
गुना में कुएं में गिरे बछड़े को निकालने उतरे 6 लोगों में से पांच की मौत हो गई। एक युवक हादसे से पहले खुद कुएं से बाहर आ चुका था। घटना धरनावदा गांव में मंगलवार सुबह करीब 10 बजे हुई। सूचना मिलने पर एसपी अंकित सोनी, GAIL की CISF यूनिट, SDERF समेत पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू शुरू किया। रेस्क्यू टीम ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर कुएं में उतरी और खटिया और रस्सी के सहारे 5 लोगों को कुएं से निकाला। SDERF टीम के मुताबिक, कुएं में करीब 12 फीट पानी है। जिसकी वजह से रेस्क्यू में दिक्कतें आ रही थी। ग्रामीणों ने कलेक्टर की गाड़ी को घेरा
ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचे कलेक्टर की गाड़ी को घेर लिया। उनका कहना है कि ग्रामीण इतनी दूर से पहले आ गए, जबकि धरनावदा पुलिस और एम्बुलेंस समय से नहीं आ पाई। दो लोगों को प्राइवेट एम्बुलेंस से अस्पताल भेजना पड़ा। दो घंटे तक प्रशासन नहीं पहुंचा। गुना कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल ने बताया कि कुएं में संभवतः कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस का रिसाव हुआ। पर अभी लैब टेस्ट करवा रहे हैं, उसके बाद ही और साफ हो पाएगा। देखिए, 7 तस्वीरें… आम तोड़ने गए थे, बछड़े को भगाया तो वह कुएं में गिरा
जानकारी के मुताबिक धरनावदा गांव के मुहाने पर अनिल भदौरिया नाम के व्यक्ति का खेत है। इस खेत के बीचों-बीच लगभग 70 फीट गहरा एक कुआं है, जिसमें 12 फीट पानी भरा है। आसपास बगीचा है। बगीचे में करीब 15 से 20 आम के पेड़ हैं। अनिल ने इन पेड़ों से आम तोड़ने का ठेका गांव के ही दो लोगों को दे रखा था। मंगलवार सुबह 10 से 11 बजे के बीच तीन लोग आम तोड़ने के लिए खेत पर पहुंचे। इसी दौरान वहां एक बछड़ा आ गया। उन्होंने उसे भगाने की कोशिश की, तो वह कुएं में गिर गया। बछड़े को बचाने के लिए एक के बाद एक 6 लोग कुएं में उतरते गए। पवन पिता ग्यारसी राम कुशवाह कुएं से पहले ही बाहर निकल आया था। कुएं में जहरीली गैस की वजह से सभी को घुटन होने लगी
बछड़े को बचाने के लिए दो लोग रस्सियों के सहारे कुएं में उतर गए। तीसरे व्यक्ति ने मदद के लिए गांव के अन्य लोगों को बुला लिया। इसके बाद एक-एक कर कुल छह लोग कुएं में उतरते गए। नीचे उतरते ही जहरीली गैस की वजह से सभी को घुटन होने लगी और उनके हाथ-पैर ने काम करना बंद कर दिया। इनमें से एक युवक किसी तरह बाहर निकल आया, जबकि बाकी 5 लोग बेहोश होकर कुएं में डूब गए। प्रत्यक्षदर्शी बोला- उचित व्यवस्था होती, तो शायद बचा लेते
