
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से महज 20 किलोमीटर दूर नकटी गांव में करीब 300 लोगों के 85 घरों पर बुलडोजर चलेगा। इनमें 15 घर ऐसे हैं, जो 2018 से अब तक प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने हैं। यहां सरकार विधायक कॉलोनी बनाने की तैयारी में है। इस पर नकटी गांव के लोगों का कहना है कि ये जमीन हमारे पुरखों की है। हमारे और बच्चों के सीने पर बुलडोजर चढ़ा दो, फिर भी जमीन नहीं देंगे। यहां सरकारी नल हैं, पानी की टंकी है, बिजली के खंभे हैं, लेकिन सरकार की नजर में ये गांव अचानक अवैध कैसे हो गया। महिलाओं का कहना है कि हम छत्तीसगढ़िया हैं। हम कोई बांग्लादेशी या पाकिस्तानी नहीं हैं। हमारे पास जमीन से जुड़े कागज भी हैं। गांव की महिलाएं सप्ताहभर से धरने पर बैठी हैं। कह रही हैं कि कोई अगर जमीन हड़पने के लिए घुसा तो वह लाठी से जवाब देंगी नकटी गांव में बढ़ते विवाद, गांव खाली करने के आदेश और लोगों में गुस्से के बीच दैनिक भास्कर की टीम ग्राउंड जीरो पर पहुंची। यहां के लोगों से बातचीत की। इस ग्राउंड रिपोर्ट में पढ़िए क्या गरीबों के मकान टूटेंगे, क्या PM आवास टूटेंगे, क्या ग्रामीणों को जमीन छोड़नी पड़ेगी, जानिए क्या कहते हैं जिम्मेदार ?….. सबसे पहले विरोध प्रदर्शन से जुड़ी ये तस्वीरें देखिए…. सबसे पहले जानिए नकटी गांव को ‘अवैध’ बताने की कहानी ? दरअसल, 21 मार्च 2025 को छत्तीसगढ़ के विधानसभा के बजट सत्र में बीजेपी विधायक धर्मजीत सिंह ने सवाल पूछा था कि क्या रायपुर में विधायकों और सांसदों को जमीन देने के लिए कोई प्रस्ताव है। इसका जवाब देते हुए राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने कहा था कि हम जमीन देख रहे हैं। उन्होंने कहा था कि नया रायपुर के नकटी गांव में हम जमीन देख रहे हैं। यह प्रक्रियाधीन है। अभी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। इसके बाद से प्रशासन ने गांव पर कार्रवाई तेज की। ग्रामीणों को नोटिस देकर अब गांव खाली करने कहा जा रहा है। इसी आदेश के खिलाफ महिलाएं लाठी लेकर धरना पर बैठी हैं। ग्राउंड जीरो पर दैनिक भास्कर, गांव में कई समाज के लोग भास्कर डिजिटल की टीम नकटी गांव पहुंची। नकटी गांव में कच्चे और पक्के मिलाकर करीब 80 घर बने हैं। इन घरों में साहू, यादव और सतनामी समुदाय के करीब 300 लोग लोग रहते हैं। ये लोग खेती किसानी और मजदूरी करते हैं। साथ ही बच्चे स्कूल जाते हैं, लेकिन अभी महिलाएं और बच्चे धरने पर बैठे हैं। धरने पर बैठी महिलाओं और PM आवास से बनाए गए घरों के मालिकों से हमने बातचीत की। इस दौरान गांव की बुजुर्ग महिला कमला यादव कहती हैं कि उनके सीने पर चाहे बुलडोजर चल जाए, लेकिन वह अपनी जमीन नहीं देंगी। जानिए प्रशासन की कार्रवाई पर किसने क्या कहा ? अब जानिए किसे किसे मिला PM आवास तोड़ने का नोटिस ? PM आवास लाभार्थी किसुन यादव- इस दौरान कमला यादव ने बताया कि उन्हें डर है कि उनका PM आवास योजना से बना घर तोड़ दिया जाएगा। वह कहां रहेंगे। जिस जगह को अवैध बताया गया है, वहां बिजली के खंभे ट्रांसफॉर्मर, पानी की टंकी ये सब प्रशासन की मदद से बने हैं, तो हमारा गांव, हमारे घर अवैध कैसे। PM आवास लाभार्थी कमला यादव 70 साल की बुजुर्ग कमला यादव ने बताया कि कर्ज लेकर घर बना रहे हैं। अभी ठीक से घर बना भी नहीं है और तोड़ने का नोटिस आ गया। वह अपना घर जमीन देने को राजी नहीं हैं, चाहे उन्हें अपनी जान गंवानी पड़े। PM आवास लाभार्थी फेरही साहू वहीं PM आवास लाभार्थी बुजुर्ग महिला फेरही के बेटे घनश्याम ने बताया कि मेरी मां के नाम से ये मकान है। अब विधायक कॉलोनी के लिए इसे तोड़ेंगे कह रहे हैं। हमारे पास कागजात हैं। ये नेताओं की जमीन है क्या, हमारे पास नक्शा खसरा है। PM आवास लाभार्थी ललित कुमार यादव ललित ने बताया कि वह पेशे से मजदूर हैं। 