
राहुल गांधी के खिलाफ याचिका को वाराणसी कोर्ट ने मंगलवार को खारिज कर दी। कोर्ट में याचिकाकर्ता की मेंटेनिबिलिटी पर पहले बहस हुई। इसके बाद राहुल गांधी के खिलाफ याचिका को सुनने योग्य नहीं माना गया। आज राहुल गांधी की ओर से एडवोकेट अनुज यादव कोर्ट में मौजूद रहे थे। राहुल गांधी पर भगवान राम को काल्पनिक कहने का आरोप है। 19 मई को जज ने ऑर्डर सुरक्षित रख लिया था। एडवोकेट हरिशंकर पांडेय ने 12 मई को याचिका में दावा किया कि भारतीय संसद में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी इसी साल 21 अप्रैल को अमेरिका के बोस्टन पहुंचे थे। यहां पर ब्राउन यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स के साथ उनका एक सेशन था।यहां राहुल ने भगवान श्रीराम को लेकर विवादित बयान दिए थे। उन्होंने भगवान राम को ‘पौराणिक’ बताया था और उस युग पर बताई जाने वाली कहानियों को काल्पनिक कहा था। याची एडवोकेट बोले- राहुल गांधी ‘राम द्रोही’ हैं
हरिशंकर पांडेय ने कहा- राहुल गांधी ने भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाकर देश की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। राहुल गांधी ‘राम द्रोही’ हैं। उनकी सरकार ने राम मंदिर का विरोध किया और वह विदेश में जाकर भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठा रहे हैं। एडवोकेट ने कोर्ट से मांग करते हुए कहा- राहुल के इन स्टेटमेंट पर केस दर्ज किया जाए। जिला और सत्र न्यायालय की MP-MLA कोर्ट ने आवेदन देखने के बाद एडवोकेट को 19 मई डेट दी थी। इस दिन सुनवाई हुई और कोर्ट ने ऑर्डर रिजर्व रख लिया। राहुल बोले थे- BJP का दृष्टिकोण नफरत फैलाने वाला
राहुल गांधी से पूछा गया था कि हिंदू राष्ट्रवाद के दौर में धर्मनिरपेक्ष राजनीति कैसी होनी चाहिए? क्या महात्मा गांधी के विचारों को इसके खिलाफ इस्तेमाल किया जा सकता है? इसके जवाब में राहुल गांधी ने कहा था- भारत के सभी महान सुधारक और विचारक, जैसे बुद्ध, गुरु नानक, गांधी और अंबेडकर बिना भेदभाव के रहे। ये लोग क्षमाशील, दयालु और सहिष्णु थे। मगर, बीजेपी का दृष्टिकोण हिंदू धर्म का प्रतिनिधित्व नहीं, नफरत फैलाने वाला है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में 8 मई को दाखिल हुई थी नई याचिका राहुल गांधी की नागरिकता रद्द करने की मांग
यहां आपको बता दें कि 8 मई को राहुल गांधी की नागरिकता रद्द करने के लिए नई याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में दायर की गई। कर्नाटक भाजपा के सदस्य एस. विग्नेश शिशिर ने एक बार फिर जनहित याचिका दाखिल कर राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता तत्काल रद्द करने की मांग की है। याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि गृह मंत्रालय को यूनाइटेड किंगडम, वियतनाम और उज्बेकिस्तान सरकारों से मिली हालिया रिपोर्टों और प्रमाणों के आधार पर यह कार्रवाई जरूरी है। याचिका में कहा गया है कि राहुल गांधी ने कथित तौर पर विदेशी नागरिकता, गतिविधियों और दस्तावेजों के माध्यम से भारतीय नागरिकता के मापदंडों का उल्लंघन किया है। पासपोर्ट एक्ट के तहत FIR की मांग
एस. विग्नेश ने हाई कोर्ट से आग्रह किया है कि राहुल गांधी के खिलाफ पासपोर्ट अधिनियम, 1967 की धारा 12 के तहत मामला दर्ज किया जाए, क्योंकि उन्होंने कथित रूप से फर्जी जानकारी देकर भारतीय पासपोर्ट बनवाया है। याचिका में यह भी कहा गया है कि गृह मंत्रालय ने तीन देशों की सरकारों से इस संबंध में जानकारी मंगाई है, जो अंतिम निर्णय की प्रक्रिया में है। रिपोर्ट आ भी गई है सरकार को अब या रिपोर्ट कोर्ट में पेश करनी है।
…………………… यह खबर भी पढ़ें राहुल की नागरिकता मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: रिपोर्ट के अभाव में केस किया बंद; केंद्र बोला- संबंधित देश नहीं दे रहा जवाब इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राहुल गांधी को ब्रिटिश नागरिक बताने वाले केस को बंद कर दिया है। कोर्ट ने कहा- राहुल की नागरिकता की रिपोर्ट केंद्र सरकार पेश नहीं कर पाई। कोर्ट ने कहा- केवल रिपोर्ट के इंतजार में याचिका को लंबित नहीं रखा जा सकता। जब भी रिपोर्ट केंद्र सरकार को प्राप्त होती है, तो याचिकाकर्ता को उसकी एक प्रति उपलब्ध कराएं और उसे कोर्ट में भी प्रस्तुत करें। यहां पढ़ें पूरी खबर