प्रत्यक्षदर्शी अंशुराज जैन ने बताया कि करीब दो घंटे तक यह घटनाक्रम चला। इनमें से एक घंटा तो लोगों को बचाने का समय था। अगर उस दौरान मौके पर कोई उचित व्यवस्था होती, तो शायद पांच लोगों की जान बचाई जा सकती थी। हममें से किसी की भी नीचे उतरने की हिम्मत नहीं हुई, क्योंकि कुएं में सांस लेना मुश्किल हो रहा था। पांचों ही हमारे गांव के थे। कुछ के तो एक-डेढ़ साल के छोटे-छोटे बच्चे हैं। कुछ खेती करते थे और कुछ मजदूरी कर परिवार चलाते थे। उन्होंने बताया कि मैंने अपनी आंखों के सामने छह लोगों को कुएं में उतरते और फिर बेहोश होते देखा। ग्रामीणों के साथ मिलकर उन्हें बचाने की कोशिश भी की, लेकिन पांच को बचाया नहीं जा सका। कुएं में डूबते समय लोग बचाओ-बचाओ चिल्ला रहे थे
अंशुराज जैन ने बताया कि यहां पर 4-5 लोग पहले से ही मौजूद थे। कुएं में पता नहीं क्या समस्या हुई कि सब लोग बेहोश होने लग गए। रस्सियां भी डाल रखी थीं। वो लोग ऊपर आने में असमर्थ होने लगे। हम लोगों ने खाट डाली, तो उनमें से एक व्यक्ति पवन कुशवाह उस पर लटक गया। उसे हमने ऊपर खींच लिया। इसके बाद पांचों लोग देखते ही देखते कुएं में समा गए। लोग चिल्ला रहे थे, चीख रहे थे कि हमें बचा लो। दो-तीन लोगों को हमने कुएं में नीचे भी उतारा, पर उनमें से किसी की नीचे जाने की हिम्मत नहीं हुई। जैसे ही वो नीचे गए, उनको वहां सांस लेने में दिक्कत आई, तो फिर उनको हमने ऊपर खींचा। पैसे निकालकर लौट रहा था गुरुदयाल, अकेला कमाने वाला था
घटना में जान गंवाने वाले गुरुदयाल ओझा की बहन ने बताया कि उनके बड़े भाई आज सुबह घर से पैसे निकालने के लिए बैंक गए थे। वहां से उन्होंने पैसे निकाले। इसके बाद वह गांव लौट रहे थे कि तभी रास्ते में उन्हें बछड़े के कुएं में गिरने की खबर मिली। इतना सुनकर वो भी कुएं पर चले गए। गुरुदयाल के पांच बच्चे हैं। तीन बेटियां और दो बेटे हैं। किसी की शादी नहीं हुई है। घर में वह अकेले कमाने वाले थे। शव निकलने के बाद परिजन पोस्टमॉर्टम नहीं कराने पर अड़े रहे। करीब चार घंटे तक परिवार ने इसकी सहमति नहीं दी। बाद में विधायक जयवर्धन सिंह के समझाने पर वह पोस्टमॉर्टम कराने पर राजी हुए। सबसे पहले सोनू और मन्नू उतरे, सिद्धार्थ का एक साल का बेटा
ग्रामीणों के अनुसार, सोनू कुशवाह और मन्नू कुशवाह फार्म हाउस पर आम तोड़ने के लिए गए थे। इसी दौरान बछड़े के कुएं में गिरने के बाद वह दोनों उसे निकालने के लिए नीचे उतरे। कुएं में वह बेहोश होने लगे, तो बाकी लोग एक-एक कर उतरे। इस हादसे में मरने वाले आदिवासी युवक सिद्धार्थ सहरिया की शादी दो साल पहले ही हुई थी। वह मजदूरी कर अपना जीवन यापन करता था। उसका एक साल का बेटा है। वह दो लोगों के गिरने के बाद ग्रामीणों के बुलाने पर मौके पर पहुंचा था। ये खबर भी पढ़ें…
युवक के सामने नर्मदा में डूबा बड़ा भाई और दोस्त नर्मदापुरम में एक युवक की आंखों से सामने उसका बड़ा भाई और दोस्त नर्मदा में डूब गया। छोटा भाई किनारे पर नहा रहा था। बाकी दो लोग सुरक्षा चेन को पार कर आगे चले गए और गहरे पानी में डूबने लगे। हादसा रविवार शाम करीब 5 बजे विवेकानंद घाट पर हुआ। इसका वीडियो भी सामने आया है। इसमें दोनों युवक डूबते हुए दिखाई दे रहे हैं। पढे़ं पूरी खबर…
