
बॉलीवुड अभिनेत्री और किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर ममता कुलकर्णी रविवार को पहली बार संभल पहुंचीं। उन्होंने कहा- जब मैंने समाधि ली थी, तब कल्कि अवतार देखा था। वे अमर हैं, कई वर्षों से सह्याद्रि पर्वत पर तपस्या कर रहे हैं। ममता सुबह 11 बजे दिल्ली से करीब डेढ़ करोड़ की कार से कल्कि धाम पहुंचीं। यहां पुजारियों ने मंत्रोच्चारण के साथ उनका स्वागत किया। कार से उतरते ही पुजारियों ने उन्हें पीले रंग का पटका पहनाया और फूल बरसाए। इसके बाद ममता ने कल्कि धाम में मुख्य यजमान के रूप में शिलापूजन किया। इस दौरान उन्होंने खुद भी मंत्रोच्चार किया। उन्होंने गले में रुद्राक्ष की कई मालाएं पहन रखी थीं। ममता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- ‘आज समुद्र मंथन की तरह कलियुग भी देव-असुर और धर्म-अधर्म की लड़ाई पर टिका है। धर्म का पालन करने वाले कुछ लोगों के कारण समय अभी ठीक है, लेकिन जब धर्म नष्ट हो जाएगा, तब कलियुग चरम पर होगा। हमने प्रकृति को नष्ट कर दिया है। अब उसका खामियाजा भुगत रहे हैं।’ ‘मुगलों ने भारत पर कई वर्षों तक शासन किया और कई मंदिरों को ध्वस्त किया। हर व्यक्ति अपने धर्म को बढ़ावा देता है। अगर मुगल दोबारा आए, तो वही सब कुछ दोहराएंगे। पीएम मोदी पर तो सीधे महाकाल की कृपा है। सनातन के प्रसार और धर्म की रक्षा में पीएम मोदी और सीएम योगी बहुत महत्वपूर्ण काम कर रहे हैं।’ संभल में 5 घंटे 40 मिनट रुकने के बाद ममता कुलकर्णी शाम को 4 बजकर 55 मिनट पर कल्कि धाम से रवाना हो गईं। उन्होंने कल्कि धाम के भव्य निर्माण के लिए डेढ़ घंटा कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम् से बातचीत की। 3 तस्वीरें देखिए- महाकुंभ के दौरान सुर्खियों में रही थीं ममता
23 जनवरी को ममता अचानक प्रयागराज महाकुंभ पहुंचीं। दोपहर में वे किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी से मिलीं। दोनों के बीच लंबी बातचीत हुई। फिर दोनों अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविंद्र पुरी से मिलीं और ममता को महामंडलेश्वर बना दिया गया। उनका नाम यामाई ममता नंद गिरि रखा गया। पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, योग गुरु बाबा रामदेव समेत कई संतों ने इसका विरोध किया। रामदेव ने कहा था-कोई एक दिन में संतत्व को प्राप्त नहीं कर सकता। इसके बाद 10 फरवरी को ममता ने किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर पद छोड़ दिया। हालांकि 2 दिन बाद यानी 12 फरवरी को उन्होंने इस्तीफा वापस ले लिया था। पीएम मोदी ने रखी थी कल्कि धाम की आधारशिला
कल्कि धाम का निर्माण पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम् करवा रहे हैं। 19 फरवरी 2024 को पीएम मोदी ने कल्कि धाम की आधारशिला रखी थी। कल्कि धाम में भगवान विष्णु के 10वें अवतार के गर्भगृह बनेंगे। कल्कि पीठाधीश्वर प्रमोद कृष्णम् ने बताया- धाम के निर्माण में 4 साल का समय लगेगा, पत्थर की बड़ी शिलाओं के साथ 21 फीट नीचे से इसका निर्माण कार्य शुरू होगा। ममता कुलकर्णी से जुड़े अपडेट्स के नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए…
