मद्रास हाईकोर्ट ने करूर भगदड़ की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) गठित किया है। इसकी अगुआई तमिलनाडु पुलिस के इंस्पेक्टर जनरल (IG) असरा गर्ग करेंगे। जस्टिस एन सेंथिलकुमार ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि घटना के बाद विजय की पार्टी तमिलगा वेत्री कजगम (TVK) ने घटनास्थल छोड़ दिया और कोई माफी या पछतावा तक नहीं दिखाया। इस घटना को पूरी दुनिया ने देखा है, पार्टी अपनी आंखें बंद करके जिम्मेदारियों से बच नहीं सकती है। इसके साथ हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने CBI जांच की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया। वहीं, अतिरिक्त मुआवजा राशि की मांग वाली याचिका पर स्टालिन सरकार को नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी। दरअसल, तमिलनाडु के करूर में 27 सितंबर को एक्टर विजय की रैली में भगदड़ मची थी। जिसमें 41 लोग मारे गए थे और 100 से ज्यादा घायल हुए थे। इस मामले से जुड़ी 7 जनहित याचिकाएं जस्टिस एम धंदपानी और जस्टिस एम जोतिरमन की दशहरा वेकेशन बेंच में लिस्ट की गईं थीं। कोर्ट बोला- पीड़ित आएगा तो जरूर मदद करेंगे TVK नमक्कल जिला सचिव की अग्रिम जमानत की मांग वाली याचिका पर कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता कोई पीड़ित नहीं, बल्कि एक पार्टी का नेता है। किसी एक व्यक्ति ने गलती की है, इसका मतलब यह नहीं कि पूरी जांच ही खत्म हो जाएगी। कोर्ट ने कहा- उन लोगों के बारे में सोचें जिन्होंने अपनी जान गंवाई। अगर कोई पीड़ित हमारे पास आता है तो हम उसकी मदद के लिए आएंगे। TVK नेता की जमानत याचिका खारिज मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस एन सेंथिल वी कुमार ने एन सतीश कुमार की अग्रिम जमानत की मांग वाली याचिका भी खारिज कर दी। कोर्ट ने पार्टी से पूछा कि वे आयोजनकर्ता थे, लेकिन विजय के रोड शो के दौरान भीड़, कार्यकर्ताओं के बेकाबू व्यवहार, हंगामे और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने पर कंट्रोल क्यों नहीं कर सके। कोर्ट रूम LIVE… बेंच: हम एक-एक करके हर याचिका सुनेंगे। अदालत पहले मामला देखेगी। वकील: अदालत अच्छी तरह जानती है कि यह भगदड़ लापरवाही के कारण हुई थी। सड़कें संकरी थीं। मेरा तर्क है कि यह मिसमैनेजमेंट है। मेरी अपील है कि DGP को ऐसे आयोजनों के दौरान लागू किए जाने वाली SOP का ड्राफ्ट बनाने का निर्देश दिया जाए। बेंच: इस विषय में हाईकोर्ट की मुख्य बेंच सुनवाई कर रही है, और उसने कुछ निर्देश जारी किए हैं। हम आपको वहां जाने की परमिशन देंगे। AAG जे रवींद्रन: जब तक SOP नहीं बन जाती, राज्य किसी भी राजनीतिक दल को परमिशन नहीं देगा। कोर्ट: सुरक्षा की जिम्मेदारी कानून प्रवर्तन एजेंसियों की है। एएजी: इसमें कोई विवाद नहीं है। मुझे निर्देश मिले हैं कि SOP तय किए बिना हम किसी भी राजनीतिक दल को रैली या सभा की परमिशन नहीं देंगे। बेंच: यह जनहित याचिका करूर में हुई भगदड़ में