हरियाणा के सोनीपत जिले में बीती देर रात भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.4 मापी गई। अचानक आए झटकों के कारण कई लोग नींद से जाग गए और घरों से बाहर निकल आए। देर रात होने की वजह से शुरुआत में किसी को समझ नहीं आया कि आखिर क्या हुआ। जानकारी के अनुसार, भूकंप रात 1 बजकर 47 मिनट पर आया। इसका केंद्र सोनीपत रहा। हल्के झटकों के बावजूद इसे स्पष्ट रूप से महसूस किया गया। भूकंप के बाद लोगों में भय का माहौल देखा गया। हालांकि, किसी भी प्रकार की जनहानि या संपत्ति के नुकसान की कोई सूचना नहीं है। 2025 में कब कहां आया भूकंप.. हरियाणा में क्यों आता है बार-बार भूकंप
भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक उत्तराखंड के देहरादून से लेकर हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले तक जमीन के नीचे एक फॉल्ट लाइन है। इसमें जब प्लेट मूवमेंट होती है तो इसके आपस में टकराने से कंपन पैदा होता है। जिससे भूकंप के झटके महसूस होते हैं। क्यों और कैसे आता है भूकंप
हमारी धरती की सतह मुख्य तौर पर 7 बड़ी और कई छोटी-छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से मिलकर बनी है। ये प्लेट्स लगातार तैरती रहती हैं और कई बार आपस में टकरा जाती हैं। टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्यादा दबाव पड़ने पर ये प्लेट्स टूटने लगती हैं। ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्ता खोजती है और इस डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।
हरियाणा के सोनीपत जिले में बीती देर रात भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.4 मापी गई। अचानक आए झटकों के कारण कई लोग नींद से जाग गए और घरों से बाहर निकल आए। देर रात होने की वजह से शुरुआत में किसी को समझ नहीं आया कि आखिर क्या हुआ। जानकारी के अनुसार, भूकंप रात 1 बजकर 47 मिनट पर आया। इसका केंद्र सोनीपत रहा। हल्के झटकों के बावजूद इसे स्पष्ट रूप से महसूस किया गया। भूकंप के बाद लोगों में भय का माहौल देखा गया। हालांकि, किसी भी प्रकार की जनहानि या संपत्ति के नुकसान की कोई सूचना नहीं है। 2025 में कब कहां आया भूकंप.. हरियाणा में क्यों आता है बार-बार भूकंप
भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक उत्तराखंड के देहरादून से लेकर हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले तक जमीन के नीचे एक फॉल्ट लाइन है। इसमें जब प्लेट मूवमेंट होती है तो इसके आपस में टकराने से कंपन पैदा होता है। जिससे भूकंप के झटके महसूस होते हैं। क्यों और कैसे आता है भूकंप
हमारी धरती की सतह मुख्य तौर पर 7 बड़ी और कई छोटी-छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से मिलकर बनी है। ये प्लेट्स लगातार तैरती रहती हैं और कई बार आपस में टकरा जाती हैं। टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्यादा दबाव पड़ने पर ये प्लेट्स टूटने लगती हैं। ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्ता खोजती है और इस डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।