2018 में PM आवास योजना के तहत घर बना। अब तोड़ने का नोटिस मिला है। वह विधायक अनुज शर्मा, कलेक्टर रायपुर, सांसद बृजमोहन अग्रवाल के पास गए थे, लेकिन हल नहीं निकला। उन्होंने कहा कि विधायक ने तो कह दिया कि सरकार का काम है, मैं कुछ नहीं कर पाउंगा। 15 मकान बन चुके हैं, 25 स्वीकृत हैं- सरपंच नकटी गांव के सरपंच बिहारी लाल यादव ने दैनिक भास्कर को बताया कि गांव में 25 प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हैं, लेकिन इनमें से अब तक 15 ही बन पाए हैं। बाकी का काम चल रहा है। प्रशासन ने पूरे गांव को खाली करने और अवैध अतिक्रमण को ध्वस्त करने का नोटिस दिया है। गांव के सांस्कृतिक मंच से लड़ाई जारी गांव में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए मंच प्रशासन की मदद से बना है। यहीं बैठकर गांव की महिलाएं हाथों में लाठी लिए प्रशासन और विधायक सरकार के खिलाफ धरना दे रही हैं। गांव की महिलाओं ने पूछा कि क्या हमने हमारे गांव को उजाड़ने के लिए जनप्रतिनिधि बनाया था। सप्ताहभर से धरना, यहीं खिचड़ी बनाती हैं महिलाएं पिछले 1 सप्ताह से धरना जारी है। अब तक प्रशासन या सरकार की ओर से कोई प्रदर्शनकारी ग्रामीणों से नहीं मिला है। महिलाएं, धरना स्थल पर ही सामूहिक चूल्हा जलाकर खिचड़ी बना रही हैं। बच्चे भी यहीं साथ रहते हैं। सब एक ही मांग लेकर संघर्ष कर रहे हैं कि अपनी जमीन नहीं देंगे, घरों को तोड़ने नहीं देंगे। अब जानिए क्या कह रहे अफसर और विधायक रायपुर के SDM नंद कुमार चौबे ने दैनिक भास्कर से स्पष्ट कहा कि सरकारी जमीन है। इसे अतिक्रमण किया गया है। कुछ लोगों को पता था, उसके बाद भी लोगों ने कब्जा किया। इस वजह से नोटिस भेजा है। क्या PM आवास भी तोड़ेंगे पूछे जाने पर SDM ने कहा ये मैं अभी नहीं बता सकता। रायपुर के अपर कलेक्टर कीर्तिमान राठौर को कांग्रेस नेताओं ने ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई न करने की मांग की है। इस पर उन्होंने कहा कि सरकारी भूमि पर ग्रामीण काबिज हैं, जो भी सरकारी भूमि में अतिक्रमण संबंधी नियम होगा, उस नियम से आगे की कार्रवाई करेंगे। रायपुर के कलेक्टर डॉ गौरव सिंह से दैनिक भास्कर ने पूछा कि नकटी गांव में जो PM आवास बने हैं क्या उन्हें भी तोड़ा जाएगा, तो उन्होंने कहा- अभी इसे देखते हैं, क्या होता है आगे। वहीं विधायक अनुज शर्मा ने कहा कि जो भी जरूरतमंद हैं, वहां उनके साथ किसी प्रकार का अन्याय न हो, ये मैं जरूर देखूंगा। क्या PM आवास अवैध हैं पूछे जाने पर उन्होंने कहा ये सरकार को देखना है, इस पर क्या निर्णय होगा। ग्रामीणों को भेजे नोटिस में ये लिखा है ? ग्राम नकटी, पटवारी हल्का नंबर 77,अतिक्रमित भूमि खसरा नंबर 460 , रकबा 15.4790 हेक्टेयर पर ग्राम पंचायत नकटी के निवासी अतिक्रमणकर्ताओं ने कब्जा किया है। 11 अप्रैल 2025 को इस भूमि से अतिक्रमणकर्ताओं के बेदखली का आदेश भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत पारित किया गया है। स्वयं भूमि से कब्जा हटाकर न्यायालय काे 28 अप्रेल को सूचित करें, नहीं तो कब्जा हटाने की कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद से ग्रामीणों के बवाल की वजह से अब तक प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर सका है। ये नोटिस गांव के 85 परिवारों को दिया गया है। 300 से ज्यादा लोग इनमें रहते हैं।