कनाडा में बढ़ते गैंग अपराध और हिंसक घटनाओं के बीच फिर से लॉरेंस बिश्नोई गैंग को आतंकी संगठन घोषित करने की मांग उठी है। कंजरवेटिव पार्टी ने संघीय सरकार से इस गैंग को आतंकी घोषित करने की अपील की है। उनका कहना है कि यह गैंग पूरे देश में हिंसक अपराध, धमकियां और डर फैलाने वाली घटनाओं में शामिल है, खासकर ब्रिटिश कोलंबिया, अल्बर्टा और ओंटारियो में दक्षिण एशियाई समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है। पार्टी के नेताओं ने सोमवार को सरकार को एक पत्र भेजा, जिसमें बताया गया कि यह गैंग सोशल मीडिया पर खुलेआम कई हमलों की जिम्मेदारी ले चुका है। इनमें हाल ही में सरे के एक कैफे पर हुई गोलीबारी भी शामिल है, जो मशहूर कॉमेडियन और बॉलीवुड अभिनेता कपिल शर्मा का कैफे है। इसके अलावा, यह गैंग जून 2023 में सरे गुरुद्वारा के प्रमुख और खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भी संदिग्ध माना जाता है। जैसा कंजरवेटिव सांसद ने पब्लिक सेफ्टी मंत्री को भेजे गए लेटर में कहा कंजरवेटिव पार्टी के पब्लिक सेफ्टी शैडो मिनिस्टर फ्रैंक कैपुटो ने पब्लिक सेफ्टी मंत्री गैरी आनंद संगरी को लिखे पत्र में कहा- लॉरेंस बिश्नोई गैंग की गतिविधियां इसे आतंकी संगठन घोषित करने के लिए पर्याप्त आधार प्रदान करती हैं। यह गैंग कनाडा और विदेश में हिंसक घटनाओं की जिम्मेदारी ले चुका है। इसकी गतिविधियों में राजनीतिक गोलीबारी, दक्षिण एशियाई कनाडाई नागरिकों से वसूली और हिंसा शामिल है। यह गैंग राजनीतिक, धार्मिक और वैचारिक कारणों से ऐसी घटनाओं में शामिल होता है और इनके सदस्य खुलेआम ऐसे कृत्यों का बखान करते हैं, ताकि अन्य संभावित लक्ष्यों को डराया जा सके। आपसे आग्रह करता हूं कि लौरेंस गैंग को आतंकी घोषित किया जाए, ताकि कानून प्रवर्तन एजेंसियों और सरकार के सभी स्तरों को इसके खिलाफ कार्रवाई के लिए आवश्यक कानूनी औजार मिल सकें। इस घोषणा से सरकार को इस गैंग के खिलाफ वित्तीय, आपराधिक और संपत्ति संबंधी प्रतिबंध लगाने का अधिकार मिलेगा। कई नेताओं ने सहमति जताई
ब्रिटिश कोलंबिया के प्रीमियर डेविड ईबी, अल्बर्टा की प्रीमियर डेनियल स्मिथ, ब्रैम्पटन के मेयर पैट्रिक ब्राउन और सरे की मेयर ब्रेंडा लॉक सहित कई नेताओं ने इस पर सहमति जताई है। यह मुद्दा कानून प्रवर्तन अधिकारियों के साथ भी चर्चा में आया है, जो दक्षिण एशियाई समुदाय और पूरे कनाडा में इस गैंग के आतंक के प्रभाव को प्रत्यक्ष रूप से देख चुके हैं। इसलिए आपसे आग्रह करता हूं कि आप कैबिनेट को सिफारिश करें कि बिश्नोई गैंग ने जानबूझकर आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया है। कनाडा से भारत काफी समय से गैंग्स पर कार्रवाई की मांग कर रही
भारत सरकार लंबे समय से कनाडा से उन गैंगस्टरों पर कार्रवाई की मांग करती रही है जो कनाडा में रहकर अपराध चला रहे हैं। इनमें गोल्डी बराड़ का नाम भी शामिल है, जो कभी बिश्नोई नेटवर्क से जुड़ा हुआ था। गोल्डी बराड़ 2022 में पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के मामले में भारत में वांछित है। हाल ही में खबरें आईं कि बराड़ और बिश्नोई के रास्ते अलग हो गए हैं, लेकिन दोनों ही अभी भी बड़े खतरे माने जाते हैं। गुजरात की साबरमती जेल से लॉरेंस बिश्नोई चला रहा नेटवर्क
लॉरेंस बिश्नोई पंजाब का रहने वाला है और इस समय भारत के अहमदाबाद स्थित साबरमती सेंट्रल जेल में बंद है। इसके बावजूद उस पर हत्याओं की साजिश रचने, वसूली और सीमा पार आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के आरोप हैं। कनाडाई अधिकारियों का कहना है कि बिश्नोई नेटवर्क कनाडा में चल रहे गैंग युद्ध से जुड़ा हुआ है, जिससे लक्षित समुदायों में डर का माहौल बढ़ रहा है। इन घटनाओं और बढ़ते खतरे के मद्देनज़र कनाडा में बिश्नोई गैंग को आतंकी संगठन घोषित करने की मांग अब और जोर पकड़ चुकी है, और अब निगाहें ओटावा की कार्रवाई पर टिकी हैं।