गुना में कुएं में गिरे बछड़े को निकालने उतरे 6 लोगों में से पांच की मौत हो गई। एक युवक हादसे से पहले खुद कुएं से बाहर आ चुका था। घटना धरनावदा गांव में मंगलवार सुबह करीब 10 बजे हुई। सूचना मिलने पर एसपी अंकित सोनी, GAIL की CISF यूनिट, SDERF समेत पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू शुरू किया। रेस्क्यू टीम ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर कुएं में उतरी और खटिया और रस्सी के सहारे 5 लोगों को कुएं से निकाला। SDERF टीम के मुताबिक, कुएं में करीब 12 फीट पानी है। जिसकी वजह से रेस्क्यू में दिक्कतें आ रही थी। ग्रामीणों ने कलेक्टर की गाड़ी को घेरा
ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचे कलेक्टर की गाड़ी को घेर लिया। उनका कहना है कि ग्रामीण इतनी दूर से पहले आ गए, जबकि धरनावदा पुलिस और एम्बुलेंस समय से नहीं आ पाई। दो लोगों को प्राइवेट एम्बुलेंस से अस्पताल भेजना पड़ा। दो घंटे तक प्रशासन नहीं पहुंचा। गुना कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल ने बताया कि कुएं में संभवतः कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस का रिसाव हुआ। पर अभी लैब टेस्ट करवा रहे हैं, उसके बाद ही और साफ हो पाएगा। देखिए, 7 तस्वीरें… आम तोड़ने गए थे, बछड़े को भगाया तो वह कुएं में गिरा
जानकारी के मुताबिक धरनावदा गांव के मुहाने पर अनिल भदौरिया नाम के व्यक्ति का खेत है। इस खेत के बीचों-बीच लगभग 70 फीट गहरा एक कुआं है, जिसमें 12 फीट पानी भरा है। आसपास बगीचा है। बगीचे में करीब 15 से 20 आम के पेड़ हैं। अनिल ने इन पेड़ों से आम तोड़ने का ठेका गांव के ही दो लोगों को दे रखा था। मंगलवार सुबह 10 से 11 बजे के बीच तीन लोग आम तोड़ने के लिए खेत पर पहुंचे। इसी दौरान वहां एक बछड़ा आ गया। उन्होंने उसे भगाने की कोशिश की, तो वह कुएं में गिर गया। बछड़े को बचाने के लिए एक के बाद एक 6 लोग कुएं में उतरते गए। पवन पिता ग्यारसी राम कुशवाह कुएं से पहले ही बाहर निकल आया था। कुएं में जहरीली गैस की वजह से सभी को घुटन होने लगी
बछड़े को बचाने के लिए दो लोग रस्सियों के सहारे कुएं में उतर गए। तीसरे व्यक्ति ने मदद के लिए गांव के अन्य लोगों को बुला लिया। इसके बाद एक-एक कर कुल छह लोग कुएं में उतरते गए। नीचे उतरते ही जहरीली गैस की वजह से सभी को घुटन होने लगी और उनके हाथ-पैर ने काम करना बंद कर दिया। इनमें से एक युवक किसी तरह बाहर निकल आया, जबकि बाकी 5 लोग बेहोश होकर कुएं में डूब गए। प्रत्यक्षदर्शी बोला- उचित व्यवस्था होती, तो शायद बचा लेते