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से महज 20 किलोमीटर दूर नकटी गांव में करीब 300 लोगों के 85 घरों पर बुलडोजर चलेगा। इनमें 15 घर ऐसे हैं, जो 2018 से अब तक प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने हैं। यहां सरकार विधायक कॉलोनी बनाने की तैयारी में है। इस पर नकटी गांव के लोगों का कहना है कि ये जमीन हमारे पुरखों की है। हमारे और बच्चों के सीने पर बुलडोजर चढ़ा दो, फिर भी जमीन नहीं देंगे। यहां सरकारी नल हैं, पानी की टंकी है, बिजली के खंभे हैं, लेकिन सरकार की नजर में ये गांव अचानक अवैध कैसे हो गया। महिलाओं का कहना है कि हम छत्तीसगढ़िया हैं। हम कोई बांग्लादेशी या पाकिस्तानी नहीं हैं। हमारे पास जमीन से जुड़े कागज भी हैं। गांव की महिलाएं सप्ताहभर से धरने पर बैठी हैं। कह रही हैं कि कोई अगर जमीन हड़पने के लिए घुसा तो वह लाठी से जवाब देंगी नकटी गांव में बढ़ते विवाद, गांव खाली करने के आदेश और लोगों में गुस्से के बीच दैनिक भास्कर की टीम ग्राउंड जीरो पर पहुंची। यहां के लोगों से बातचीत की। इस ग्राउंड रिपोर्ट में पढ़िए क्या गरीबों के मकान टूटेंगे, क्या PM आवास टूटेंगे, क्या ग्रामीणों को जमीन छोड़नी पड़ेगी, जानिए क्या कहते हैं जिम्मेदार ?….. सबसे पहले विरोध प्रदर्शन से जुड़ी ये तस्वीरें देखिए…. सबसे पहले जानिए नकटी गांव को ‘अवैध’ बताने की कहानी ? दरअसल, 21 मार्च 2025 को छत्तीसगढ़ के विधानसभा के बजट सत्र में बीजेपी विधायक धर्मजीत सिंह ने सवाल पूछा था कि क्या रायपुर में विधायकों और सांसदों को जमीन देने के लिए कोई प्रस्ताव है। इसका जवाब देते हुए राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने कहा था कि हम जमीन देख रहे हैं। उन्होंने कहा था कि नया रायपुर के नकटी गांव में हम जमीन देख रहे हैं। यह प्रक्रियाधीन है। अभी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। इसके बाद से प्रशासन ने गांव पर कार्रवाई तेज की। ग्रामीणों को नोटिस देकर अब गांव खाली करने कहा जा रहा है। इसी आदेश के खिलाफ महिलाएं लाठी लेकर धरना पर बैठी हैं। ग्राउंड जीरो पर दैनिक भास्कर, गांव में कई समाज के लोग भास्कर डिजिटल की टीम नकटी गांव पहुंची। नकटी गांव में कच्चे और पक्के मिलाकर करीब 80 घर बने हैं। इन घरों में साहू, यादव और सतनामी समुदाय के करीब 300 लोग लोग रहते हैं। ये लोग खेती किसानी और मजदूरी करते हैं। साथ ही बच्चे स्कूल जाते हैं, लेकिन अभी महिलाएं और बच्चे धरने पर बैठे हैं। धरने पर बैठी महिलाओं और PM आवास से बनाए गए घरों के मालिकों से हमने बातचीत की। इस दौरान गांव की बुजुर्ग महिला कमला यादव कहती हैं कि उनके सीने पर चाहे बुलडोजर चल जाए, लेकिन वह अपनी जमीन नहीं देंगी। जानिए प्रशासन की कार्रवाई पर किसने क्या कहा ? अब जानिए किसे किसे मिला PM आवास तोड़ने का नोटिस ? PM आवास लाभार्थी किसुन यादव- इस दौरान कमला यादव ने बताया कि उन्हें डर है कि उनका PM आवास योजना से बना घर तोड़ दिया जाएगा। वह कहां रहेंगे। जिस जगह को अवैध बताया गया है, वहां बिजली के खंभे ट्रांसफॉर्मर, पानी की टंकी ये सब प्रशासन की मदद से बने हैं, तो हमारा गांव, हमारे घर अवैध कैसे। PM आवास लाभार्थी कमला यादव 70 साल की बुजुर्ग कमला यादव ने बताया कि कर्ज लेकर घर बना रहे हैं। अभी ठीक से घर बना भी नहीं है और तोड़ने का नोटिस आ गया। वह अपना घर जमीन देने को राजी नहीं हैं, चाहे उन्हें अपनी जान गंवानी पड़े। PM आवास लाभार्थी फेरही साहू वहीं PM आवास लाभार्थी बुजुर्ग महिला फेरही के बेटे घनश्याम ने बताया कि मेरी मां के नाम से ये मकान है। अब विधायक कॉलोनी के लिए इसे तोड़ेंगे कह रहे हैं। हमारे पास कागजात हैं। ये नेताओं की जमीन है क्या, हमारे पास नक्शा खसरा है। PM आवास लाभार्थी ललित कुमार यादव ललित ने बताया कि वह पेशे से मजदूर हैं। 2018 में PM आवास योजना के तहत घर बना। अब तोड़ने का नोटिस मिला है। वह विधायक अनुज शर्मा, कलेक्टर रायपुर, सांसद बृजमोहन अग्रवाल के पास गए थे, लेकिन हल नहीं निकला। उन्होंने कहा कि विधायक ने तो कह दिया कि सरकार का काम है, मैं कुछ नहीं कर पाउंगा। 15 मकान बन चुके हैं, 25 स्वीकृत हैं- सरपंच नकटी गांव के सरपंच बिहारी लाल यादव ने दैनिक भास्कर को बताया कि गांव में 25 प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हैं, लेकिन इनमें से अब तक 15 ही बन पाए हैं। बाकी का काम चल रहा है। प्रशासन ने पूरे गांव को खाली करने और अवैध अतिक्रमण को ध्वस्त करने का नोटिस दिया है। गांव के सांस्कृतिक मंच से लड़ाई जारी गांव में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए मंच प्रशासन की मदद से बना है। यहीं बैठकर गांव की महिलाएं हाथों में लाठी लिए प्रशासन और विधायक सरकार के खिलाफ धरना दे रही हैं। गांव की महिलाओं ने पूछा कि क्या हमने हमारे गांव को उजाड़ने के लिए जनप्रतिनिधि बनाया था। सप्ताहभर से धरना, यहीं खिचड़ी बनाती हैं महिलाएं पिछले 1 सप्ताह से धरना जारी है। अब तक प्रशासन या सरकार की ओर से कोई प्रदर्शनकारी ग्रामीणों से नहीं मिला है। महिलाएं, धरना स्थल पर ही सामूहिक चूल्हा जलाकर खिचड़ी बना रही हैं। बच्चे भी यहीं साथ रहते हैं। सब एक ही मांग लेकर संघर्ष कर रहे हैं कि अपनी जमीन नहीं देंगे, घरों को तोड़ने नहीं देंगे। अब जानिए क्या कह रहे अफसर और विधायक रायपुर के SDM नंद कुमार चौबे ने दैनिक भास्कर से स्पष्ट कहा कि सरकारी जमीन है। इसे अतिक्रमण किया गया है। कुछ लोगों को पता था, उसके बाद भी लोगों ने कब्जा किया। इस वजह से नोटिस भेजा है। क्या PM आवास भी तोड़ेंगे पूछे जाने पर SDM ने कहा ये मैं अभी नहीं बता सकता। रायपुर के अपर कलेक्टर कीर्तिमान राठौर को कांग्रेस नेताओं ने ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई न करने की मांग की है। इस पर उन्होंने कहा कि सरकारी भूमि पर ग्रामीण काबिज हैं, जो भी सरकारी भूमि में अतिक्रमण संबंधी नियम होगा, उस नियम से आगे की कार्रवाई करेंगे। रायपुर के कलेक्टर डॉ गौरव सिंह से दैनिक भास्कर ने पूछा कि नकटी गांव में जो PM आवास बने हैं क्या उन्हें भी तोड़ा जाएगा, तो उन्होंने कहा- अभी इसे देखते हैं, क्या होता है आगे। वहीं विधायक अनुज शर्मा ने कहा कि जो भी जरूरतमंद हैं, वहां उनके साथ किसी प्रकार का अन्याय न हो, ये मैं जरूर देखूंगा। क्या PM आवास अवैध हैं पूछे जाने पर उन्होंने कहा ये सरकार को देखना है, इस पर क्या निर्णय होगा। ग्रामीणों को भेजे नोटिस में ये लिखा है ? ग्राम नकटी, पटवारी हल्का नंबर 77,अतिक्रमित भूमि खसरा नंबर 460 , रकबा 15.4790 हेक्टेयर पर ग्राम पंचायत नकटी के निवासी अतिक्रमणकर्ताओं ने कब्जा किया है। 11 अप्रैल 2025 को इस भूमि से अतिक्रमणकर्ताओं के बेदखली का आदेश भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत पारित किया गया है। स्वयं भूमि से कब्जा हटाकर न्यायालय काे 28 अप्रेल को सूचित करें, नहीं तो कब्जा हटाने की कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद से ग्रामीणों के बवाल की वजह से अब तक प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर सका है। ये नोटिस गांव के 85 परिवारों को दिया गया है। 300 से ज्यादा लोग इनमें रहते हैं।