घायल हुए एक व्यक्ति ने दायर की है। इसमें DGP को निर्देश देने की मांग की गई है। याचिकाकर्ता के वकील: याचिकाकर्ता को प्रतिवादी राजनीतिक दल की तरफ से धमकी दी जा रही है। बेंच: जो राजनीतिक दल यहां मौजूद नहीं है, उसके खिलाफ आरोप मत लगाइए। शिकायत दर्ज कीजिए। वकील साहब, संयम बरतिए। यह जनहित याचिका सिर्फ मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) बनाने के लिए है। एडवोकेट जी.एस. मणि: मैं सरकार को CBI जांच के निर्देश देने की मांग कर रहा हूं। मैं राज्य सरकार को दोष नहीं दे रहा, बल्कि यह कह रहा हूं कि न्याय न केवल होना चाहिए, बल्कि ऐसा दिखना भी चाहिए कि न्याय हुआ है। बेंच: यही न्यायिक कार्य का पहला सिद्धांत है। अगर कोई पीड़ित हमारे पास आता है तो हम उसकी मदद के लिए आएंगे। आप कौन हैं? एडवोकेट मणि: राज्य पुलिस अपने खिलाफ किसी मामले की जांच नहीं कर सकती। बेंच: आप ऐसा कैसे कह सकते हैं। इस अदालत को राजनीतिक अखाड़ा मत समझिए। अगर जांच में कुछ गड़बड़ होती है, तो आप आइए। यह शुरुआती चरण है। अभी तक राज्य पर कोई आरोप नहीं है। बस सुरक्षा में कमी का आरोप है। एडवोकेट मणि: उन्होंने ही तो इजाजत दी थी। बेंच: क्या आप मामला वापस लेना चाहते हैं या गुण-दोष के आधार पर आदेश देना चाहते हैं। एडवोकेट मणि: मैं मैरिट के आधार पर आदेश चाहता हूं। बेंच: याचिकाकर्ता को राज्य की कानून प्रवर्तन एजेंसी पर भरोसा नहीं है और इसलिए वे CBI जांच मांग करते हैं। याचिकाकर्ता कोई पीड़ित नहीं, बल्कि एक राजनीतिक दल का नेता है। किसी एक व्यक्ति ने गलती की है, इसका मतलब यह नहीं कि पूरी जांच ही खत्म हो जाएगी। उन लोगों के बारे में सोचें जिन्होंने अपनी जान गंवाई। भगदड़ के बाद की 2 तस्वीरें… करूर भगदड से जुड़ी 7 याचिकाएं… विजय ने 2 हफ्ते तक रैलियां रोकीं तमिलगा वेत्री कजगम (टीवीके) प्रमुख और एक्टर विजय ने अगले दो हफ्ते के लिए सभी राजनीतिक रैलियां स्थगित कर दी हैं, जिससे उनके राज्यव्यापी चुनाव अभियान पर विराम लग गया है। TVK ने सोशल मीडिया पर अपनी रैलियों के अस्थायी निलंबन की जानकारी पोस्ट की। विजय की पार्टी ने मृतकों के परिजनों के लिए 20 लाख रुपए की राहत राशि देने की घोषणा की है। वहीं, TVK महासचिव आनंद और निर्मल कुमार की अग्रिम जमानत याचिकाएं भी जस्टिस जोतिरमन की सिंगल बेंच में सुनवाई के लिए लिस्ट की गई थी। लेकिन इस पर सुनवाई नहीं हुई। ———————– ये खबर भी पढ़ें… करूर भगदड़, विजय बोले- CM स्टालिन बदला ले रहे: ऐसा करना हो तो मेरे पास आओ तमिलनाडु के करूर में भगदड़ के 2 दिन बाद एक्टर विजय थलपति ने मंगलवार को कहा, “क्या CM स्टालिन बदला लेने की कोशिश कर रहे हैं। हमने कुछ गलत नहीं किया। अगर बदला लेना है तो मेरे पास आओ। मैं घर में मिलूंगा या ऑफिस में।” उन्होंने कहा कि मेरी पार्टी के पदाधिकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मैं CM से अपील करता हूं कि कृपया मेरी पार्टी के पदाधिकारियों को नुकसान न पहुंचाएं। पूरी खबर पढ़ें…