प्रत्यक्षदर्शी अंशुराज जैन ने बताया कि करीब दो घंटे तक यह घटनाक्रम चला। इनमें से एक घंटा तो लोगों को बचाने का समय था। अगर उस दौरान मौके पर कोई उचित व्यवस्था होती, तो शायद पांच लोगों की जान बचाई जा सकती थी। हममें से किसी की भी नीचे उतरने की हिम्मत नहीं हुई, क्योंकि कुएं में सांस लेना मुश्किल हो रहा था। पांचों ही हमारे गांव के थे। कुछ के तो एक-डेढ़ साल के छोटे-छोटे बच्चे हैं। कुछ खेती करते थे और कुछ मजदूरी कर परिवार चलाते थे। उन्होंने बताया कि मैंने अपनी आंखों के सामने छह लोगों को कुएं में उतरते और फिर बेहोश होते देखा। ग्रामीणों के साथ मिलकर उन्हें बचाने की कोशिश भी की, लेकिन पांच को बचाया नहीं जा सका। कुएं में डूबते समय लोग बचाओ-बचाओ चिल्ला रहे थे
अंशुराज जैन ने बताया कि यहां पर 4-5 लोग पहले से ही मौजूद थे। कुएं में पता नहीं क्या समस्या हुई कि सब लोग बेहोश होने लग गए। रस्सियां भी डाल रखी थीं। वो लोग ऊपर आने में असमर्थ होने लगे। हम लोगों ने खाट डाली, तो उनमें से एक व्यक्ति पवन कुशवाह उस पर लटक गया। उसे हमने ऊपर खींच लिया। इसके बाद पांचों लोग देखते ही देखते कुएं में समा गए। लोग चिल्ला रहे थे, चीख रहे थे कि हमें बचा लो। दो-तीन लोगों को हमने कुएं में नीचे भी उतारा, पर उनमें से किसी की नीचे जाने की हिम्मत नहीं हुई। जैसे ही वो नीचे गए, उनको वहां सांस लेने में दिक्कत आई, तो फिर उनको हमने ऊपर खींचा। पैसे निकालकर लौट रहा था गुरुदयाल, अकेला कमाने वाला था
घटना में जान गंवाने वाले गुरुदयाल ओझा की बहन ने बताया कि उनके बड़े भाई आज सुबह घर से पैसे निकालने के लिए बैंक गए थे। वहां से उन्होंने पैसे निकाले। इसके बाद वह गांव लौट रहे थे कि तभी रास्ते में उन्हें बछड़े के कुएं में गिरने की खबर मिली। इतना सुनकर वो भी कुएं पर चले गए। गुरुदयाल के पांच बच्चे हैं। तीन बेटियां और दो बेटे हैं। किसी की शादी नहीं हुई है। घर में वह अकेले कमाने वाले थे। शव निकलने के बाद परिजन पोस्टमॉर्टम नहीं कराने पर अड़े रहे। करीब चार घंटे तक परिवार ने इसकी सहमति नहीं दी। बाद में विधायक जयवर्धन सिंह के समझाने पर वह पोस्टमॉर्टम कराने पर राजी हुए। सबसे पहले सोनू और मन्नू उतरे, सिद्धार्थ का एक साल का बेटा
ग्रामीणों के अनुसार, सोनू कुशवाह और मन्नू कुशवाह फार्म हाउस पर आम तोड़ने के लिए गए थे। इसी दौरान बछड़े के कुएं में गिरने के बाद वह दोनों उसे निकालने के लिए नीचे उतरे। कुएं में वह बेहोश होने लगे, तो बाकी लोग एक-एक कर उतरे। इस हादसे में मरने वाले आदिवासी युवक सिद्धार्थ सहरिया की शादी दो साल पहले ही हुई थी। वह मजदूरी कर अपना जीवन यापन करता था। उसका एक साल का बेटा है। वह दो लोगों के गिरने के बाद ग्रामीणों के बुलाने पर मौके पर पहुंचा था। ये खबर भी पढ़ें…
युवक के सामने नर्मदा में डूबा बड़ा भाई और दोस्त नर्मदापुरम में एक युवक की आंखों से सामने उसका बड़ा भाई और दोस्त नर्मदा में डूब गया। छोटा भाई किनारे पर नहा रहा था। बाकी दो लोग सुरक्षा चेन को पार कर आगे चले गए और गहरे पानी में डूबने लगे। हादसा रविवार शाम करीब 5 बजे विवेकानंद घाट पर हुआ। इसका वीडियो भी सामने आया है। इसमें दोनों युवक डूबते हुए दिखाई दे रहे हैं। पढे़ं पूरी खबर…