
शरद गुट की नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP-SP) मंगलवार को अपना 26वां स्थापना दिवस मना रही है। इस मौके पर पुणे में बालगंधर्व ऑडिटोरियम में आयोजित पार्टी के कार्यक्रम में NCP चीफ शरद पवार ने कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि NCP में दरार आएगी। शरद ने कहा, ’26 सालों के दौरान पार्टी को कुछ चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा, लेकिन आप (नेता-कार्यकर्ता) बिना हौसला गंवाए पार्टी को आगे बढ़ाते रहे। हमने कभी नहीं सोचा था कि पार्टी टूट जाएगी, लेकिन ऐसा हुआ। NCP चीफ ने कहा, ‘कुछ लोग दूसरी विचारधाराओं के साथ चले गए, लेकिन जो लोग पार्टी के प्रति वफादार रहे, वह हमारी पार्टी की विचारधारा के कारण ही साथ रहे। पार्टी टूटने की चिंता मत कीजिए, जो बीत गया उसकी चिंता नहीं करनी है। अगर हम एकजुट रहेंगे और लोगों के प्रति अपना समर्पण बनाए रखेंगे, तो कोई दिक्कत नहीं होगी।’ दूसरी तरफ, पुणे में उसी कार्यक्रम में NCP-SP के महाराष्ट्र अध्यक्ष जयंत पाटिल ने पद छोड़ने के संकेत दिए। उन्होंने शरद पवार के सामने अपने संबोधन में कहा- पवार साहब ने मुझे बहुत मौके दिए। मुझे सात साल के लिए जिम्मेदारी सौंपी गई, लेकिन अब नए चेहरों को मौका देना जरूरी है। कार्यकर्ताओं ने जयंत पाटिल के पद छोड़ने का विरोध किया
जयंत पाटिल के पद छोड़ने की बात कहते ही ऑडिटोरियम में मौजूद कार्यकर्ताओं ने ‘नहीं-नहीं’ का इशारा करते हुए इसका विरोध किया। कुछ नेता अपनी कुर्सी से भी खड़े हो गए। जयंत पाटिल अपना भाषण रोककर सबसे बैठने की अपील करने लगे। इस दौरान शरद पवार मुस्कुराते नजर आए। पाटिल ने अपना भाषण खत्म करते हुए कहा, ‘यह पार्टी पवार साहब की है, और इसलिए उन्हें सही फैसला लेना चाहिए। हम सभी को आगे एक लंबा सफर तय करना है। मैं पवार साहब और सभी पार्टी कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देता हूं। 2023 में अजित पवार के अलग होने से टूट गई थी NCP
शरद पवार ने 1999 में कांग्रेस से अलग होने के बाद पी.ए. संगमा और तारिक अनवर के साथ अलग पार्टी NCP बनाई थी। जुलाई 2023 में शरद पवार के भतीजे अजित पवार पार्टी के कई विधायकों के साथ अलग हो गए और NCP दो हिस्सों में बंट गई। अजित पवार तत्कालीन शिवसेना-भाजपा गठबंधन सरकार में शामिल हो गए थे। उन्हें महाराष्ट्र का डिप्टी सीएम बनाया गया था। इसके बाद अजित पवार ने NCP पर अपना दावा ठोक दिया। शरद और अजित के बीच पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न को लेकर विवाद हुआ। 6 महीने तक चली 10 सुनवाई के बाद पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न घड़ी अजित गुट को दे दिया गया। चुनाव आयोग ने 6 फरवरी 2024 को कहा कि अजित पवार गुट ही असली NCP है। शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट का नाम नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) रखा गया। चुनाव आयोग ने पार्टी को ‘तुरही (तुतारी ) बजाते हुए एक आदमी’ चुनाव चिह्न आवंटित किया। ………………………………. शरद पवार से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… मोरारजी के कहने पर स्वमूत्र पीने लगे थे शरद पवार, PM बनते-बनते रह गए; कभी चुनाव नहीं हारे 27 साल की उम्र में शरद पवार 1967 में बारामती विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने। पिछले 5 दशकों में शरद पवार 14 चुनाव जीत चुके हैं। शुरुआती दिनों से ही शरद एक समझदार पॉलिटीशियन रहे हैं। अपनी किताब ‘ऑन माय टर्म्स’ में शरद पवार ने बताया है कि ‘1977 में मोरारजी देसाई देश के PM बने थे। अपने कार्यकाल में वो महाराष्ट्र के दौरे पर आए। एयरपोर्ट पर मैं भी उनके साथ था। हम लोग शराबबंदी के मुद्दे पर बात कर रहे थे। उसी समय मेरे सीने में कुछ दर्द हुआ तो मैंने अपना हाथ सीने पर रख लिया। मोरारजी ने कहा कि तुम शिवाम्बू थेरेपी करो। इससे सही हो जाओगे। शिवाम्बू थेरेपी में लोग अपना ही पेशाब पीते है।’ शरद पवाए से जुड़ी कहानी के किस्से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
