लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य और संजय यादव के बीच मनमुटाव के बीच तेजस्वी ने आज यानी शुक्रवार को पहली बार बयान दिया है। तेजस्वी ने कहा है कि, ‘रोहिणी दीदी हमारी बड़ी बहन हैं, हमको पाला और बड़ा किया है। उन्होंने जो कुर्बानी दी है शायद ही आज के समय में कोई अपने परिवार के लिए करता है। उन्होंने पिता को अपनी किडनी दी है। छपरा की जनता ही चाहती थी कि वह राजनीति में आए, इसके बाद हमारे पिता लालू जी ने उन्हें वहां से टिकट दिया। उनकी लालसा न कभी टिकट पाने की रही, ना किसी को टिकट दिलवाने में रही। उस समय भी सम्राट चौधरी ने कहा ने कहा था कि देखो लालू जी टिकट देकर किडनी ले रहे हैं। एक बाप बेटी के रिश्ते पर किस तरीके से उन्होंने सवाल उठाया था। ये लोग मां बहन की इज्जत करने वाले लोग हैं क्या।’ आज यानी शुक्रवार को बीजेपी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा है कि ‘रणनीतिकार संजय यादव की नई रणनीति – लालू जी की बिटिया को करो बदनाम।’ इसके साथ दो तस्वीरें भी शेयर की गई हैं। वहीं संजय यादव ने कहा कि ‘मसला मीडिया ने खड़ा किया है। रोहिणी दीदी ने जिस संदर्भ में कहा था, उसको हमलोगों ने समझा। आरजेडी एकजुट है।’ रोहिणी ने कहा था- किडनी नहीं दी, साबित करो RJD सुप्रीमो की बेटी रोहिणी आचार्या ने 24 सितंबर को फेसबुक पर लिखा, ‘मेरी खुली चुनौती है सभी गंदी सोच रखने वालों को साबित कर दें कि मैंने अपने या किसी और के लिए भी कभी कोई मांग “किसी” के पास रखी है। आदरणीय पिता को मेरे द्वारा अपनी किडनी दिया जाना झूठ है। ये प्रूफ हुआ तो मैं राजनीतिक और सार्वजनिक जीवन से खुद को अलग कर लूंगी।’ उन्होंने आगे कहा, ‘साथ ही दोषारोपण करने वाले अगर अपना झूठ-दुष्प्रचार साबित नहीं कर सके, तो उनमें भी इतना साहस होना चाहिए कि वो सब के सब ‘जिस किसी’ के भी कहने पर ऐसा कर- कह रहे हैं उसके साथ सार्वजनिक तौर पर मुझसे और देश की हर मां-बहन-बेटी से ये कहते हुए माफी मांगें कि “भविष्य में वो कभी किसी मां-बहन-बेटी के बारे में कोई अपमानजनक और झूठी बात नहीं कहेंगे और फैलाएंगे।’ संजय यादव के फ्रंट सीट पर बैठने से शुरू हुआ विवाद आरजेडी नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की बिहार अधिकार यात्रा के लिए एक बस को रथ का रूप दिया गया था। इस बस की फ्रंट सीट पर तेजस्वी यादव के बैठने की व्यवस्था थी। लेकिन सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हुई, जिसमें उस सीट पर तेजस्वी नहीं, बल्कि उनके खास और राज्यसभा सांसद संजय यादव बैठे दिखे। यह तस्वीर देखते ही परिवार और पार्टी के भीतर विरोध की आवाजें तेज हो गईं। आलोक कुमार का पोस्ट और रोहिणी का समर्थन आलोक कुमार ने इस तस्वीर पर आपत्ति जताते हुए फेसबुक पर लिखा था– आगे की सीट सदैव सर्वोच्च नेता के लिए निर्धारित होती है। यदि कोई खुद को शीर्ष नेतृत्व से भी बड़ा समझने लगे तो यह और भी गंभीर बात है। इस पोस्ट को बिना किसी टिप्पणी के रोहिणी आचार्य ने अपनी वॉल पर साझा कर दिया। बस, यहीं से यह विवाद और गहराता चला गया। विवाद के बाद डैमेज कंट्रोल हालांकि, शाम होते-होते रोहिणी ने डैमेज कंट्रोल की कोशिश की। उन्होंने X पर एक पोस्ट में तेजस्वी की गाड़ी की फ्रंट सीट पर बैठे दो नेताओं की तस्वीर साझा करते हुए लिखा– वंचितों और समाज के आखिरी पायदान पर खड़े वर्ग को आगे लाना ही राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय लालू प्रसाद जी के सामाजिक-आर्थिक न्याय के अभियान का मूल मकसद रहा है। इन तस्वीरों में समाज के इन्हीं तबके से