
तमिलनाडु शराब दुकान लाइसेंस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सारी हदें पार कर दी हैं। जब राज्य सरकार की जांच एजेंसी इस मामले में कार्रवाई कर रही है तो ED को हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ED देश के संघीय ढांचे का उल्लंघन कर रही है। कोर्ट ने तमिलनाडु स्टेट मार्केटिंग कार्पोरेशन (TASMAC) और तमिलनाडु सरकार की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की। TASMAC पर शराब दुकान के लाइसेंस बांटने में करप्शन और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे हैं। इसमें कहा गया कि शराब दुकान के लाइसेंस बांटने में भ्रष्टाचार किया गया। ED भी इसकी जांच कर रही थी। अब सुप्रीम कोर्ट में CJI बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह की बेंच ने ED की जांच पर रोक लगा दी है। तमिलनाडु सरकार की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने तो TASMAC की ओर से पेश वकील मुकुल रोहतगी, और ED की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) एसवी राजू ने दलीलें रखीं। TASMAC पर ED के आरोप ED ने मार्च में TASMAC मुख्यालय पर छापेमारी के बाद कहा था कि उसे एक हजार करोड़ रुपए की हेराफेरी का पता चला है। कॉर्पोरेट पोस्टिंग, ट्रांसपोर्ट और बार लाइसेंस टेंडर से जुड़ा डेटा मिला है। धोखाधड़ी करके शराब को तय कीमत से ज्यादा पर बेचने के भी सबूत हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का DMK ने स्वागत किया। कहा कि नरेंद्र मोदी जब से प्रधानमंत्री (2014 में) बने हैं, तब से वे एजेंसी का इस्तेमाल गैर-भाजपा शासित राज्यों के खिलाफ कर रहे हैं। कोर्ट रूम LIVE 3 पॉइंट्स में जानिए, तमिलनाडु सरकार और TASMAC सुप्रीम कोर्ट क्यों गई DMK बोली- स्टालिन का कद बढ़ रहा, भाजपा के लिए ये पचा पाना मुश्किल सुप्रीम कोर्ट के आदेश को तमिलनाडु की सत्ताधारी DMK के संगठन सचिव ने पार्टी की जीत बताया। कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी 2014 में जब से सत्ता में आए हैं, वे गैर-भाजपा शासित राज्यों के खिलाफ ED का इस्तेमाल कर रहे हैं। DMK नेता और पार्टी के संगठन सचिव आरएस भारती ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का ED की जांच पर रोक लगाना बड़ा झटका है। सुप्रीम कोर्ट का आदेश तमिलनाडु के लोगों का सम्मान है। तमिलनाडु में एमके स्टालिन की अगुआई वाली DMK ने 2021 में सत्ता में आई थी। तब से सरकार लगातार लोकप्रियता हासिल कर रही है। मुख्यमंत्री का कद लगातार बढ़ रहा है। भाजपा के लिए ये पचा पाना मुश्किल हो रहा है। ————————————————————- सुप्रीम कोर्ट से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… सुप्रीम कोर्ट बोला- विचारधारा की वजह से किसी को जेल में नहीं डाल सकते; RSS नेता की हत्या के आरोपी को जमानत सुप्रीम कोर्ट ने 22 मई को कहा कि किसी को विचारधारा के लिए जेल में नहीं डाला जा सकता। जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने यह टिप्पणी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के एक नेता की हत्या के आरोपी को जमानत देते हुए की। पूरी खबर पढ़ें… सुप्रीम कोर्ट बोला- नेवी के अधिकारी अहंकार छोड़ें; महिला अफसर को स्थायी कमीशन नहीं दिया था सुप्रीम कोर्ट ने 20 मई को नेवी को उसकी एक महिला अधिकारी को स्थायी कमीशन नहीं देने के लिए जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने नेवी के अधिकारियों से कहा- अब बहुत हो गया है, वे अपना अहंकार त्याग दें और अपने तौर-तरीके सुधारें। पूरी खबर पढ़ें…
तमिलनाडु शराब दुकान लाइसेंस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सारी हदें पार कर दी हैं। जब राज्य सरकार की जांच एजेंसी इस मामले में कार्रवाई कर रही है तो ED को हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ED देश के संघीय ढांचे का उल्लंघन कर रही है। कोर्ट ने तमिलनाडु स्टेट मार्केटिंग कार्पोरेशन (TASMAC) और तमिलनाडु सरकार की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की। TASMAC पर शराब दुकान के लाइसेंस बांटने में करप्शन और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे हैं। इसमें कहा गया कि शराब दुकान के लाइसेंस बांटने में भ्रष्टाचार किया गया। ED भी इसकी जांच कर रही थी। अब सुप्रीम कोर्ट में CJI बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह की बेंच ने ED की जांच पर रोक लगा दी है। तमिलनाडु सरकार की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने तो TASMAC की ओर से पेश वकील मुकुल रोहतगी, और ED की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) एसवी राजू ने दलीलें रखीं। TASMAC पर ED के आरोप ED ने मार्च में TASMAC मुख्यालय पर छापेमारी के बाद कहा था कि उसे एक हजार करोड़ रुपए की हेराफेरी का पता चला है। कॉर्पोरेट पोस्टिंग, ट्रांसपोर्ट और बार लाइसेंस टेंडर से जुड़ा डेटा मिला है। धोखाधड़ी करके शराब को तय कीमत से ज्यादा पर बेचने के भी सबूत हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का DMK ने स्वागत किया। कहा कि नरेंद्र मोदी जब से प्रधानमंत्री (2014 में) बने हैं, तब से वे एजेंसी का इस्तेमाल गैर-भाजपा शासित राज्यों के खिलाफ कर रहे हैं। कोर्ट रूम LIVE 3 पॉइंट्स में जानिए, तमिलनाडु सरकार और TASMAC सुप्रीम कोर्ट क्यों गई DMK बोली- स्टालिन का कद बढ़ रहा, भाजपा के लिए ये पचा पाना मुश्किल सुप्रीम कोर्ट के आदेश को तमिलनाडु की सत्ताधारी DMK के संगठन सचिव ने पार्टी की जीत बताया। कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी 2014 में जब से सत्ता में आए हैं, वे गैर-भाजपा शासित राज्यों के खिलाफ ED का इस्तेमाल कर रहे हैं। DMK नेता और पार्टी के संगठन सचिव आरएस भारती ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का ED की जांच पर रोक लगाना बड़ा झटका है। सुप्रीम कोर्ट का आदेश तमिलनाडु के लोगों का सम्मान है। तमिलनाडु में एमके स्टालिन की अगुआई वाली DMK ने 2021 में सत्ता में आई थी। तब से सरकार लगातार लोकप्रियता हासिल कर रही है। मुख्यमंत्री का कद लगातार बढ़ रहा है। भाजपा के लिए ये पचा पाना मुश्किल हो रहा है। ————————————————————- सुप्रीम कोर्ट से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… सुप्रीम कोर्ट बोला- विचारधारा की वजह से किसी को जेल में नहीं डाल सकते; RSS नेता की हत्या के आरोपी को जमानत सुप्रीम कोर्ट ने 22 मई को कहा कि किसी को विचारधारा के लिए जेल में नहीं डाला जा सकता। जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने यह टिप्पणी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के एक नेता की हत्या के आरोपी को जमानत देते हुए की। पूरी खबर पढ़ें… सुप्रीम कोर्ट बोला- नेवी के अधिकारी अहंकार छोड़ें; महिला अफसर को स्थायी कमीशन नहीं दिया था सुप्रीम कोर्ट ने 20 मई को नेवी को उसकी एक महिला अधिकारी को स्थायी कमीशन नहीं देने के लिए जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने नेवी के अधिकारियों से कहा- अब बहुत हो गया है, वे अपना अहंकार त्याग दें और अपने तौर-तरीके सुधारें। पूरी खबर पढ़ें…