
जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में भागलपुर के जवान संतोष यादव शहीद हो गए। बताया जा रहा है कि वे सोमवार रात आतंकियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन के लिए निकले थे, इसी दौरान उनकी गाड़ी खाई में गिर गई। गाड़ी में संतोष सहित 6 जवान थे। हादसे में संतोष यादव गंभीर रूप से घायल हो गए। अस्पताल जाने दौरान रास्ते में उनकी मौत हो गई। संतोष भागलपुर के नवगछिया के रहने वाले थे और आर्मी में हवलदार के पद पर तैनात थे। जवान के पार्थिव शरीर को घर लाने की तैयारी की जा रही है। वहीं, शहीद संतोष यादव के भाई अभिनव कुमार का कहना है कि उनके भाई की मौत आतंकियों के साथ मुठभेड़ में हुई है। अभिनव के मुताबिक, संतोष अगले 4 साल में रिटायर्ड होने वाले थे। वो अपने बड़े बेटे को भी सेना में भेजना चाहते थे। आर्मी यूनिट से शहीद होने की मिली जानकारी शहीद के चचेरे भाई बृजेश ने बताया, ‘नौशेरा सेक्टर में संतोष यादव तैनात थे। आर्मी यूनिट से सोमवार की देर रात फोन आया, लेकिन किसी ने फोन पिक नहीं किया।’ ‘मंगलवार यानी आज सुबह हादसे की सूचना मिली। बताया गया कि संतोष की गाड़ी अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई। अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई।’ ‘संतोष यादव के साले भी आर्मी में हैं और नौशेरा सेक्टर के पास ही दूसरी यूनिट में ड्यूटी पर थे। उन्होंने ही घटना की जानकारी घरवालों को दी है।’ बेटा को सेना की वर्दी पहनाना चाहता था संतोष शहीद के भाई अभिनव कुमार ने बताया, ‘सोमवार रात संतोष से एक मिनट के लिए बातचीत हुई थी। उसने बताया कि अभी कश्मीर की स्थिति ठीक नहीं है। इतना कहने के बाद उन्होंने फोन काट दिया।’ ‘रात करीब एक बजे सेना के किसी अधिकारी का फोन आया, बताया गया कि आपके भाई शहीद हो गए हैं। फिर मैंने पूछा कि क्या हुआ था, तो जवाब दिया गया कि मुठभेड़ हुई है।’ मुझे जब भाई की शहादत की जानकारी मिली तो पहले मैंने किसी को इसके बारे में नहीं बताया। मैं भागलपुर से पैतृक गांव आ रहा था, तभी रास्ते में पिता मिले। सबसे पहले पिता को बताया, फिर घरवालों को भाई की शहीद होने की जानकारी दी। बड़ा भाई बिहार पुलिस में सिपाही शहीद जवान के पैतृक गांव भिट्ठा में मातम पसरा है। तीन भाई-बहनों में मंझले थे। एक भाई बिहार पुलिस में सिपाही के पद पर कार्यरत हैं। बहन की शादी हो चुकी है। ग्रामीण कैलाश यादव ने बताया, ‘आज सुबह हमलोगों को जानकारी मिली है। परिजन भागलपुर में रहते हैं। वहां से गांव आ रहे हैं। गांव में गम का माहौल है।’ साल 2001 में भर्ती हुए थे संतोष संतोष भारतीय सेना में साल 2001 में भर्ती हुए थे। ट्रेनिंग के बाद सबसे पहले हिमाचल प्रदेश गए थे। इसके बाद वे अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र में भी तैनात रह चुके थे। इसके बाद उनकी पोस्टिंग कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में हो गई। वे 3 साल से नौशेरा सेक्टर में तैनात थे। परिजनों ने बताया, दो महीने पहले वो छुट्टी पर घर आए थे। उन्होंने VRS लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। वे कहते थे कि अब बच्चों की पढ़ाई और माता-पिता की सेवा में समय देना है। संतोष के तीन बेटी और एक बेटा है। बड़ी बेटी दीक्षा कुमारी इसी साल 10वीं की परीक्षा फर्स्ट डिवीजन से पास की है। दूसरी बेटी दीप्ति कुमारी 9वीं क्लास और तीसरी बेटी इशिका 7वीं में पढ़ती है। सबसे छोटा बेटा लक्ष्य कुमार (4) साल का है। —————————– पंचतत्व में विलीन हुए PAK हमले में शहीद जवान रामबाबू:पार्थिव शरीर से लिपटकर रो पड़े मां और चाचा, भारत माता के नारे लगे PAK हमले में शहीद सीवान के जवान रामबाबू प्रसाद (28) बुधवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। उनके पैतृक गांव सिलपुर के ही श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया गया।इससे पहले उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। घाट पर लोगों की भारी भीड़ थी। लोगों की आंखें नम थीं, लेकिन जोश दिखाई दे रहा था। भारत माता और जवान के नाम के नारे लगते रहे। पूरी खबर पढ़ें
जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में भागलपुर के जवान संतोष यादव शहीद हो गए। बताया जा रहा है कि वे सोमवार रात आतंकियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन के लिए निकले थे, इसी दौरान उनकी गाड़ी खाई में गिर गई। गाड़ी में संतोष सहित 6 जवान थे। हादसे में संतोष यादव गंभीर रूप से घायल हो गए। अस्पताल जाने दौरान रास्ते में उनकी मौत हो गई। संतोष भागलपुर के नवगछिया के रहने वाले थे और आर्मी में हवलदार के पद पर तैनात थे। जवान के पार्थिव शरीर को घर लाने की तैयारी की जा रही है। वहीं, शहीद संतोष यादव के भाई अभिनव कुमार का कहना है कि उनके भाई की मौत आतंकियों के साथ मुठभेड़ में हुई है। अभिनव के मुताबिक, संतोष अगले 4 साल में रिटायर्ड होने वाले थे। वो अपने बड़े बेटे को भी सेना में भेजना चाहते थे। आर्मी यूनिट से शहीद होने की मिली जानकारी शहीद के चचेरे भाई बृजेश ने बताया, ‘नौशेरा सेक्टर में संतोष यादव तैनात थे। आर्मी यूनिट से सोमवार की देर रात फोन आया, लेकिन किसी ने फोन पिक नहीं किया।’ ‘मंगलवार यानी आज सुबह हादसे की सूचना मिली। बताया गया कि संतोष की गाड़ी अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई। अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई।’ ‘संतोष यादव के साले भी आर्मी में हैं और नौशेरा सेक्टर के पास ही दूसरी यूनिट में ड्यूटी पर थे। उन्होंने ही घटना की जानकारी घरवालों को दी है।’ बेटा को सेना की वर्दी पहनाना चाहता था संतोष शहीद के भाई अभिनव कुमार ने बताया, ‘सोमवार रात संतोष से एक मिनट के लिए बातचीत हुई थी। उसने बताया कि अभी कश्मीर की स्थिति ठीक नहीं है। इतना कहने के बाद उन्होंने फोन काट दिया।’ ‘रात करीब एक बजे सेना के किसी अधिकारी का फोन आया, बताया गया कि आपके भाई शहीद हो गए हैं। फिर मैंने पूछा कि क्या हुआ था, तो जवाब दिया गया कि मुठभेड़ हुई है।’ मुझे जब भाई की शहादत की जानकारी मिली तो पहले मैंने किसी को इसके बारे में नहीं बताया। मैं भागलपुर से पैतृक गांव आ रहा था, तभी रास्ते में पिता मिले। सबसे पहले पिता को बताया, फिर घरवालों को भाई की शहीद होने की जानकारी दी। बड़ा भाई बिहार पुलिस में सिपाही शहीद जवान के पैतृक गांव भिट्ठा में मातम पसरा है। तीन भाई-बहनों में मंझले थे। एक भाई बिहार पुलिस में सिपाही के पद पर कार्यरत हैं। बहन की शादी हो चुकी है। ग्रामीण कैलाश यादव ने बताया, ‘आज सुबह हमलोगों को जानकारी मिली है। परिजन भागलपुर में रहते हैं। वहां से गांव आ रहे हैं। गांव में गम का माहौल है।’ साल 2001 में भर्ती हुए थे संतोष संतोष भारतीय सेना में साल 2001 में भर्ती हुए थे। ट्रेनिंग के बाद सबसे पहले हिमाचल प्रदेश गए थे। इसके बाद वे अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र में भी तैनात रह चुके थे। इसके बाद उनकी पोस्टिंग कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में हो गई। वे 3 साल से नौशेरा सेक्टर में तैनात थे। परिजनों ने बताया, दो महीने पहले वो छुट्टी पर घर आए थे। उन्होंने VRS लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। वे कहते थे कि अब बच्चों की पढ़ाई और माता-पिता की सेवा में समय देना है। संतोष के तीन बेटी और एक बेटा है। बड़ी बेटी दीक्षा कुमारी इसी साल 10वीं की परीक्षा फर्स्ट डिवीजन से पास की है। दूसरी बेटी दीप्ति कुमारी 9वीं क्लास और तीसरी बेटी इशिका 7वीं में पढ़ती है। सबसे छोटा बेटा लक्ष्य कुमार (4) साल का है। —————————– पंचतत्व में विलीन हुए PAK हमले में शहीद जवान रामबाबू:पार्थिव शरीर से लिपटकर रो पड़े मां और चाचा, भारत माता के नारे लगे PAK हमले में शहीद सीवान के जवान रामबाबू प्रसाद (28) बुधवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। उनके पैतृक गांव सिलपुर के ही श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया गया।इससे पहले उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। घाट पर लोगों की भारी भीड़ थी। लोगों की आंखें नम थीं, लेकिन जोश दिखाई दे रहा था। भारत माता और जवान के नाम के नारे लगते रहे। पूरी खबर पढ़ें