मिजोरम में तीन दिन से जारी ऑयल टैंकर ड्राइवर की हड़ताल से सोमवार को राजधानी आइजोल समेत राज्य के 70% पेट्रोल पंप ड्राई हो गए। राज्य सरकार ऑयल टैंकर्स एसोसिएशन से लगातार बातचीत कर रही है। हालांकि, एसोसिएशन का कहना है कि टूटी सड़कों से टैंकर्स नहीं ला सकते। हड़ताल के चलते राज्य में पेट्रोल-डीजल के साथ-साथ रोजमर्रा के सामान की सप्लाई भी ठप पड़ गई है। इसके चलते हर जरूरी सामान दोगुनी कीमत में मिल रहा है। आइजोल में सभी सब्जियां 100 से 150 रुपए प्रति किलो से ऊपर बिक रही हैं। एक लीटर दूध का दाम भी 110 से 160 रुपए के बीच है। 50 रुपए किलो वाला में बिकने वाला चावल 75 रुपए में बिक रहा है। आइजोल और लुंग्लेई में स्कूल की बसें बंद कर दी गई हैं। बच्चे पैदल स्कूल जा रहे हैं या फिर स्कूलों ने छुट्टी कर दी है। रोज 60 टैंकर 4-8 लाख लीटर फ्यूल सप्लाई करते हैं
राज्य में इंडियन ऑयल कार्पोरेशन लिमिटेड (IOCL), भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) के रोज कुल 60 से ज्यादा टैंकर पहुंचते हैं। ये 100 पेट्रोल पंपों पर करीब 4-8 लाख लीटर पेट्रोल-डीजल की सप्लाई करते हैं। राजधानी आइजोल में 25 फ्यूल पंप हैं। इनमें लगभग सभी ड्राई होने की कगार पर हैं। 25 में से 21 पेट्रोल पंप अभी से खाली हुए
आइजोल के डीलर ममाविया छकछुआक ने बताया कि शहर के 25 में से 21 फ्यूल पंप ड्राई हो चुके हैं। डीजल 19 जुलाई को ही खत्म हो चुका था। अभी तक खाने-पीने और अन्य जरूरी चीजों की सप्लाई लाइट कॉमर्शियल व्हीकल्स से हो रही थी, लेकिन सोमवार से ईंधन नहीं मिलने से ये भी ठप पड़ गई। जिन्होंने सामान स्टॉक करके रखा है, वे महंगे दाम पर बेच रहे हैं। NH-306 मिजोरम की लाइफलाइन, यही बंद
मिजोरम ऑयल टैंकर ड्राइवर्स एसोसिएशन (MOTDA) अध्यक्ष रोमेल लालरुदिका का कहना है कि सड़क इतनी खराब है कि 6 घंटे के सफर में 4 दिन लग रहे हैं। हमें जान की फिक्र है। नेशनल हाई-वे 6/306 मिजोरम की लाइफलाइन है। यह राज्य को असम के सिलचर शहर के जरिए देश के बाकी हिस्सों से जोड़ती है। तेल सहित सभी तरह की सप्लाई इसी हाईवे से आइजोल पहुंचती है। इसी हाईवे के एक हिस्से को NH- 6 कहा जाता है। MOTDA का कहना है कि हाईवे का 40 किमी का सैरांग-कौनपुई खंड इतना जर्जर हो चुका है कि इससे तेल टैंकर नहीं गुजार सकते। टूटी सड़कों पर तेल हिलने से टैंकर गैस चैंबर बन सकता है। इसलिए हमने अनिश्चितकाल के लिए सेवाएं बंद कर दी है। हमने 15 जुलाई को मुख्यमंत्री लल्दुहोमा से मिलकर भी अपनी बात कही थी, लेकिन समाधान नहीं मिला। इसकी वजह यह है कि सड़क के लिए राज्य सरकार के पास बजट और तकनीकी संसाधन नहीं हैं। ———————————————– नॉर्थ-ईस्ट से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… मणिपुर में जातीय हिंसा के बाद जबरन वसूली बढ़ी, पुलिस ने एंटी एक्सटॉर्शन सेल का गठन किया मणिपुर में जातीय हिंसा 3 मई 2023 को शुरू हुई थी। इस दौरान राज्य में जबरन वसूली की घटनाएं बढ़ी हैं। कई गैंग-गिरोह हैं जो जबरन वसूली करके अंडरग्राउंड हो जाते हैं। अब इनसे निपटने के लिए मणिपुर पुलिस ने स्पेशल सेल ‘एंटी एक्सटॉर्शन सेल’ का गठन किया है। पूरी खबर पढ़ें…
मिजोरम में तीन दिन से जारी ऑयल टैंकर ड्राइवर की हड़ताल से सोमवार को राजधानी आइजोल समेत राज्य के 70% पेट्रोल पंप ड्राई हो गए। राज्य सरकार ऑयल टैंकर्स एसोसिएशन से लगातार बातचीत कर रही है। हालांकि, एसोसिएशन का कहना है कि टूटी सड़कों से टैंकर्स नहीं ला सकते। हड़ताल के चलते राज्य में पेट्रोल-डीजल के साथ-साथ रोजमर्रा के सामान की सप्लाई भी ठप पड़ गई है। इसके चलते हर जरूरी सामान दोगुनी कीमत में मिल रहा है। आइजोल में सभी सब्जियां 100 से 150 रुपए प्रति किलो से ऊपर बिक रही हैं। एक लीटर दूध का दाम भी 110 से 160 रुपए के बीच है। 50 रुपए किलो वाला में बिकने वाला चावल 75 रुपए में बिक रहा है। आइजोल और लुंग्लेई में स्कूल की बसें बंद कर दी गई हैं। बच्चे पैदल स्कूल जा रहे हैं या फिर स्कूलों ने छुट्टी कर दी है। रोज 60 टैंकर 4-8 लाख लीटर फ्यूल सप्लाई करते हैं
राज्य में इंडियन ऑयल कार्पोरेशन लिमिटेड (IOCL), भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) के रोज कुल 60 से ज्यादा टैंकर पहुंचते हैं। ये 100 पेट्रोल पंपों पर करीब 4-8 लाख लीटर पेट्रोल-डीजल की सप्लाई करते हैं। राजधानी आइजोल में 25 फ्यूल पंप हैं। इनमें लगभग सभी ड्राई होने की कगार पर हैं। 25 में से 21 पेट्रोल पंप अभी से खाली हुए
आइजोल के डीलर ममाविया छकछुआक ने बताया कि शहर के 25 में से 21 फ्यूल पंप ड्राई हो चुके हैं। डीजल 19 जुलाई को ही खत्म हो चुका था। अभी तक खाने-पीने और अन्य जरूरी चीजों की सप्लाई लाइट कॉमर्शियल व्हीकल्स से हो रही थी, लेकिन सोमवार से ईंधन नहीं मिलने से ये भी ठप पड़ गई। जिन्होंने सामान स्टॉक करके रखा है, वे महंगे दाम पर बेच रहे हैं। NH-306 मिजोरम की लाइफलाइन, यही बंद
मिजोरम ऑयल टैंकर ड्राइवर्स एसोसिएशन (MOTDA) अध्यक्ष रोमेल लालरुदिका का कहना है कि सड़क इतनी खराब है कि 6 घंटे के सफर में 4 दिन लग रहे हैं। हमें जान की फिक्र है। नेशनल हाई-वे 6/306 मिजोरम की लाइफलाइन है। यह राज्य को असम के सिलचर शहर के जरिए देश के बाकी हिस्सों से जोड़ती है। तेल सहित सभी तरह की सप्लाई इसी हाईवे से आइजोल पहुंचती है। इसी हाईवे के एक हिस्से को NH- 6 कहा जाता है। MOTDA का कहना है कि हाईवे का 40 किमी का सैरांग-कौनपुई खंड इतना जर्जर हो चुका है कि इससे तेल टैंकर नहीं गुजार सकते। टूटी सड़कों पर तेल हिलने से टैंकर गैस चैंबर बन सकता है। इसलिए हमने अनिश्चितकाल के लिए सेवाएं बंद कर दी है। हमने 15 जुलाई को मुख्यमंत्री लल्दुहोमा से मिलकर भी अपनी बात कही थी, लेकिन समाधान नहीं मिला। इसकी वजह यह है कि सड़क के लिए राज्य सरकार के पास बजट और तकनीकी संसाधन नहीं हैं। ———————————————– नॉर्थ-ईस्ट से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… मणिपुर में जातीय हिंसा के बाद जबरन वसूली बढ़ी, पुलिस ने एंटी एक्सटॉर्शन सेल का गठन किया मणिपुर में जातीय हिंसा 3 मई 2023 को शुरू हुई थी। इस दौरान राज्य में जबरन वसूली की घटनाएं बढ़ी हैं। कई गैंग-गिरोह हैं जो जबरन वसूली करके अंडरग्राउंड हो जाते हैं। अब इनसे निपटने के लिए मणिपुर पुलिस ने स्पेशल सेल ‘एंटी एक्सटॉर्शन सेल’ का गठन किया है। पूरी खबर पढ़ें…