शरद गुट की नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP-SP) मंगलवार को अपना 26वां स्थापना दिवस मना रही है। इस मौके पर पुणे में बालगंधर्व ऑडिटोरियम में आयोजित पार्टी के कार्यक्रम में NCP चीफ शरद पवार ने कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि NCP में दरार आएगी। शरद ने कहा, ’26 सालों के दौरान पार्टी को कुछ चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा, लेकिन आप (नेता-कार्यकर्ता) बिना हौसला गंवाए पार्टी को आगे बढ़ाते रहे। हमने कभी नहीं सोचा था कि पार्टी टूट जाएगी, लेकिन ऐसा हुआ। NCP चीफ ने कहा, ‘कुछ लोग दूसरी विचारधाराओं के साथ चले गए, लेकिन जो लोग पार्टी के प्रति वफादार रहे, वह हमारी पार्टी की विचारधारा के कारण ही साथ रहे। पार्टी टूटने की चिंता मत कीजिए, जो बीत गया उसकी चिंता नहीं करनी है। अगर हम एकजुट रहेंगे और लोगों के प्रति अपना समर्पण बनाए रखेंगे, तो कोई दिक्कत नहीं होगी।’ दूसरी तरफ, पुणे में उसी कार्यक्रम में NCP-SP के महाराष्ट्र अध्यक्ष जयंत पाटिल ने पद छोड़ने के संकेत दिए। उन्होंने शरद पवार के सामने अपने संबोधन में कहा- पवार साहब ने मुझे बहुत मौके दिए। मुझे सात साल के लिए जिम्मेदारी सौंपी गई, लेकिन अब नए चेहरों को मौका देना जरूरी है। कार्यकर्ताओं ने जयंत पाटिल के पद छोड़ने का विरोध किया
जयंत पाटिल के पद छोड़ने की बात कहते ही ऑडिटोरियम में मौजूद कार्यकर्ताओं ने ‘नहीं-नहीं’ का इशारा करते हुए इसका विरोध किया। कुछ नेता अपनी कुर्सी से भी खड़े हो गए। जयंत पाटिल अपना भाषण रोककर सबसे बैठने की अपील करने लगे। इस दौरान शरद पवार मुस्कुराते नजर आए। पाटिल ने अपना भाषण खत्म करते हुए कहा, ‘यह पार्टी पवार साहब की है, और इसलिए उन्हें सही फैसला लेना चाहिए। हम सभी को आगे एक लंबा सफर तय करना है। मैं पवार साहब और सभी पार्टी कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देता हूं। 2023 में अजित पवार के अलग होने से टूट गई थी NCP
शरद पवार ने 1999 में कांग्रेस से अलग होने के बाद पी.ए. संगमा और तारिक अनवर के साथ अलग पार्टी NCP बनाई थी। जुलाई 2023 में शरद पवार के भतीजे अजित पवार पार्टी के कई विधायकों के साथ अलग हो गए और NCP दो हिस्सों में बंट गई। अजित पवार तत्कालीन शिवसेना-भाजपा गठबंधन सरकार में शामिल हो गए थे। उन्हें महाराष्ट्र का डिप्टी सीएम बनाया गया था। इसके बाद अजित पवार ने NCP पर अपना दावा ठोक दिया। शरद और अजित के बीच पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न को लेकर विवाद हुआ। 6 महीने तक चली 10 सुनवाई के बाद पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न घड़ी अजित गुट को दे दिया गया। चुनाव आयोग ने 6 फरवरी 2024 को कहा कि अजित पवार गुट ही असली NCP है। शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट का नाम नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) रखा गया। चुनाव आयोग ने पार्टी को ‘तुरही (तुतारी ) बजाते हुए एक आदमी’ चुनाव चिह्न आवंटित किया। ………………………………. शरद पवार से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… मोरारजी के कहने पर स्वमूत्र पीने लगे थे शरद पवार, PM बनते-बनते रह गए; कभी चुनाव नहीं हारे 27 साल की उम्र में शरद पवार 1967 में बारामती विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने। पिछले 5 दशकों में शरद पवार 14 चुनाव जीत चुके हैं। शुरुआती दिनों से ही शरद एक समझदार पॉलिटीशियन रहे हैं। अपनी किताब ‘ऑन माय टर्म्स’ में शरद पवार ने बताया है कि ‘1977 में मोरारजी देसाई देश के PM बने थे। अपने कार्यकाल में वो महाराष्ट्र के दौरे पर आए। एयरपोर्ट पर मैं भी उनके साथ था। हम लोग शराबबंदी के मुद्दे पर बात कर रहे थे। उसी समय मेरे सीने में कुछ दर्द हुआ तो मैंने अपना हाथ सीने पर रख लिया। मोरारजी ने कहा कि तुम शिवाम्बू थेरेपी करो। इससे सही हो जाओगे। शिवाम्बू थेरेपी में लोग अपना ही पेशाब पीते है।’ शरद पवाए से जुड़ी कहानी के किस्से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें