
यमुना नदी में जहर मिलाने के हरियाणा सरकार पर आरोप मामले में केजरीवाल की तरफ से दिल्ली का कोई भी वकील नहीं पहुंचा। हालांकि आम आदमी पार्टी की तरफ से स्थानीय वकील पेश हुआ। हरियाणा सरकार स्टेट की तरफ से भुवेश मलिक द्वारा रिप्लाई फाइल करना था। आज रिप्लाई फाइल नहीं किया गया है और कोर्ट के सामने सरकारी वकील भुवेश द्वारा अगली तारीख की रिक्वेस्ट की गई। जिसके चलते अगली सुनवाई 9 अक्टूबर 2025 को होगी। कोर्ट में लगाई गई थी ऑब्जेक्शन एप्लिकेशन सीजीएम नेहा गोयल की कोर्ट में अरविंद केजरीवाल की तरफ से पिछली तारीख पर दिल्ली से आए उनके वकील के द्वारा ऑब्जेक्शन एप्लिकेशन लगाई गई थी। वकील ने कहा कि एमपी/ एमएलए के खिलाफ मामले में कोर्ट के पास शिकायत की ट्रायल करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा है कि इसके लिए स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई की जानी चाहिए। वहीं सरकार की तरफ से सरकारी वकील ने अपना पक्ष रखते हुए ऑब्जेक्शन एप्लिकेशन का रिप्लाई देने के लिए कोर्ट से समय मांगा था। आज सरकारी वकील भुवेश की तरफ से रिप्लाई फाइल करना था। मामला क्या था सोनीपत में सिंचाई विभाग के एक्सईएन अभियंता आशीष कौशिक ने कोर्ट में याचिका लगाकर कहा था कि 28 जनवरी 2025 को यमुना नदी से सटे हुए आसपास के गांव के लोग सिंचाई विभाग के कार्यालय में पहुंचे। उन्होंने कहा कि यमुना नदी में जहर क्यों डाला? इससे जानवरों और लोगों की मौत हो जाएगी। लोगों से जब कारण पूछा गया तो उन्होंने सोशल मीडिया पर चल रही एक वीडियो क्लिप दिखाई। वीडियो में अरविंद केजरीवाल बयान दे रहे थे कि हरियाणा सरकार ने यमुना नदी में जहर मिलाया है। दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों के अलर्ट के कारण पानी में जहर की जानकारी मिली है। जिसके चलते दिल्ली के लोगों की जान बच गई है। अधिकारी ने आगे बताया कि लोगों की बात सुनने के बाद उन्होंने सबको शांत किया। उनसे कहा गया कि वायरल वीडियो में जो कहा जा रहा है, ऐसा कुछ भी नहीं है। पानी में किसी तरह का जहर नहीं है। अरविंद केजरीवाल का बयान गलत है। इसके बाद भीड़ वहां से चली गई। कुरुक्षेत्र में भी केजरीवाल के खिलाफ हुई थी FIR दिल्ली विधानसभा चुनाव की वोटिंग से एक दिन पहले 4 फरवरी को कुरुक्षेत्र के शाहबाद थाने में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। सीनियर एडवोकेट जगमोहन मनचंदा ने केजरीवाल के जहर वाले बयान के बाद 28 जनवरी को कोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करने व हरियाणा और दिल्ली के लोगों के बीच भड़काऊ बयानबाजी कर दंगे करवाने के आरोप लगाए थे। जिसके बाद केजरीवाल के खिलाफ धारा 192, 196, 197, 248-ए एवं 299 के तहत केस दर्ज किया गया था। CM सैनी ने कहा था- मानहानि का केस करूंगा अरविंद केजरीवाल के बयान पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा था, ‘वह अपने बयान के लिए हरियाणा और दिल्ली के लोगों से तुरंत माफी मांगें, नहीं तो हम उनके खिलाफ मानहानि का केस करेंगे। हरियाणा के लोग यमुना की पूजा करते हैं। वे भला नदी के पानी में जहर क्यों मिलाएंगे।’ इसके बाद तट पर जाकर सैनी ने यमुना का पानी पीकर दिखाया। CM सैनी ने कहा था, ‘हरियाणा की सीमा पर बेहिचक और बेझिझक पवित्र यमुना के जल का आचमन किया।’ इसके बाद अरविंद केजरीवाल ने सैनी पर पलटवार करते हुए कहा था, ‘नायब सैनी ने यमुना का पानी पीने का ढोंग किया… और फिर वही पानी वापस यमुना में थूक दिया।’
