ब्रिटिश नौसेना के लड़ाकू विमान F-35B ने मंगलवार को 38 दिन बाद केरल के तिरुवनंतपुरम इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरी। हाइड्रोलिक फेल होने की वजह से जेट उड़ान नहीं भर पा रहा था। जेट को ठीक करने के लिए 25 इंजीनियरों की टीम 6 जुलाई को ब्रिटेन से भारत पहुंची थी। एयरक्राफ्ट F-35B 14 जून की रात जॉइंट समुद्री अभ्यास के तहत अरब सागर के ऊपर नियमित उड़ान पर था। खराब मौसम और कम ईंधन की वजह से केरल के तिरुवनंतपुरम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। लैंडिंग के बाद जेट में तकनीकी खराबी आ गई, जिसके कारण यह वापस नहीं जा सका। 918 करोड़ रुपए का यह विमान ब्रिटेन की रॉयल नेवी के HMS प्रिंस ऑफ वेल्स कैरियर स्ट्राइक ग्रुप का हिस्सा है। इसे दुनिया भर में सबसे एडवांस्ड फाइटर जेट में से एक माना जाता है। ब्रिटिश हाई कमीशन ने भारत का आभार जताया
ब्रिटिश हाई कमीशन के प्रवक्ता ने कहा, ‘F-35B विमान आज रवाना हुआ। 6 जुलाई से तैनात ब्रिटिश इंजीनियरिंग टीम ने मरम्मत और सिक्योरिटी चेकिंग पूरी करके विमान को एक्टिव सर्विस की इजाजत दे दी। मरम्मत और रिकवरी प्रोसेस के दौरान भारतीय अधिकारियों के सहयोग के लिए ब्रिटेन बहुत आभारी है। हम भारत के साथ अपनी रक्षा साझेदारी को और मजबूत करने के लिए तत्पर हैं।’ लाइटनिंग के नाम से मशहूर है F-35 जेट
ब्रिटिश सेवा में लाइटनिंग के नाम से जाना जाने वाला F-35 मॉडल, फाइटर जेट का शॉर्ट टेक ऑफ/वर्टिकल लैंडिंग (STOVL) वैरिएंट है। इसे शॉर्ट-फील्ड बेस और एयर कैपेबल जहाजों से ऑपरेट करने के लिए डिजाइन किया गया है। F-35B पांचवीं पीढ़ी का एकमात्र लड़ाकू जेट है, जिसमें छोटी हवाई पट्टी से उड़ान और वर्टिकल लैंडिंग की कैपेसिटी है। जो इसे छोटे डेक, साधारण ठिकानों और जहाजों से संचालन के लिए आदर्श बनाती हैं। F-35B को लॉकहीड मार्टिन कंपनी ने डेवलप किया है। इस प्लेन को 2006 से बनाना शुरू किया गया था। 2015 से यह अमेरिकी वायुसेना में शामिल है। ये पेंटागन के इतिहास का सबसे महंगा विमान है। अमेरिका एक F-35 फाइटर प्लेन पर औसतन 82.5 मिलियन डॉलर (करीब 715 करोड़ रुपए) खर्च करता है। ————————————————- F35 से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… भारत को F-35 क्यों बेचना चाहता है अमेरिका, दुनिया में सबसे महंगा फिर भी 5 साल में 9 बार क्रैश पीएम नरेंद्र मोदी के अमेरिकी दौरे पर सबसे ज्यादा चर्चा F-35 फाइटर जेट को लेकर हुई थी। मुलाकात के बाद साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रम्प ने कहा था कि हम भारत के साथ हथियारों की बिक्री बढ़ा रहे हैं और आखिरकार F-35 लड़ाकू विमान की डील का रास्ता भी बना रहे हैं। पूरी खबर पढ़ें…
ब्रिटिश नौसेना के लड़ाकू विमान F-35B ने मंगलवार को 38 दिन बाद केरल के तिरुवनंतपुरम इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरी। हाइड्रोलिक फेल होने की वजह से जेट उड़ान नहीं भर पा रहा था। जेट को ठीक करने के लिए 25 इंजीनियरों की टीम 6 जुलाई को ब्रिटेन से भारत पहुंची थी। एयरक्राफ्ट F-35B 14 जून की रात जॉइंट समुद्री अभ्यास के तहत अरब सागर के ऊपर नियमित उड़ान पर था। खराब मौसम और कम ईंधन की वजह से केरल के तिरुवनंतपुरम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। लैंडिंग के बाद जेट में तकनीकी खराबी आ गई, जिसके कारण यह वापस नहीं जा सका। 918 करोड़ रुपए का यह विमान ब्रिटेन की रॉयल नेवी के HMS प्रिंस ऑफ वेल्स कैरियर स्ट्राइक ग्रुप का हिस्सा है। इसे दुनिया भर में सबसे एडवांस्ड फाइटर जेट में से एक माना जाता है। ब्रिटिश हाई कमीशन ने भारत का आभार जताया
ब्रिटिश हाई कमीशन के प्रवक्ता ने कहा, ‘F-35B विमान आज रवाना हुआ। 6 जुलाई से तैनात ब्रिटिश इंजीनियरिंग टीम ने मरम्मत और सिक्योरिटी चेकिंग पूरी करके विमान को एक्टिव सर्विस की इजाजत दे दी। मरम्मत और रिकवरी प्रोसेस के दौरान भारतीय अधिकारियों के सहयोग के लिए ब्रिटेन बहुत आभारी है। हम भारत के साथ अपनी रक्षा साझेदारी को और मजबूत करने के लिए तत्पर हैं।’ लाइटनिंग के नाम से मशहूर है F-35 जेट
ब्रिटिश सेवा में लाइटनिंग के नाम से जाना जाने वाला F-35 मॉडल, फाइटर जेट का शॉर्ट टेक ऑफ/वर्टिकल लैंडिंग (STOVL) वैरिएंट है। इसे शॉर्ट-फील्ड बेस और एयर कैपेबल जहाजों से ऑपरेट करने के लिए डिजाइन किया गया है। F-35B पांचवीं पीढ़ी का एकमात्र लड़ाकू जेट है, जिसमें छोटी हवाई पट्टी से उड़ान और वर्टिकल लैंडिंग की कैपेसिटी है। जो इसे छोटे डेक, साधारण ठिकानों और जहाजों से संचालन के लिए आदर्श बनाती हैं। F-35B को लॉकहीड मार्टिन कंपनी ने डेवलप किया है। इस प्लेन को 2006 से बनाना शुरू किया गया था। 2015 से यह अमेरिकी वायुसेना में शामिल है। ये पेंटागन के इतिहास का सबसे महंगा विमान है। अमेरिका एक F-35 फाइटर प्लेन पर औसतन 82.5 मिलियन डॉलर (करीब 715 करोड़ रुपए) खर्च करता है। ————————————————- F35 से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… भारत को F-35 क्यों बेचना चाहता है अमेरिका, दुनिया में सबसे महंगा फिर भी 5 साल में 9 बार क्रैश पीएम नरेंद्र मोदी के अमेरिकी दौरे पर सबसे ज्यादा चर्चा F-35 फाइटर जेट को लेकर हुई थी। मुलाकात के बाद साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रम्प ने कहा था कि हम भारत के साथ हथियारों की बिक्री बढ़ा रहे हैं और आखिरकार F-35 लड़ाकू विमान की डील का रास्ता भी बना रहे हैं। पूरी खबर पढ़ें…