आने वालों को आगे बैठे देखना सुखद अनुभूति है। लेकिन, तब तक यह विवाद राजनीतिक चर्चा का विषय बन चुका था। रोहिणी ने अपने X अकाउंट से ये 2 तस्वीरें शेयर की थी… संजय यादव को लेकर शुरू हुआ विवाद लालू तक पहुंचा तेजप्रताप को पार्टी से निकाले जाने के बाद लालू परिवार में ये नया बवाल तेजस्वी के करीबी संजय यादव को लेकर शुरू हुआ। इससे पहले 20 सितंबर को रोहिणी आचार्य ने पिता लालू यादव, तेजस्वी यादव, राजद और परिवार के अन्य सदस्यों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अन फॉलो कर दिया। तेजप्रताप यादव बहन रोहिणी के बचाव में उतर गए। उन्होंने कहा, ‘मैं उनकी गोद में खेला हूं। जो उन्होंने किया है वो किसी भी मां, किसी भी बहन और किसी भी बेटी के लिए बड़ी बात है। अगर मेरी बहन का किसी ने अपमान किया तो सुदर्शन चक्र चलाऊंगा।’ उन्होंने ये भी कहा कि, रोहिणी पूरी तरह सही हैं। संजय यादव को लेकर तेजस्वी और रोहिणी के बीच मतभेद बढ़ गया है। तेजस्वी के करीबी संजय यादव पर रोहिणी की आपत्ति सोशल मीडिया पर खुलकर सामने आई। उनके एक्स अकाउंट पर एक के बाद एक कई पोस्ट दिखे। 19 सितंबर की रात भी उन्होंने दो पोस्ट किए और खुद को एक जिम्मेदार बेटी और बहन बताया, लेकिन अगली सुबह शनिवार को अचानक उन्होंने अपने एक्स अकाउंट को प्राइवेट कर लिया। 20 सितंबर की सुबह 8 बजे तक जो पोस्ट सार्वजनिक थे, वे 8 बजे के बाद अचानक से गायब हो गए, लेकिन शाम होते-होते रोहिणी ने एक्स अकाउंट को प्राइवेट की कैटेगरी से हटा दिया। 19 सितंबर को बैक टू बैक 2 पोस्ट से गरमाई सियासी चर्चा राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी और तेजस्वी यादव की बहन रोहिणी आचार्य ने 19 सितंबर को सोशल मीडिया पर लगातार दो पोस्ट साझा किए। इन पोस्टों में उन्होंने इशारों-इशारों में पार्टी और परिवार के भीतर चल रही खींचतान पर अपनी नाराजगी जाहिर की। पहले पोस्ट में उन्होंने अपने पिता लालू यादव की तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा था कि, ‘जो जान हथेली पर रखते हुए बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने का जज्बा रखते हैं, बेखौफी-बेबाकी-खुद्दारी तो उनके लहू में बहती है।’ इसके कुछ ही घंटे बाद उन्होंने दूसरा पोस्ट किया, जिसमें लिखा – ‘मैं एक बेटी व बहन के तौर पर अपना कर्तव्य एवं धर्म निभाया है और आगे भी निभाती रहूंगी। मुझे किसी पद की लालसा नहीं है। न मेरी कोई राजनीतिक महात्वाकांक्षा है, मेरे लिए मेरा आत्म सम्मान सर्वोपरि है।’ रोहिणी के इन इमोशनल पोस्टों ने पार्टी और सियासी गलियारों में हलचल तेज कर दी। तेजप्रताप पहले से ही संजय यादव को लेकर नाराज हैं लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव पहले भी संजय यादव पर कई बार निशाना साधते रहे हैं। उन्होंने सार्वजनिक मंचों से कहा कि पार्टी और परिवार में “जयचंद” मौजूद हैं। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक उनका इशारा सीधे संजय यादव की ओर रहा है। कौन हैं संजय यादव? हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के नांगल सिरोही गांव के रहने वाले संजय यादव वर्तमान में राज्यसभा सांसद हैं। लेकिन उनकी पहचान सिर्फ सांसद तक सीमित नहीं है। पार्टी के भीतर छोटे-बड़े फैसलों में उनका दखल माना जाता है। तेजस्वी और संजय की दोस्ती क्रिकेट के मैदान से शुरू हुई थी। जब लालू प्रसाद यादव जेल गए तो परिवार ने तेजस्वी को पटना में सक्रिय राजनीति में लाने की जिम्मेदारी दी। उसी समय संजय यादव को बुलाया गया और तभी से उनकी भूमिका लगातार बढ़ती गई।
लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य और संजय यादव के बीच मनमुटाव के बीच तेजस्वी ने आज यानी शुक्रवार को पहली बार बयान दिया है। तेजस्वी ने कहा है कि, ‘रोहिणी दीदी हमारी बड़ी बहन हैं, हमको पाला और बड़ा किया है। उन्होंने जो कुर्बानी दी है शायद ही आज के समय में कोई अपने परिवार के लिए करता है। उन्होंने पिता को अपनी किडनी दी है। छपरा की जनता ही चाहती थी कि वह राजनीति में आए, इसके बाद हमारे पिता लालू जी ने उन्हें वहां से टिकट दिया। उनकी लालसा न कभी टिकट पाने की रही, ना किसी को टिकट दिलवाने में रही। उस समय भी सम्राट चौधरी ने कहा ने कहा था कि देखो लालू जी टिकट देकर किडनी ले रहे हैं। एक बाप बेटी के रिश्ते पर किस तरीके से उन्होंने सवाल उठाया था। ये लोग मां बहन की इज्जत करने वाले लोग हैं क्या।’ आज यानी शुक्रवार को बीजेपी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा है कि ‘रणनीतिकार संजय यादव की नई रणनीति – लालू जी की बिटिया को करो बदनाम।’ इसके साथ दो तस्वीरें भी शेयर की गई हैं। वहीं संजय यादव ने कहा कि ‘मसला मीडिया ने खड़ा किया है। रोहिणी दीदी ने जिस संदर्भ में कहा था, उसको हमलोगों ने समझा। आरजेडी एकजुट है।’ रोहिणी ने कहा था- किडनी नहीं दी, साबित करो RJD सुप्रीमो की बेटी रोहिणी आचार्या ने 24 सितंबर को फेसबुक पर लिखा, ‘मेरी खुली चुनौती है सभी गंदी सोच रखने वालों को साबित कर दें कि मैंने अपने या किसी और के लिए भी कभी कोई मांग “किसी” के पास रखी है। आदरणीय पिता को मेरे द्वारा अपनी किडनी दिया जाना झूठ है। ये प्रूफ हुआ तो मैं राजनीतिक और सार्वजनिक जीवन से खुद को अलग कर लूंगी।’ उन्होंने आगे कहा, ‘साथ ही दोषारोपण करने वाले अगर अपना झूठ-दुष्प्रचार साबित नहीं कर सके, तो उनमें भी इतना साहस होना चाहिए कि वो सब के सब ‘जिस किसी’ के भी कहने पर ऐसा कर- कह रहे हैं उसके साथ सार्वजनिक तौर पर मुझसे और देश की हर मां-बहन-बेटी से ये कहते हुए माफी मांगें कि “भविष्य में वो कभी किसी मां-बहन-बेटी के बारे में कोई अपमानजनक और झूठी बात नहीं कहेंगे और फैलाएंगे।’ संजय यादव के फ्रंट सीट पर बैठने से शुरू हुआ विवाद आरजेडी नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की बिहार अधिकार यात्रा के लिए एक बस को रथ का रूप दिया गया था। इस बस की फ्रंट सीट पर तेजस्वी यादव के बैठने की व्यवस्था थी। लेकिन सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हुई, जिसमें उस सीट पर तेजस्वी नहीं, बल्कि उनके खास और राज्यसभा सांसद संजय यादव बैठे दिखे। यह तस्वीर देखते ही परिवार और पार्टी के भीतर विरोध की आवाजें तेज हो गईं। आलोक कुमार का पोस्ट और रोहिणी का समर्थन आलोक कुमार ने इस तस्वीर पर आपत्ति जताते हुए फेसबुक पर लिखा था– आगे की सीट सदैव सर्वोच्च नेता के लिए निर्धारित होती है। यदि कोई खुद को शीर्ष नेतृत्व से भी बड़ा समझने लगे तो यह और भी गंभीर बात है। इस पोस्ट को बिना किसी टिप्पणी के रोहिणी आचार्य ने अपनी वॉल पर साझा कर दिया। बस, यहीं से यह विवाद और गहराता चला गया। विवाद के बाद डैमेज कंट्रोल हालांकि, शाम होते-होते रोहिणी ने डैमेज कंट्रोल की कोशिश की। उन्होंने X पर एक पोस्ट में तेजस्वी की गाड़ी की फ्रंट सीट पर बैठे दो नेताओं की तस्वीर साझा करते हुए लिखा– वंचितों और समाज के आखिरी पायदान पर खड़े वर्ग को आगे लाना ही राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय लालू प्रसाद जी के सामाजिक-आर्थिक न्याय के अभियान का मूल मकसद रहा है। इन तस्वीरों में समाज के इन्हीं तबके से