
हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी (HSGMC) के चुनाव के लिए वोटिंग शुरू हो गई है। कड़ाके की ठंड और घने कोहरे के बीच मतदाता मतदान केंद्रों पर पहुंचने लगे हैं। जिलों में स्थानीय प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं। वोटिंग शाम 5 बजे तक चलेगी। इसके बाद काउंटिंग कर रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा। वैसे तो ये चुनाव कुल 40 वार्डों में होने थे, लेकिन एक वार्ड से सदस्य को निर्विरोध चुन लिया गया है इसलिए अब 39 वार्डों में ही चुनाव हो रहे हैं। इस चुनाव में कुल 164 उम्मीदवार मैदान में। कुल 3.50 लाख मतदाता हैं। चुनाव के दौरान सुरक्षा के लिए करीब 1.5 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। SC में पहुंचा मामला इसलिए नहीं हुआ चुनाव
पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार में कमेटी को लेकर फैसला हुआ था और एक एडहॉक कमेटी भी बनाई गई थी। उस वक्त मामला सुप्रीम कोर्ट तक जाने से चुनाव नहीं हो पाए। इसके बाद भाजपा सरकार में फैसला हरियाणा के हक में आया, लेकिन फिर चुनाव नहीं हो पाए। इसके कारण 18 माह के लिए फिर से एडहॉक कमेटी गठित हुई थी। गठन के 11 साल बाद हो रहे चुनाव
HSGMC एक ऐसा संगठन है जो हरियाणा में सिख गुरुद्वारों के रखरखाव के लिए जिम्मेदार है। इसका गठन 11 जुलाई 2014 को हरियाणा विधान सभा विधेयक द्वारा किया गया था। इससे पहले, हरियाणा के गुरुद्वारे आधिकारिक तौर पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) के अधीन थे। जब HSGMC के गठन की बात चली थी तो तब SGPC ने इसका खूब विरोध किया था। इस मामले को लेकर वो सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गए थे। हालांकि HSGMC का गठन तो हो गया, लेकिन इसके चुनाव नहीं हो पाए थे। अब 11 साल बाद पहली बार ऐसा होगा कि लोग HSGMC के सदस्यों का चुनाव करेंगे। कमेटी में होंगे 49 सदस्य, 126 ने नाम वापस लिया
इस कमेटी में 40 सदस्यों के अलावा 9 सदस्य हरियाणा सरकार नोमिनेट करेगी। यानी कमेटी में कुल 49 सदस्य होंगे। वहीं, 40 वार्डों में 290 उम्मीदवारों ने नामांकन किया था, लेकिन बाद में 126 ने अपना नाम वापस ले लिया। जिसके कारण अब सिर्फ 164 उम्मीदवार ही बचे हैं। गुरुद्वारा इलेक्शन के चेयरमैन रिटायर्ड जस्टिस एचएस भल्ला की ओर से सभी जिलों में प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं, ताकि किसी भी स्थिति को संभाला जा सके। कोई भी राजनीतिक दल नहीं लड़ रहा चुनाव
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने किसी भी राजनीतिक दल को इस चुनाव में उतरने की अनुमति नहीं दी है। इसलिए चुनावी मैदान में 4 अलग-अलग संगठन उतरे हैं। बताया जा रहा है कि कुछ निर्दलीय प्रत्याशी भी अहम मुकाबले में है। वहीं कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार कुछ सियासी पार्टियां भी परदे के पीछे से उम्मीदवारों का समर्थन कर रही हैं।
हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी (HSGMC) के चुनाव के लिए वोटिंग शुरू हो गई है। कड़ाके की ठंड और घने कोहरे के बीच मतदाता मतदान केंद्रों पर पहुंचने लगे हैं। जिलों में स्थानीय प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं। वोटिंग शाम 5 बजे तक चलेगी। इसके बाद काउंटिंग कर रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा। वैसे तो ये चुनाव कुल 40 वार्डों में होने थे, लेकिन एक वार्ड से सदस्य को निर्विरोध चुन लिया गया है इसलिए अब 39 वार्डों में ही चुनाव हो रहे हैं। इस चुनाव में कुल 164 उम्मीदवार मैदान में। कुल 3.50 लाख मतदाता हैं। चुनाव के दौरान सुरक्षा के लिए करीब 1.5 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। SC में पहुंचा मामला इसलिए नहीं हुआ चुनाव
पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार में कमेटी को लेकर फैसला हुआ था और एक एडहॉक कमेटी भी बनाई गई थी। उस वक्त मामला सुप्रीम कोर्ट तक जाने से चुनाव नहीं हो पाए। इसके बाद भाजपा सरकार में फैसला हरियाणा के हक में आया, लेकिन फिर चुनाव नहीं हो पाए। इसके कारण 18 माह के लिए फिर से एडहॉक कमेटी गठित हुई थी। गठन के 11 साल बाद हो रहे चुनाव
HSGMC एक ऐसा संगठन है जो हरियाणा में सिख गुरुद्वारों के रखरखाव के लिए जिम्मेदार है। इसका गठन 11 जुलाई 2014 को हरियाणा विधान सभा विधेयक द्वारा किया गया था। इससे पहले, हरियाणा के गुरुद्वारे आधिकारिक तौर पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) के अधीन थे। जब HSGMC के गठन की बात चली थी तो तब SGPC ने इसका खूब विरोध किया था। इस मामले को लेकर वो सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गए थे। हालांकि HSGMC का गठन तो हो गया, लेकिन इसके चुनाव नहीं हो पाए थे। अब 11 साल बाद पहली बार ऐसा होगा कि लोग HSGMC के सदस्यों का चुनाव करेंगे। कमेटी में होंगे 49 सदस्य, 126 ने नाम वापस लिया
इस कमेटी में 40 सदस्यों के अलावा 9 सदस्य हरियाणा सरकार नोमिनेट करेगी। यानी कमेटी में कुल 49 सदस्य होंगे। वहीं, 40 वार्डों में 290 उम्मीदवारों ने नामांकन किया था, लेकिन बाद में 126 ने अपना नाम वापस ले लिया। जिसके कारण अब सिर्फ 164 उम्मीदवार ही बचे हैं। गुरुद्वारा इलेक्शन के चेयरमैन रिटायर्ड जस्टिस एचएस भल्ला की ओर से सभी जिलों में प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं, ताकि किसी भी स्थिति को संभाला जा सके। कोई भी राजनीतिक दल नहीं लड़ रहा चुनाव
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने किसी भी राजनीतिक दल को इस चुनाव में उतरने की अनुमति नहीं दी है। इसलिए चुनावी मैदान में 4 अलग-अलग संगठन उतरे हैं। बताया जा रहा है कि कुछ निर्दलीय प्रत्याशी भी अहम मुकाबले में है। वहीं कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार कुछ सियासी पार्टियां भी परदे के पीछे से उम्मीदवारों का समर्थन कर रही हैं।