में भी उछाल, पर डेटा अधूरा
देवास (115 से 165), खंडवा (99 से 205) और कटनी (129 से 200) जैसे मध्यम शहरों में भी रात से सुबह तक 70 से 120 AQI की बढ़ोतरी हुई। हालांकि अनूपपुर, उज्जैन, रीवा और पन्ना जैसे शहरों के डेटा उपलब्ध नहीं रहे। पर्यावरण विभाग ने बताया कि लाइव मॉनिटरिंग सिस्टम में तकनीकी खराबी के कारण कई स्टेशन ऑफलाइन हो गए। प्रदूषण में पीएम 2.5 अधिक
मध्यप्रदेश प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (एमपीपीसीबी) की रिपोर्ट के अनुसार, शहरभर में पर्टिकुलेट मैटर (पीएम) 2.5 यानी धूल के बारीक कण से सबसे अधिक प्रदूषण हो रहा है। सभी जगहों पर जो AQI बढ़ रहा है, इसका मुख्य कारण पीएम 2.5 ही है। यह प्रदेश के अधिकतर जिलों में लगे लाइव मॉनिटरिंग सिस्टम पर दिखाई दे रहा है।
मध्य प्रदेश में दिवाली पर रातभर आतिशबाजी हुई। जो हवा शाम 5 बजे तक सामान्य थी, वह कई शहरों में रात 9 बजे के बाद जहरीली हो गई। प्रदूषण से भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, सागर और सिंगरौली में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 300 के पार पहुंच गया है, जो खराब हवा की श्रेणी में आता है। इंदौर की हवा सबसे ज्यादा खराब रही, जहां छोटी ग्वालटोली में AQI 361 पर पहुंच गया। भोपाल के कोहेफिजा में 336, ग्वालियर के महाराज बाड़ा में 333, सागर में 341 और सिंगरौली में 306 AQI रहा। इन शहरों में मंगलवार सुबह तक हवा इतनी खराब हो गई कि लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ महसूस हुई। दिवाली की शाम 5 बजे तक अधिकतर शहरों की हवा “संतोषजनक से मध्यम” श्रेणी में थी, लेकिन रात 9 बजे तक AQI तेजी से बढ़ा और अगली सुबह 9:30 बजे यह सभी बड़े शहरों में 300 के पार पहुंच गया।औसतन सिर्फ 16 घंटे में प्रदेश की हवा 150 से 250 AQI तक अधिक प्रदूषित हो गई। ठंडी हवा से स्मॉग की परत छाई
विशेषज्ञों के मुताबिक, ठंडी हवा के चलते प्रदूषक नीचे टिक गया, जिससे सुबह तक स्मॉग की परत छाई रही। पर्यावरण विशेषज्ञ सुभाष सी पांडे का कहना है कि रातभर पटाखे चलने और ठंडी हवा से प्रदूषक तत्व जैसे हानिकारक गैसें और धूल के बारीक कण नीचे बैठ जाते हैं, जिससे कि हवा पहले की तुलना में और अधिक दूषित रहती है। वायु प्रदूषण से होती हैं कई समस्याएं
पर्यावरण विशेषज्ञ सुभाष सी पांडे के अनुसार, एयर क्वालिटी इंडेक्स 200 से 500 के बीच खतरनाक होता है। प्रदूषण से आंखों, गले और त्वचा में जलन, सांस लेने में दिक्कत, सिरदर्द और चक्कर आने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। वहीं, तेज पटाखों की आवाज से कानों में घंटी बजना, सुनने में कठिनाई और नींद में खलल जैसी समस्याएं हो सकती हैं। 16 घंटों में प्रदेश भर के शहरों में AQI की स्थिति भोपाल: कोहेफिजा में 200 पॉइंट की छलांग
राजधानी भोपाल में प्रदूषण का स्तर रिकॉर्ड तोड़ ऊंचाई पर गया। कोहेफिजा में AQI शाम के 136 से बढ़कर रात 287 और फिर सुबह 336 हो गया यानी 200 अंकों की AQI की बढ़त आई। वहीं शाहपुरा में 153 से 302 और टीटी नगर में 126 से 309 दर्ज हुआ। इस तरह 16 घंटे में हवा मध्यम से सीधा वेरी पुअर श्रेणी में चली गई। ग्वालियर: डीडी नगर में 171 अंक बढ़ा AQI
ग्वालियर के डीडी नगर में AQI शाम के 193 से बढ़कर सुबह 364 पहुंच गया, यानी करीब 171 अंकों की छलांग। महाराज वाड़ा और सिटी सेंटर दोनों जगह 300 पार रहे। ग्वालियर का औसत AQI भोपाल से थोड़ा कम लेकिन बेहद खतरनाक स्तर पर रहा। इंदौर: छोटी ग्वालटोली में 184 अंक बढ़ा
छोटी ग्वालटोली में AQI शाम 177 से बढ़कर सुबह 361 हो गया। एयरपोर्ट एरिया में 81 से 318 यानी 237 अंकों की बढ़त हुई। रेसीडेंसी एरिया भी 96 से बढ़कर 251 तक पहुंचा। सिर्फ रीजनल पार्क में हवा कुछ हद तक साफ रही यहां हवा (66 से 112) तक पहुंची। जबलपुर: गुप्तेश्वर में तीन गुना बढ़ा प्रदूषण
जबलपुर में गुप्तेश्वर क्षेत्र में AQI 103 से बढ़कर 349 हुआ, यानी तीन गुना तक बढ़ोतरी। सुहागी और मरहाताल में भी सुबह तक हवा खराब श्रेणी में पहुंची। यहां रात 9 बजे से सुबह 9 बजे के बीच 80 से 100 अंक AQI बढ़ गया। छोटे शहरों में भी उछाल, पर डेटा अधूरा
देवास (115 से 165), खंडवा (99 से 205) और कटनी (129 से 200) जैसे मध्यम शहरों में भी रात से सुबह तक 70 से 120 AQI की बढ़ोतरी हुई। हालांकि अनूपपुर, उज्जैन, रीवा और पन्ना जैसे शहरों के डेटा उपलब्ध नहीं रहे। पर्यावरण विभाग ने बताया कि लाइव मॉनिटरिंग सिस्टम में तकनीकी खराबी के कारण कई स्टेशन ऑफलाइन हो गए। प्रदूषण में पीएम 2.5 अधिक
मध्यप्रदेश प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (एमपीपीसीबी) की रिपोर्ट के अनुसार, शहरभर में पर्टिकुलेट मैटर (पीएम) 2.5 यानी धूल के बारीक कण से सबसे अधिक प्रदूषण हो रहा है। सभी जगहों पर जो AQI बढ़ रहा है, इसका मुख्य कारण पीएम 2.5 ही है। यह प्रदेश के अधिकतर जिलों में लगे लाइव मॉनिटरिंग सिस्टम पर दिखाई दे रहा है।