यमुना नदी में जहर मिलाने के हरियाणा सरकार पर आरोप मामले में केजरीवाल की तरफ से दिल्ली का कोई भी वकील नहीं पहुंचा। हालांकि आम आदमी पार्टी की तरफ से स्थानीय वकील पेश हुआ। हरियाणा सरकार स्टेट की तरफ से भुवेश मलिक द्वारा रिप्लाई फाइल करना था। आज रिप्लाई फाइल नहीं किया गया है और कोर्ट के सामने सरकारी वकील भुवेश द्वारा अगली तारीख की रिक्वेस्ट की गई। जिसके चलते अगली सुनवाई 9 अक्टूबर 2025 को होगी। कोर्ट में लगाई गई थी ऑब्जेक्शन एप्लिकेशन सीजीएम नेहा गोयल की कोर्ट में अरविंद केजरीवाल की तरफ से पिछली तारीख पर दिल्ली से आए उनके वकील के द्वारा ऑब्जेक्शन एप्लिकेशन लगाई गई थी। वकील ने कहा कि एमपी/ एमएलए के खिलाफ मामले में कोर्ट के पास शिकायत की ट्रायल करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा है कि इसके लिए स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई की जानी चाहिए। वहीं सरकार की तरफ से सरकारी वकील ने अपना पक्ष रखते हुए ऑब्जेक्शन एप्लिकेशन का रिप्लाई देने के लिए कोर्ट से समय मांगा था। आज सरकारी वकील भुवेश की तरफ से रिप्लाई फाइल करना था। मामला क्या था सोनीपत में सिंचाई विभाग के एक्सईएन अभियंता आशीष कौशिक ने कोर्ट में याचिका लगाकर कहा था कि 28 जनवरी 2025 को यमुना नदी से सटे हुए आसपास के गांव के लोग सिंचाई विभाग के कार्यालय में पहुंचे। उन्होंने कहा कि यमुना नदी में जहर क्यों डाला? इससे जानवरों और लोगों की मौत हो जाएगी। लोगों से जब कारण पूछा गया तो उन्होंने सोशल मीडिया पर चल रही एक वीडियो क्लिप दिखाई। वीडियो में अरविंद केजरीवाल बयान दे रहे थे कि हरियाणा सरकार ने यमुना नदी में जहर मिलाया है। दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों के अलर्ट के कारण पानी में जहर की जानकारी मिली है। जिसके चलते दिल्ली के लोगों की जान बच गई है। अधिकारी ने आगे बताया कि लोगों की बात सुनने के बाद उन्होंने सबको शांत किया। उनसे कहा गया कि वायरल वीडियो में जो कहा जा रहा है, ऐसा कुछ भी नहीं है। पानी में किसी तरह का जहर नहीं है। अरविंद केजरीवाल का बयान गलत है। इसके बाद भीड़ वहां से चली गई। कुरुक्षेत्र में भी केजरीवाल के खिलाफ हुई थी FIR दिल्ली विधानसभा चुनाव की वोटिंग से एक दिन पहले 4 फरवरी को कुरुक्षेत्र के शाहबाद थाने में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। सीनियर एडवोकेट जगमोहन मनचंदा ने केजरीवाल के जहर वाले बयान के बाद 28 जनवरी को कोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करने व हरियाणा और दिल्ली के लोगों के बीच भड़काऊ बयानबाजी कर दंगे करवाने के आरोप लगाए थे। जिसके बाद केजरीवाल के खिलाफ धारा 192, 196, 197, 248-ए एवं 299 के तहत केस दर्ज किया गया था। CM सैनी ने कहा था- मानहानि का केस करूंगा अरविंद केजरीवाल के बयान पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा था, ‘वह अपने बयान के लिए हरियाणा और दिल्ली के लोगों से तुरंत माफी मांगें, नहीं तो हम उनके खिलाफ मानहानि का केस करेंगे। हरियाणा के लोग यमुना की पूजा करते हैं। वे भला नदी के पानी में जहर क्यों मिलाएंगे।’ इसके बाद तट पर जाकर सैनी ने यमुना का पानी पीकर दिखाया। CM सैनी ने कहा था, ‘हरियाणा की सीमा पर बेहिचक और बेझिझक पवित्र यमुना के जल का आचमन किया।’ इसके बाद अरविंद केजरीवाल ने सैनी पर पलटवार करते हुए कहा था, ‘नायब सैनी ने यमुना का पानी पीने का ढोंग किया… और फिर वही पानी वापस यमुना में थूक दिया।’