बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बयानों पर पलटवार किया है। त्रिवेदी ने कहा- प्लेन क्रैश हाईली टेक्निकल इश्यू है। इसकी जांच और रिपोर्ट उस विषय के विशेषज्ञ ही दे सकते हैं। यह केवल भारत सरकार का विषय नहीं है। इसके लिए इंटरनेशनल मानक तय हैं, जिसके तहत जांच होनी है। उन्होंने कहा- इसके बावजूद इस दुखद घटना पर राजनीति करके कांग्रेस ने न अपनी ओछी मानसिकता का परिचय दिया है। बल्कि अपनी अज्ञानता और राहुल गांधी के प्रभाव से आई हुई अपनी मानसिक विकलांगता भी परिचय दिया है। पता नहीं कैसे अशोक गहलोत जैसे वरिष्ठ नेताओं पर भी राहुल गांधी का प्रभाव आ जाता है। विदेश में सबसे ज्यादा घूमने वालों को विदेश नीति की सबसे कम समझ
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा- पहलगाम के हमले के लिए जिम्मेदार टीआरएफ को अमेरिका ने आतंकी संगठन करार देते हुए उस पर प्रतिबंध लगाया है। यह भारत की विदेश कूटनीति की सफलता है। आतंकवाद पर इससे पहले भी मोदी सरकार ने कई बार कूटनीतिक सफलता हासिल की है। ब्रिक्स सम्मेलन में भी जिस तरह से पीएम मोदी की उपस्थिति में आतंकवाद के खिलाफ प्रस्ताव पारित हुआ। यह एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की कूटनीतिक दक्षता और पीएम मोदी के नेतृत्व की सहज स्वीकार्यता का प्रमाण है। लेकिन मेरा मानना है कि इस कूटनीतिक दक्षता को शायद वो लोग नहीं समझ पाते हैं जो कि विदेश में सबसे ज्यादा घूमते है और विदेश नीति की सबसे कम समझ रखते हैं। गहलोत के राज में सिर तन से जुदा हुआ
उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड मामले में गहलोत के बयान पर भी सुधांशु त्रिवेदी ने पलटवार किया। उन्होंने कहा- PFI को मार्च निकालने की अनुमति गहलोत ने दी थी। उनके शासनकाल में सिर तन से जुदा के नारे ही नहीं लगे, सिर तन से जुदा हो गया। वो आकर जब इस प्रकार की बात करते हैं तो मुझे लगता है कि हमारे गांवों में एक कहावत है, सूप बोले तो बोले छलनी भी बोले जिसमें सौ-सौ छेद। दरअसल गहलोत ने कन्हैयालाल हत्याकांड की जांच में देरी और कोर्ट में लचर पैरवी को लेकर सवाल खड़े किए थे। गहलोत ने न्यायिक आयोग से जांच करवाने की रखी मांग
बता दें कि पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने अहमदाबाद प्लेन क्रैश की जांच रिटायर्ड न्यायाधीश की अध्यक्षता में करवाने की मांग की है। उन्होंने एक्स पर लिखा- “न्यायिक आयोग बैठाना चाहिए, जिसमें भारतीय वायुसेना ने वरिष्ठ अधिकारी एवं एविएशन सेक्टर के विशेषज्ञ शामिल हो, जो इस हादसे के हर पहलू की जांच कर सच सामने ला सकें। इस हादसे पर आई AAIB की रिपोर्ट के बाद पूरी दुनिया में आशंकाएं बढ़ गई हैं।
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बयानों पर पलटवार किया है। त्रिवेदी ने कहा- प्लेन क्रैश हाईली टेक्निकल इश्यू है। इसकी जांच और रिपोर्ट उस विषय के विशेषज्ञ ही दे सकते हैं। यह केवल भारत सरकार का विषय नहीं है। इसके लिए इंटरनेशनल मानक तय हैं, जिसके तहत जांच होनी है। उन्होंने कहा- इसके बावजूद इस दुखद घटना पर राजनीति करके कांग्रेस ने न अपनी ओछी मानसिकता का परिचय दिया है। बल्कि अपनी अज्ञानता और राहुल गांधी के प्रभाव से आई हुई अपनी मानसिक विकलांगता भी परिचय दिया है। पता नहीं कैसे अशोक गहलोत जैसे वरिष्ठ नेताओं पर भी राहुल गांधी का प्रभाव आ जाता है। विदेश में सबसे ज्यादा घूमने वालों को विदेश नीति की सबसे कम समझ
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा- पहलगाम के हमले के लिए जिम्मेदार टीआरएफ को अमेरिका ने आतंकी संगठन करार देते हुए उस पर प्रतिबंध लगाया है। यह भारत की विदेश कूटनीति की सफलता है। आतंकवाद पर इससे पहले भी मोदी सरकार ने कई बार कूटनीतिक सफलता हासिल की है। ब्रिक्स सम्मेलन में भी जिस तरह से पीएम मोदी की उपस्थिति में आतंकवाद के खिलाफ प्रस्ताव पारित हुआ। यह एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की कूटनीतिक दक्षता और पीएम मोदी के नेतृत्व की सहज स्वीकार्यता का प्रमाण है। लेकिन मेरा मानना है कि इस कूटनीतिक दक्षता को शायद वो लोग नहीं समझ पाते हैं जो कि विदेश में सबसे ज्यादा घूमते है और विदेश नीति की सबसे कम समझ रखते हैं। गहलोत के राज में सिर तन से जुदा हुआ
उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड मामले में गहलोत के बयान पर भी सुधांशु त्रिवेदी ने पलटवार किया। उन्होंने कहा- PFI को मार्च निकालने की अनुमति गहलोत ने दी थी। उनके शासनकाल में सिर तन से जुदा के नारे ही नहीं लगे, सिर तन से जुदा हो गया। वो आकर जब इस प्रकार की बात करते हैं तो मुझे लगता है कि हमारे गांवों में एक कहावत है, सूप बोले तो बोले छलनी भी बोले जिसमें सौ-सौ छेद। दरअसल गहलोत ने कन्हैयालाल हत्याकांड की जांच में देरी और कोर्ट में लचर पैरवी को लेकर सवाल खड़े किए थे। गहलोत ने न्यायिक आयोग से जांच करवाने की रखी मांग
बता दें कि पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने अहमदाबाद प्लेन क्रैश की जांच रिटायर्ड न्यायाधीश की अध्यक्षता में करवाने की मांग की है। उन्होंने एक्स पर लिखा- “न्यायिक आयोग बैठाना चाहिए, जिसमें भारतीय वायुसेना ने वरिष्ठ अधिकारी एवं एविएशन सेक्टर के विशेषज्ञ शामिल हो, जो इस हादसे के हर पहलू की जांच कर सच सामने ला सकें। इस हादसे पर आई AAIB की रिपोर्ट के बाद पूरी दुनिया में आशंकाएं बढ़ गई हैं।