
हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी मौत मामले में सुक्खू सरकार ने अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS) ओंकार शर्मा, पुलिस महानिदेशक (DGP) अतुल वर्मा और पुलिस अधीक्षक (SP) शिमला संजीव गांधी पर बड़ी कार्रवाई की है। तीन अफसरों को सरकार ने लंबी छुट्टी पर भेज दिया है। DGP अतुल वर्मा को हटाने के बाद सरकार ने अशोक तिवारी को DGP का अतिरिक्त कार्यभार सौंप दिया है। SP सोलन गौरव सिंह को SP शिमला का अतिरिक्त कार्यभार सौंप दिया है। वहीं ओंकार शर्मा से सभी विभाग वापस लेकर ACS केके पंत को होम और राजस्व महकमे का जिम्मा दिया गया है। जल शक्ति विभाग संदीप कदम और ट्राइबल डेवलपमेंट राखिल काहलों को दिया गया। सीएम ने पौने 3 घंटे ली मीटिंग यह फैसला मंगलवार शाम को सचिवालय में सीएम सुखविंदर सुक्खू की अध्यक्षता में पौने तीन घंटे चली मीटिंग में लिया गया। इसमें मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, सीएम के सचिव राकेश कंवर, एडवोकेट जनरल अनूप रत्न और लॉ सेक्रेटरी मौजूद रहे। DGP अतुल वर्मा चार दिन बाद यानी 31 मई को अतुल वर्मा रिटायर होने जा रहे हैं। मगर, उन्हें रिटायरमेंट से पहले ही छुट्टी पर भेज दिया गया है। सरकार की ओर जारी किए आदेश की कॉपी ACS ओंकार से भी CM नाराज CM सुक्खू ने अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS) ओंकार शर्मा द्वारा विमल नेगी केस में जांच रिपोर्ट एडवोकेट जनरल ऑफिस की वेटिंग के बगैर ही हाईकोर्ट में देने पर आपत्ति जताई है। हालांकि रिपोर्ट तैयार करने के लिए सीएम ने ओंकार की प्रशंसा की है, क्योंकि ओंकार ने सरकार के आदेशों पर ही विमल नेगी मौत मामले की प्रशासनिक जांच की थी। विमल नेगी मामले से सरकार की किरकिरी विमल नेगी मौत मामले से हिमाचल सरकार की किरकिरी हुई है। इस मामले में ACS, DGP और SP ने हाईकोर्ट में स्टेट्स रिपोर्ट दायर की थी। तीनों की रिपोर्ट अलग-अलग थी। इस पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया और शिमला पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए केस की जांच CBI को सौंपी। DGP ने एफिडेविट में क्या कहा? हिमाचल के DGP अतुल वर्मा ने शिमला पुलिस की SIT जांच पर ही सवाल खड़े किए। पुलिस मुखिया ने अपनी ही पुलिस के खिलाफ हाईकोर्ट में एफिडेविट दिया। हाईकोर्ट ने भी DGP और ACS की रिपोर्ट को आधार बनाते हुए शिमला पुलिस की एसआईटी को लेकर सख्त टिप्पणी की। यहां पढ़े DGP ने SIT जांच को लेकर क्या कहा.. SP ने DGP के खिलाफ खोला मोर्चा हिमाचल हाईकोर्ट में ACS, DGP और SP ने 21 मई को रिपोर्ट पेश की। इस दिन सभी पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस अजय मोहन गोयल ने फैसला सुरक्षित रख दिया। 23 मई को अदालत ने फैसला सुनाया और CBI को केस देने के आदेश दिए। यह हिमाचल पुलिस को बड़ा झटका था। SP ने अगले ही दिन DGP के खिलाफ मोर्चा खोला हाईकोर्ट के ऑर्डर के दूसरे दिन SP शिमला संजीव गांधी ने अपने ही मुखिया DGP के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। उन्होंने मीडिया से बातचीत में DGP द्वारा विमल नेगी मौत मामले में हाईकोर्ट में दायर एफिडेविट को गैर जिम्मेदाराना बताया। साथ ही DGP ऑफिस के कर्मचारियों पर चिट्टा तस्करी को लेकर संगीन आरोप लगाए। यही नहीं SP ने मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना पर भी एक केस की जांच प्रभावित करने के आरोप लगाए। पूर्व डीजीपी संजय कुंडू पर भी SP शिमला ने गंभीर आरोप जड़े। उन्होंने धर्मशाला से भाजपा विधायक सुधीर शर्मा को भी हॉर्स-ट्रेडिंग मामले का मास्टरमाइंड बताया। SP ने हाईकोर्ट के फैसले को डबल बैंच में चुनौती की बात तक कह डाली। DGP भी मीडिया से बात करने वाले थे, पर बिना बात के दिल्ली गए SP के इन आरोपों का जवाब देने के लिए DGP अतुल वर्मा भी तैयार थे। उन्होंने बाकायदा मीडिया को अपने दफ्तर में बुला दिया था। इस दौरान उन्हें किसी का फोन आया और वह बिना मीडिया से बात किए चले गए। कहा गया कि वह सीएम से मिलने दिल्ली गए हैं, क्योंकि पिछले कल सुबह तक सीएम सुक्खू दिल्ली में थे। सीएम बीते कल ही दिल्ली से लौटे। उन्होंने बीते कल भी इसी मामले को लेकर उच्च अधिकारियों की मीटिंग ली। आज दोबारा पौने तीन घंटे तक मीटिंग ली गई। इसमें तीनों अफसरों को लंबी छुट्टी पर भेजने का फैसला हुआ है।
हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी मौत मामले में सुक्खू सरकार ने अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS) ओंकार शर्मा, पुलिस महानिदेशक (DGP) अतुल वर्मा और पुलिस अधीक्षक (SP) शिमला संजीव गांधी पर बड़ी कार्रवाई की है। तीन अफसरों को सरकार ने लंबी छुट्टी पर भेज दिया है। DGP अतुल वर्मा को हटाने के बाद सरकार ने अशोक तिवारी को DGP का अतिरिक्त कार्यभार सौंप दिया है। SP सोलन गौरव सिंह को SP शिमला का अतिरिक्त कार्यभार सौंप दिया है। वहीं ओंकार शर्मा से सभी विभाग वापस लेकर ACS केके पंत को होम और राजस्व महकमे का जिम्मा दिया गया है। जल शक्ति विभाग संदीप कदम और ट्राइबल डेवलपमेंट राखिल काहलों को दिया गया। सीएम ने पौने 3 घंटे ली मीटिंग यह फैसला मंगलवार शाम को सचिवालय में सीएम सुखविंदर सुक्खू की अध्यक्षता में पौने तीन घंटे चली मीटिंग में लिया गया। इसमें मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, सीएम के सचिव राकेश कंवर, एडवोकेट जनरल अनूप रत्न और लॉ सेक्रेटरी मौजूद रहे। DGP अतुल वर्मा चार दिन बाद यानी 31 मई को अतुल वर्मा रिटायर होने जा रहे हैं। मगर, उन्हें रिटायरमेंट से पहले ही छुट्टी पर भेज दिया गया है। सरकार की ओर जारी किए आदेश की कॉपी ACS ओंकार से भी CM नाराज CM सुक्खू ने अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS) ओंकार शर्मा द्वारा विमल नेगी केस में जांच रिपोर्ट एडवोकेट जनरल ऑफिस की वेटिंग के बगैर ही हाईकोर्ट में देने पर आपत्ति जताई है। हालांकि रिपोर्ट तैयार करने के लिए सीएम ने ओंकार की प्रशंसा की है, क्योंकि ओंकार ने सरकार के आदेशों पर ही विमल नेगी मौत मामले की प्रशासनिक जांच की थी। विमल नेगी मामले से सरकार की किरकिरी विमल नेगी मौत मामले से हिमाचल सरकार की किरकिरी हुई है। इस मामले में ACS, DGP और SP ने हाईकोर्ट में स्टेट्स रिपोर्ट दायर की थी। तीनों की रिपोर्ट अलग-अलग थी। इस पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया और शिमला पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए केस की जांच CBI को सौंपी। DGP ने एफिडेविट में क्या कहा? हिमाचल के DGP अतुल वर्मा ने शिमला पुलिस की SIT जांच पर ही सवाल खड़े किए। पुलिस मुखिया ने अपनी ही पुलिस के खिलाफ हाईकोर्ट में एफिडेविट दिया। हाईकोर्ट ने भी DGP और ACS की रिपोर्ट को आधार बनाते हुए शिमला पुलिस की एसआईटी को लेकर सख्त टिप्पणी की। यहां पढ़े DGP ने SIT जांच को लेकर क्या कहा.. SP ने DGP के खिलाफ खोला मोर्चा हिमाचल हाईकोर्ट में ACS, DGP और SP ने 21 मई को रिपोर्ट पेश की। इस दिन सभी पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस अजय मोहन गोयल ने फैसला सुरक्षित रख दिया। 23 मई को अदालत ने फैसला सुनाया और CBI को केस देने के आदेश दिए। यह हिमाचल पुलिस को बड़ा झटका था। SP ने अगले ही दिन DGP के खिलाफ मोर्चा खोला हाईकोर्ट के ऑर्डर के दूसरे दिन SP शिमला संजीव गांधी ने अपने ही मुखिया DGP के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। उन्होंने मीडिया से बातचीत में DGP द्वारा विमल नेगी मौत मामले में हाईकोर्ट में दायर एफिडेविट को गैर जिम्मेदाराना बताया। साथ ही DGP ऑफिस के कर्मचारियों पर चिट्टा तस्करी को लेकर संगीन आरोप लगाए। यही नहीं SP ने मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना पर भी एक केस की जांच प्रभावित करने के आरोप लगाए। पूर्व डीजीपी संजय कुंडू पर भी SP शिमला ने गंभीर आरोप जड़े। उन्होंने धर्मशाला से भाजपा विधायक सुधीर शर्मा को भी हॉर्स-ट्रेडिंग मामले का मास्टरमाइंड बताया। SP ने हाईकोर्ट के फैसले को डबल बैंच में चुनौती की बात तक कह डाली। DGP भी मीडिया से बात करने वाले थे, पर बिना बात के दिल्ली गए SP के इन आरोपों का जवाब देने के लिए DGP अतुल वर्मा भी तैयार थे। उन्होंने बाकायदा मीडिया को अपने दफ्तर में बुला दिया था। इस दौरान उन्हें किसी का फोन आया और वह बिना मीडिया से बात किए चले गए। कहा गया कि वह सीएम से मिलने दिल्ली गए हैं, क्योंकि पिछले कल सुबह तक सीएम सुक्खू दिल्ली में थे। सीएम बीते कल ही दिल्ली से लौटे। उन्होंने बीते कल भी इसी मामले को लेकर उच्च अधिकारियों की मीटिंग ली। आज दोबारा पौने तीन घंटे तक मीटिंग ली गई। इसमें तीनों अफसरों को लंबी छुट्टी पर भेजने का फैसला हुआ है।