राहुल गांधी के खिलाफ याचिका को वाराणसी कोर्ट ने मंगलवार को खारिज कर दी। कोर्ट में याचिकाकर्ता की मेंटेनिबिलिटी पर पहले बहस हुई। इसके बाद राहुल गांधी के खिलाफ याचिका को सुनने योग्य नहीं माना गया। आज राहुल गांधी की ओर से एडवोकेट अनुज यादव कोर्ट में मौजूद रहे थे। राहुल गांधी पर भगवान राम को काल्पनिक कहने का आरोप है। 19 मई को जज ने ऑर्डर सुरक्षित रख लिया था। एडवोकेट हरिशंकर पांडेय ने 12 मई को याचिका में दावा किया कि भारतीय संसद में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी इसी साल 21 अप्रैल को अमेरिका के बोस्टन पहुंचे थे। यहां पर ब्राउन यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स के साथ उनका एक सेशन था।यहां राहुल ने भगवान श्रीराम को लेकर विवादित बयान दिए थे। उन्होंने भगवान राम को ‘पौराणिक’ बताया था और उस युग पर बताई जाने वाली कहानियों को काल्पनिक कहा था। याची एडवोकेट बोले- राहुल गांधी ‘राम द्रोही’ हैं
हरिशंकर पांडेय ने कहा- राहुल गांधी ने भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाकर देश की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। राहुल गांधी ‘राम द्रोही’ हैं। उनकी सरकार ने राम मंदिर का विरोध किया और वह विदेश में जाकर भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठा रहे हैं। एडवोकेट ने कोर्ट से मांग करते हुए कहा- राहुल के इन स्टेटमेंट पर केस दर्ज किया जाए। जिला और सत्र न्यायालय की MP-MLA कोर्ट ने आवेदन देखने के बाद एडवोकेट को 19 मई डेट दी थी। इस दिन सुनवाई हुई और कोर्ट ने ऑर्डर रिजर्व रख लिया। राहुल बोले थे- BJP का दृष्टिकोण नफरत फैलाने वाला
राहुल गांधी से पूछा गया था कि हिंदू राष्ट्रवाद के दौर में धर्मनिरपेक्ष राजनीति कैसी होनी चाहिए? क्या महात्मा गांधी के विचारों को इसके खिलाफ इस्तेमाल किया जा सकता है? इसके जवाब में राहुल गांधी ने कहा था- भारत के सभी महान सुधारक और विचारक, जैसे बुद्ध, गुरु नानक, गांधी और अंबेडकर बिना भेदभाव के रहे। ये लोग क्षमाशील, दयालु और सहिष्णु थे। मगर, बीजेपी का दृष्टिकोण हिंदू धर्म का प्रतिनिधित्व नहीं, नफरत फैलाने वाला है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में 8 मई को दाखिल हुई थी नई याचिका राहुल गांधी की नागरिकता रद्द करने की मांग
यहां आपको बता दें कि 8 मई को राहुल गांधी की नागरिकता रद्द करने के लिए नई याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में दायर की गई। कर्नाटक भाजपा के सदस्य एस. विग्नेश शिशिर ने एक बार फिर जनहित याचिका दाखिल कर राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता तत्काल रद्द करने की मांग की है। याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि गृह मंत्रालय को यूनाइटेड किंगडम, वियतनाम और उज्बेकिस्तान सरकारों से मिली हालिया रिपोर्टों और प्रमाणों के आधार पर यह कार्रवाई जरूरी है। याचिका में कहा गया है कि राहुल गांधी ने कथित तौर पर विदेशी नागरिकता, गतिविधियों और दस्तावेजों के माध्यम से भारतीय नागरिकता के मापदंडों का उल्लंघन किया है। पासपोर्ट एक्ट के तहत FIR की मांग
एस. विग्नेश ने हाई कोर्ट से आग्रह किया है कि राहुल गांधी के खिलाफ पासपोर्ट अधिनियम, 1967 की धारा 12 के तहत मामला दर्ज किया जाए, क्योंकि उन्होंने कथित रूप से फर्जी जानकारी देकर भारतीय पासपोर्ट बनवाया है। याचिका में यह भी कहा गया है कि गृह मंत्रालय ने तीन देशों की सरकारों से इस संबंध में जानकारी मंगाई है, जो अंतिम निर्णय की प्रक्रिया में है। रिपोर्ट आ भी गई है सरकार को अब या रिपोर्ट कोर्ट में पेश करनी है।
…………………… यह खबर भी पढ़ें राहुल की नागरिकता मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: रिपोर्ट के अभाव में केस किया बंद; केंद्र बोला- संबंधित देश नहीं दे रहा जवाब इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राहुल गांधी को ब्रिटिश नागरिक बताने वाले केस को बंद कर दिया है। कोर्ट ने कहा- राहुल की नागरिकता की रिपोर्ट केंद्र सरकार पेश नहीं कर पाई। कोर्ट ने कहा- केवल रिपोर्ट के इंतजार में याचिका को लंबित नहीं रखा जा सकता। जब भी रिपोर्ट केंद्र सरकार को प्राप्त होती है, तो याचिकाकर्ता को उसकी एक प्रति उपलब्ध कराएं और उसे कोर्ट में भी प्रस्तुत करें। यहां पढ़ें पूरी खबर