मद्रास हाईकोर्ट ने करूर भगदड़ की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) गठित किया है। इसकी अगुआई तमिलनाडु पुलिस के इंस्पेक्टर जनरल (IG) असरा गर्ग करेंगे। जस्टिस एन सेंथिलकुमार ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि घटना के बाद विजय की पार्टी तमिलगा वेत्री कजगम (TVK) ने घटनास्थल छोड़ दिया और कोई माफी या पछतावा तक नहीं दिखाया। इस घटना को पूरी दुनिया ने देखा है, पार्टी अपनी आंखें बंद करके जिम्मेदारियों से बच नहीं सकती है। इसके साथ हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने CBI जांच की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया। वहीं, अतिरिक्त मुआवजा राशि की मांग वाली याचिका पर स्टालिन सरकार को नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी। दरअसल, तमिलनाडु के करूर में 27 सितंबर को एक्टर विजय की रैली में भगदड़ मची थी। जिसमें 41 लोग मारे गए थे और 100 से ज्यादा घायल हुए थे। इस मामले से जुड़ी 7 जनहित याचिकाएं जस्टिस एम धंदपानी और जस्टिस एम जोतिरमन की दशहरा वेकेशन बेंच में लिस्ट की गईं थीं। कोर्ट बोला- पीड़ित आएगा तो जरूर मदद करेंगे TVK नमक्कल जिला सचिव की अग्रिम जमानत की मांग वाली याचिका पर कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता कोई पीड़ित नहीं, बल्कि एक पार्टी का नेता है। किसी एक व्यक्ति ने गलती की है, इसका मतलब यह नहीं कि पूरी जांच ही खत्म हो जाएगी। कोर्ट ने कहा- उन लोगों के बारे में सोचें जिन्होंने अपनी जान गंवाई। अगर कोई पीड़ित हमारे पास आता है तो हम उसकी मदद के लिए आएंगे। TVK नेता की जमानत याचिका खारिज मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस एन सेंथिल वी कुमार ने एन सतीश कुमार की अग्रिम जमानत की मांग वाली याचिका भी खारिज कर दी। कोर्ट ने पार्टी से पूछा कि वे आयोजनकर्ता थे, लेकिन विजय के रोड शो के दौरान भीड़, कार्यकर्ताओं के बेकाबू व्यवहार, हंगामे और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने पर कंट्रोल क्यों नहीं कर सके। कोर्ट रूम LIVE… बेंच: हम एक-एक करके हर याचिका सुनेंगे। अदालत पहले मामला देखेगी। वकील: अदालत अच्छी तरह जानती है कि यह भगदड़ लापरवाही के कारण हुई थी। सड़कें संकरी थीं। मेरा तर्क है कि यह मिसमैनेजमेंट है। मेरी अपील है कि DGP को ऐसे आयोजनों के दौरान लागू किए जाने वाली SOP का ड्राफ्ट बनाने का निर्देश दिया जाए। बेंच: इस विषय में हाईकोर्ट की मुख्य बेंच सुनवाई कर रही है, और उसने कुछ निर्देश जारी किए हैं। हम आपको वहां जाने की परमिशन देंगे। AAG जे रवींद्रन: जब तक SOP नहीं बन जाती, राज्य किसी भी राजनीतिक दल को परमिशन नहीं देगा। कोर्ट: सुरक्षा की जिम्मेदारी कानून प्रवर्तन एजेंसियों की है। एएजी: इसमें कोई विवाद नहीं है। मुझे निर्देश मिले हैं कि SOP तय किए बिना हम किसी भी राजनीतिक दल को रैली या सभा की परमिशन नहीं देंगे। बेंच: यह जनहित याचिका करूर में हुई भगदड़ में घायल हुए एक व्यक्ति ने दायर की है। इसमें DGP को निर्देश देने की मांग की गई है। याचिकाकर्ता के वकील: याचिकाकर्ता को प्रतिवादी राजनीतिक दल की तरफ से धमकी दी जा रही है। बेंच: जो राजनीतिक दल यहां मौजूद नहीं है, उसके खिलाफ आरोप मत लगाइए। शिकायत दर्ज कीजिए। वकील साहब, संयम बरतिए। यह जनहित याचिका सिर्फ मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) बनाने के लिए है। एडवोकेट जी.एस. मणि: मैं सरकार को CBI जांच के निर्देश देने की मांग कर रहा हूं। मैं राज्य सरकार को दोष नहीं दे रहा, बल्कि यह कह रहा हूं कि न्याय न केवल होना चाहिए, बल्कि ऐसा दिखना भी चाहिए कि न्याय हुआ है। बेंच: यही न्यायिक कार्य का पहला सिद्धांत है। अगर कोई पीड़ित हमारे पास आता है तो हम उसकी मदद के लिए आएंगे। आप कौन हैं? एडवोकेट मणि: राज्य पुलिस अपने खिलाफ किसी मामले की जांच नहीं कर सकती। बेंच: आप ऐसा कैसे कह सकते हैं। इस अदालत को राजनीतिक अखाड़ा मत समझिए। अगर जांच में कुछ गड़बड़ होती है, तो आप आइए। यह शुरुआती चरण है। अभी तक राज्य पर कोई आरोप नहीं है। बस सुरक्षा में कमी का आरोप है। एडवोकेट मणि: उन्होंने ही तो इजाजत दी थी। बेंच: क्या आप मामला वापस लेना चाहते हैं या गुण-दोष के आधार पर आदेश देना चाहते हैं। एडवोकेट मणि: मैं मैरिट के आधार पर आदेश चाहता हूं। बेंच: याचिकाकर्ता को राज्य की कानून प्रवर्तन एजेंसी पर भरोसा नहीं है और इसलिए वे CBI जांच मांग करते हैं। याचिकाकर्ता कोई पीड़ित नहीं, बल्कि एक राजनीतिक दल का नेता है। किसी एक व्यक्ति ने गलती की है, इसका मतलब यह नहीं कि पूरी जांच ही खत्म हो जाएगी। उन लोगों के बारे में सोचें जिन्होंने अपनी जान गंवाई। भगदड़ के बाद की 2 तस्वीरें… करूर भगदड से जुड़ी 7 याचिकाएं… विजय ने 2 हफ्ते तक रैलियां रोकीं तमिलगा वेत्री कजगम (टीवीके) प्रमुख और एक्टर विजय ने अगले दो हफ्ते के लिए सभी राजनीतिक रैलियां स्थगित कर दी हैं, जिससे उनके राज्यव्यापी चुनाव अभियान पर विराम लग गया है। TVK ने सोशल मीडिया पर अपनी रैलियों के अस्थायी निलंबन की जानकारी पोस्ट की। विजय की पार्टी ने मृतकों के परिजनों के लिए 20 लाख रुपए की राहत राशि देने की घोषणा की है। वहीं, TVK महासचिव आनंद और निर्मल कुमार की अग्रिम जमानत याचिकाएं भी जस्टिस जोतिरमन की सिंगल बेंच में सुनवाई के लिए लिस्ट की गई थी। लेकिन इस पर सुनवाई नहीं हुई। ———————– ये खबर भी पढ़ें… करूर भगदड़, विजय बोले- CM स्टालिन बदला ले रहे: ऐसा करना हो तो मेरे पास आओ तमिलनाडु के करूर में भगदड़ के 2 दिन बाद एक्टर विजय थलपति ने मंगलवार को कहा, “क्या CM स्टालिन बदला लेने की कोशिश कर रहे हैं। हमने कुछ गलत नहीं किया। अगर बदला लेना है तो मेरे पास आओ। मैं घर में मिलूंगा या ऑफिस में।” उन्होंने कहा कि मेरी पार्टी के पदाधिकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मैं CM से अपील करता हूं कि कृपया मेरी पार्टी के पदाधिकारियों को नुकसान न पहुंचाएं। पूरी खबर पढ़ें…