कनाडा में बढ़ते गैंग अपराध और हिंसक घटनाओं के बीच फिर से लॉरेंस बिश्नोई गैंग को आतंकी संगठन घोषित करने की मांग उठी है। कंजरवेटिव पार्टी ने संघीय सरकार से इस गैंग को आतंकी घोषित करने की अपील की है। उनका कहना है कि यह गैंग पूरे देश में हिंसक अपराध, धमकियां और डर फैलाने वाली घटनाओं में शामिल है, खासकर ब्रिटिश कोलंबिया, अल्बर्टा और ओंटारियो में दक्षिण एशियाई समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है। पार्टी के नेताओं ने सोमवार को सरकार को एक पत्र भेजा, जिसमें बताया गया कि यह गैंग सोशल मीडिया पर खुलेआम कई हमलों की जिम्मेदारी ले चुका है। इनमें हाल ही में सरे के एक कैफे पर हुई गोलीबारी भी शामिल है, जो मशहूर कॉमेडियन और बॉलीवुड अभिनेता कपिल शर्मा का कैफे है। इसके अलावा, यह गैंग जून 2023 में सरे गुरुद्वारा के प्रमुख और खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भी संदिग्ध माना जाता है। जैसा कंजरवेटिव सांसद ने पब्लिक सेफ्टी मंत्री को भेजे गए लेटर में कहा कंजरवेटिव पार्टी के पब्लिक सेफ्टी शैडो मिनिस्टर फ्रैंक कैपुटो ने पब्लिक सेफ्टी मंत्री गैरी आनंद संगरी को लिखे पत्र में कहा- लॉरेंस बिश्नोई गैंग की गतिविधियां इसे आतंकी संगठन घोषित करने के लिए पर्याप्त आधार प्रदान करती हैं। यह गैंग कनाडा और विदेश में हिंसक घटनाओं की जिम्मेदारी ले चुका है। इसकी गतिविधियों में राजनीतिक गोलीबारी, दक्षिण एशियाई कनाडाई नागरिकों से वसूली और हिंसा शामिल है। यह गैंग राजनीतिक, धार्मिक और वैचारिक कारणों से ऐसी घटनाओं में शामिल होता है और इनके सदस्य खुलेआम ऐसे कृत्यों का बखान करते हैं, ताकि अन्य संभावित लक्ष्यों को डराया जा सके। आपसे आग्रह करता हूं कि लौरेंस गैंग को आतंकी घोषित किया जाए, ताकि कानून प्रवर्तन एजेंसियों और सरकार के सभी स्तरों को इसके खिलाफ कार्रवाई के लिए आवश्यक कानूनी औजार मिल सकें। इस घोषणा से सरकार को इस गैंग के खिलाफ वित्तीय, आपराधिक और संपत्ति संबंधी प्रतिबंध लगाने का अधिकार मिलेगा। कई नेताओं ने सहमति जताई
ब्रिटिश कोलंबिया के प्रीमियर डेविड ईबी, अल्बर्टा की प्रीमियर डेनियल स्मिथ, ब्रैम्पटन के मेयर पैट्रिक ब्राउन और सरे की मेयर ब्रेंडा लॉक सहित कई नेताओं ने इस पर सहमति जताई है। यह मुद्दा कानून प्रवर्तन अधिकारियों के साथ भी चर्चा में आया है, जो दक्षिण एशियाई समुदाय और पूरे कनाडा में इस गैंग के आतंक के प्रभाव को प्रत्यक्ष रूप से देख चुके हैं। इसलिए आपसे आग्रह करता हूं कि आप कैबिनेट को सिफारिश करें कि बिश्नोई गैंग ने जानबूझकर आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया है। कनाडा से भारत काफी समय से गैंग्स पर कार्रवाई की मांग कर रही
भारत सरकार लंबे समय से कनाडा से उन गैंगस्टरों पर कार्रवाई की मांग करती रही है जो कनाडा में रहकर अपराध चला रहे हैं। इनमें गोल्डी बराड़ का नाम भी शामिल है, जो कभी बिश्नोई नेटवर्क से जुड़ा हुआ था। गोल्डी बराड़ 2022 में पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के मामले में भारत में वांछित है। हाल ही में खबरें आईं कि बराड़ और बिश्नोई के रास्ते अलग हो गए हैं, लेकिन दोनों ही अभी भी बड़े खतरे माने जाते हैं। गुजरात की साबरमती जेल से लॉरेंस बिश्नोई चला रहा नेटवर्क
लॉरेंस बिश्नोई पंजाब का रहने वाला है और इस समय भारत के अहमदाबाद स्थित साबरमती सेंट्रल जेल में बंद है। इसके बावजूद उस पर हत्याओं की साजिश रचने, वसूली और सीमा पार आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के आरोप हैं। कनाडाई अधिकारियों का कहना है कि बिश्नोई नेटवर्क कनाडा में चल रहे गैंग युद्ध से जुड़ा हुआ है, जिससे लक्षित समुदायों में डर का माहौल बढ़ रहा है। इन घटनाओं और बढ़ते खतरे के मद्देनज़र कनाडा में बिश्नोई गैंग को आतंकी संगठन घोषित करने की मांग अब और जोर पकड़ चुकी है, और अब निगाहें ओटावा की कार्रवाई पर टिकी हैं।