बॉलीवुड अभिनेत्री और किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर ममता कुलकर्णी रविवार को पहली बार संभल पहुंचीं। उन्होंने कहा- जब मैंने समाधि ली थी, तब कल्कि अवतार देखा था। वे अमर हैं, कई वर्षों से सह्याद्रि पर्वत पर तपस्या कर रहे हैं। ममता सुबह 11 बजे दिल्ली से करीब डेढ़ करोड़ की कार से कल्कि धाम पहुंचीं। यहां पुजारियों ने मंत्रोच्चारण के साथ उनका स्वागत किया। कार से उतरते ही पुजारियों ने उन्हें पीले रंग का पटका पहनाया और फूल बरसाए। इसके बाद ममता ने कल्कि धाम में मुख्य यजमान के रूप में शिलापूजन किया। इस दौरान उन्होंने खुद भी मंत्रोच्चार किया। उन्होंने गले में रुद्राक्ष की कई मालाएं पहन रखी थीं। ममता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- ‘आज समुद्र मंथन की तरह कलियुग भी देव-असुर और धर्म-अधर्म की लड़ाई पर टिका है। धर्म का पालन करने वाले कुछ लोगों के कारण समय अभी ठीक है, लेकिन जब धर्म नष्ट हो जाएगा, तब कलियुग चरम पर होगा। हमने प्रकृति को नष्ट कर दिया है। अब उसका खामियाजा भुगत रहे हैं।’ ‘मुगलों ने भारत पर कई वर्षों तक शासन किया और कई मंदिरों को ध्वस्त किया। हर व्यक्ति अपने धर्म को बढ़ावा देता है। अगर मुगल दोबारा आए, तो वही सब कुछ दोहराएंगे। पीएम मोदी पर तो सीधे महाकाल की कृपा है। सनातन के प्रसार और धर्म की रक्षा में पीएम मोदी और सीएम योगी बहुत महत्वपूर्ण काम कर रहे हैं।’ संभल में 5 घंटे 40 मिनट रुकने के बाद ममता कुलकर्णी शाम को 4 बजकर 55 मिनट पर कल्कि धाम से रवाना हो गईं। उन्होंने कल्कि धाम के भव्य निर्माण के लिए डेढ़ घंटा कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम् से बातचीत की। 3 तस्वीरें देखिए- महाकुंभ के दौरान सुर्खियों में रही थीं ममता
23 जनवरी को ममता अचानक प्रयागराज महाकुंभ पहुंचीं। दोपहर में वे किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी से मिलीं। दोनों के बीच लंबी बातचीत हुई। फिर दोनों अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविंद्र पुरी से मिलीं और ममता को महामंडलेश्वर बना दिया गया। उनका नाम यामाई ममता नंद गिरि रखा गया। पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, योग गुरु बाबा रामदेव समेत कई संतों ने इसका विरोध किया। रामदेव ने कहा था-कोई एक दिन में संतत्व को प्राप्त नहीं कर सकता। इसके बाद 10 फरवरी को ममता ने किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर पद छोड़ दिया। हालांकि 2 दिन बाद यानी 12 फरवरी को उन्होंने इस्तीफा वापस ले लिया था। पीएम मोदी ने रखी थी कल्कि धाम की आधारशिला
कल्कि धाम का निर्माण पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम् करवा रहे हैं। 19 फरवरी 2024 को पीएम मोदी ने कल्कि धाम की आधारशिला रखी थी। कल्कि धाम में भगवान विष्णु के 10वें अवतार के गर्भगृह बनेंगे। कल्कि पीठाधीश्वर प्रमोद कृष्णम् ने बताया- धाम के निर्माण में 4 साल का समय लगेगा, पत्थर की बड़ी शिलाओं के साथ 21 फीट नीचे से इसका निर्माण कार्य शुरू होगा। ममता कुलकर्णी से जुड़े अपडेट्स के नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए…