लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) ने ऐलान किया है कि वह लद्दाख में सामान्य स्थिति बहाल होने तक गृह मंत्रालय की हाई पावर कमेटी के साथ बातचीत नहीं करेगी। लेह एपेक्स बॉडी के अध्यक्ष थुपस्तान छेवांग ने प्रेस से कहा, जब तक लद्दाख में शांति बहाल नहीं हो जाती, हम किसी भी बातचीत में भाग नहीं लेंगे। गन प्वाइंट पर कोई बातचीत नहीं हो सकती। राज्य का दर्जा और लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग पर केंद्र के साथ बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए एलएबी ने 24 सितंबर को बंद बुलाया था। इस दौरान हुई हिंसा में चार लोग मारे गए थे और 90 घायल हो गए। पुलिस ने आंदोलन का मुख्य चेहरा रहे सोनम वांगचुक को भी कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत गिरफ्तार कर लिया। एलएबी ने अब सोनम वांगचुक समेत कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमे वापस लेने की मांग की है। केंद्र ने चार महीने तक बातचीत बंद रहने के बाद 20 सितंबर को एलएबी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) को बातचीत के लिए बुलाया था। यह 6 अक्टूबर को दिल्ली में होनी है। उधर, हिंसा के बाद से ही लद्दाख में टूरिस्ट बुकिंग्स रद्द कर रहे हैं। लेह में लगे बेमियादी कर्फ्यू की वजह से टूरिस्ट बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। होटल संचालकों का कहना है कि वे टूरिज्म पर ही निर्भर हैं। कर्फ्यू उनकी कमाई पूरी तरह से छीन लेता है। पहलगाम हमले से भी प्रभावित हुआ था टूरिज्म स्थानीय ट्रांसपोर्टर रिग्जिन दोरजे ने कहा कि अप्रैल के पहलगाम हमले ने लद्दाख के पर्यटन को बुरी तरह प्रभावित किया था। ऑपरेशन सिंदूर के एक महीने बाद ही पर्यटक आने लगे, लेकिन अब लेह हिंसा ने और परेशानी खड़ी कर दी है। पूर क्षेत्र में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद हैं। एक होटल मैनेजर नसीब सिंह ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि पिछले एक हफ्ते से एडवांस बुकिंग रद्द हो रही हैं। शहर बंद होने से सामान की कमी हो गई है। ताइवान की टूरिस्ट शीना ने बताया कि यहां पहुंचते ही सब बंद मिला। वे करेंसी बदल नहीं सकीं, खाना नहीं खरीद सकीं। पैंगोंग झील घूमने का प्लान था, लेकिन परमिट नहीं मिला। 5 तस्वीरों में देखिए कर्फ्यू का हाल…
लेह हिंसा के बाद अब तक क्या-क्या कार्रवाई हुई… ————————————— लेह हिंसा से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… राहुल बोले- लद्दाख की संस्कृति भाजपा-RSS के निशाने पर:वहां के लोगों ने आवाज उठाई, भाजपा ने 4 की हत्या कराई; ये हिंसा बंद हो लेह हिंसा के 4 दिन बाद कांग्रेस सासंद राहुल गांधी का रिएक्शन आया। राहुल ने सोशल मीडिया X पर लिखा कि लद्दाख के अद्भुत लोग, संस्कृति और उनकी परंपराएं भाजपा और आरएसएस के निशाने पर हैं। लद्दाख के लोगों ने आवाज उठाई। भाजपा ने जवाब में चार युवकों की हत्या कर दी और सोनम वांगचुक को जेल में डाल दिया। ये हत्या बंद करो। ये हिंसा बंद करो और लद्दाख के लिए आवाज उठाओ। पूरी खबर पढ़ें… लेह हिंसा- सुरक्षा घेरे में दो मृतकों का अंतिम संस्कार:मीडिया पर रोक; 6 साल से सुलग रहे थे युवाओं के नौकरी समेत कई मुद्दे 24 सितंबर की हिंसा में 3 युवा और 46 वर्षीय एक पूर्व सैनिक सेवांग थार्चिंग मारे गए थे। थार्चिंग करगिल युद्ध लड़ चुके थे। 1996 से 2017 तक सैनिक और लद्दाख स्काउट्स के हवलदार के रूप में सैन्य सेवा दे चुके थे। इन चार में से दो जिग्मेट दोरजय और स्टांजिन नामज्ञाल का अंतिम संस्कार रविवार को हुआ। लोकल और राष्ट्रीय मीडिया भी इसमें शामिल होना चाहता था, लेकिन जिग्मेट के घर से 200 मी. पहले ही पुलिस ने रोककर कहा- इजाजत नहीं है। पूरी खबर पढ़ें…
लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) ने ऐलान किया है कि वह लद्दाख में सामान्य स्थिति बहाल होने तक गृह मंत्रालय की हाई पावर कमेटी के साथ बातचीत नहीं करेगी। लेह एपेक्स बॉडी के अध्यक्ष थुपस्तान छेवांग ने प्रेस से कहा, जब तक लद्दाख में शांति बहाल नहीं हो जाती, हम किसी भी बातचीत में भाग नहीं लेंगे। गन प्वाइंट पर कोई बातचीत नहीं हो सकती। राज्य का दर्जा और लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग पर केंद्र के साथ बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए एलएबी ने 24 सितंबर को बंद बुलाया था। इस दौरान हुई हिंसा में चार लोग मारे गए थे और 90 घायल हो गए। पुलिस ने आंदोलन का मुख्य चेहरा रहे सोनम वांगचुक को भी कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत गिरफ्तार कर लिया। एलएबी ने अब सोनम वांगचुक समेत कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमे वापस लेने की मांग की है। केंद्र ने चार महीने तक बातचीत बंद रहने के बाद 20 सितंबर को एलएबी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) को बातचीत के लिए बुलाया था। यह 6 अक्टूबर को दिल्ली में होनी है। उधर, हिंसा के बाद से ही लद्दाख में टूरिस्ट बुकिंग्स रद्द कर रहे हैं। लेह में लगे बेमियादी कर्फ्यू की वजह से टूरिस्ट बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। होटल संचालकों का कहना है कि वे टूरिज्म पर ही निर्भर हैं। कर्फ्यू उनकी कमाई पूरी तरह से छीन लेता है। पहलगाम हमले से भी प्रभावित हुआ था टूरिज्म स्थानीय ट्रांसपोर्टर रिग्जिन दोरजे ने कहा कि अप्रैल के पहलगाम हमले ने लद्दाख के पर्यटन को बुरी तरह प्रभावित किया था। ऑपरेशन सिंदूर के एक महीने बाद ही पर्यटक आने लगे, लेकिन अब लेह हिंसा ने और परेशानी खड़ी कर दी है। पूर क्षेत्र में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद हैं। एक होटल मैनेजर नसीब सिंह ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि पिछले एक हफ्ते से एडवांस बुकिंग रद्द हो रही हैं। शहर बंद होने से सामान की कमी हो गई है। ताइवान की टूरिस्ट शीना ने बताया कि यहां पहुंचते ही सब बंद मिला। वे करेंसी बदल नहीं सकीं, खाना नहीं खरीद सकीं। पैंगोंग झील घूमने का प्लान था, लेकिन परमिट नहीं मिला। 5 तस्वीरों में देखिए कर्फ्यू का हाल…
लेह हिंसा के बाद अब तक क्या-क्या कार्रवाई हुई… ————————————— लेह हिंसा से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… राहुल बोले- लद्दाख की संस्कृति भाजपा-RSS के निशाने पर:वहां के लोगों ने आवाज उठाई, भाजपा ने 4 की हत्या कराई; ये हिंसा बंद हो लेह हिंसा के 4 दिन बाद कांग्रेस सासंद राहुल गांधी का रिएक्शन आया। राहुल ने सोशल मीडिया X पर लिखा कि लद्दाख के अद्भुत लोग, संस्कृति और उनकी परंपराएं भाजपा और आरएसएस के निशाने पर हैं। लद्दाख के लोगों ने आवाज उठाई। भाजपा ने जवाब में चार युवकों की हत्या कर दी और सोनम वांगचुक को जेल में डाल दिया। ये हत्या बंद करो। ये हिंसा बंद करो और लद्दाख के लिए आवाज उठाओ। पूरी खबर पढ़ें… लेह हिंसा- सुरक्षा घेरे में दो मृतकों का अंतिम संस्कार:मीडिया पर रोक; 6 साल से सुलग रहे थे युवाओं के नौकरी समेत कई मुद्दे 24 सितंबर की हिंसा में 3 युवा और 46 वर्षीय एक पूर्व सैनिक सेवांग थार्चिंग मारे गए थे। थार्चिंग करगिल युद्ध लड़ चुके थे। 1996 से 2017 तक सैनिक और लद्दाख स्काउट्स के हवलदार के रूप में सैन्य सेवा दे चुके थे। इन चार में से दो जिग्मेट दोरजय और स्टांजिन नामज्ञाल का अंतिम संस्कार रविवार को हुआ। लोकल और राष्ट्रीय मीडिया भी इसमें शामिल होना चाहता था, लेकिन जिग्मेट के घर से 200 मी. पहले ही पुलिस ने रोककर कहा- इजाजत नहीं है। पूरी खबर पढ़ें…