आने वालों को आगे बैठे देखना सुखद अनुभूति है। लेकिन, तब तक यह विवाद राजनीतिक चर्चा का विषय बन चुका था। रोहिणी ने अपने X अकाउंट से ये 2 तस्वीरें शेयर की थी… संजय यादव को लेकर शुरू हुआ विवाद लालू तक पहुंचा तेजप्रताप को पार्टी से निकाले जाने के बाद लालू परिवार में ये नया बवाल तेजस्वी के करीबी संजय यादव को लेकर शुरू हुआ। इससे पहले 20 सितंबर को रोहिणी आचार्य ने पिता लालू यादव, तेजस्वी यादव, राजद और परिवार के अन्य सदस्यों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अन फॉलो कर दिया। तेजप्रताप यादव बहन रोहिणी के बचाव में उतर गए। उन्होंने कहा, ‘मैं उनकी गोद में खेला हूं। जो उन्होंने किया है वो किसी भी मां, किसी भी बहन और किसी भी बेटी के लिए बड़ी बात है। अगर मेरी बहन का किसी ने अपमान किया तो सुदर्शन चक्र चलाऊंगा।’ उन्होंने ये भी कहा कि, रोहिणी पूरी तरह सही हैं। संजय यादव को लेकर तेजस्वी और रोहिणी के बीच मतभेद बढ़ गया है। तेजस्वी के करीबी संजय यादव पर रोहिणी की आपत्ति सोशल मीडिया पर खुलकर सामने आई। उनके एक्स अकाउंट पर एक के बाद एक कई पोस्ट दिखे। 19 सितंबर की रात भी उन्होंने दो पोस्ट किए और खुद को एक जिम्मेदार बेटी और बहन बताया, लेकिन अगली सुबह शनिवार को अचानक उन्होंने अपने एक्स अकाउंट को प्राइवेट कर लिया। 20 सितंबर की सुबह 8 बजे तक जो पोस्ट सार्वजनिक थे, वे 8 बजे के बाद अचानक से गायब हो गए, लेकिन शाम होते-होते रोहिणी ने एक्स अकाउंट को प्राइवेट की कैटेगरी से हटा दिया। 19 सितंबर को बैक टू बैक 2 पोस्ट से गरमाई सियासी चर्चा राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी और तेजस्वी यादव की बहन रोहिणी आचार्य ने 19 सितंबर को सोशल मीडिया पर लगातार दो पोस्ट साझा किए। इन पोस्टों में उन्होंने इशारों-इशारों में पार्टी और परिवार के भीतर चल रही खींचतान पर अपनी नाराजगी जाहिर की। पहले पोस्ट में उन्होंने अपने पिता लालू यादव की तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा था कि, ‘जो जान हथेली पर रखते हुए बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने का जज्बा रखते हैं, बेखौफी-बेबाकी-खुद्दारी तो उनके लहू में बहती है।’ इसके कुछ ही घंटे बाद उन्होंने दूसरा पोस्ट किया, जिसमें लिखा – ‘मैं एक बेटी व बहन के तौर पर अपना कर्तव्य एवं धर्म निभाया है और आगे भी निभाती रहूंगी। मुझे किसी पद की लालसा नहीं है। न मेरी कोई राजनीतिक महात्वाकांक्षा है, मेरे लिए मेरा आत्म सम्मान सर्वोपरि है।’ रोहिणी के इन इमोशनल पोस्टों ने पार्टी और सियासी गलियारों में हलचल तेज कर दी। तेजप्रताप पहले से ही संजय यादव को लेकर नाराज हैं लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव पहले भी संजय यादव पर कई बार निशाना साधते रहे हैं। उन्होंने सार्वजनिक मंचों से कहा कि पार्टी और परिवार में “जयचंद” मौजूद हैं। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक उनका इशारा सीधे संजय यादव की ओर रहा है। कौन हैं संजय यादव? हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के नांगल सिरोही गांव के रहने वाले संजय यादव वर्तमान में राज्यसभा सांसद हैं। लेकिन उनकी पहचान सिर्फ सांसद तक सीमित नहीं है। पार्टी के भीतर छोटे-बड़े फैसलों में उनका दखल माना जाता है। तेजस्वी और संजय की दोस्ती क्रिकेट के मैदान से शुरू हुई थी। जब लालू प्रसाद यादव जेल गए तो परिवार ने तेजस्वी को पटना में सक्रिय राजनीति में लाने की जिम्मेदारी दी। उसी समय संजय यादव को बुलाया गया और तभी से उनकी भूमिका लगातार बढ़ती गई।