
‘मैं खेत में भेड़ों को चरा रहा था। इन्हें पानी पिलाकर आगे बढ़ ही रहा था, तभी महज 20 फीट की दूरी पर आसमान से मिसाइल आकर गिरी। बहुत तेज धमाका हुआ। मैं भागकर पेड़ के पीछे छिपा और आंख-कान बंद कर लिए। धमाका इतना तेजा था कि मैं अंदर तक कांप गया। धमाके से सहमी मेरी भेड़ें भी भागी और खेत में लगी जालियों में जाकर टकरा गई। कुछ देर बाद आंखों के आगे से अंधेरा छंटा तो परिवार व रिश्तेदारों को फोन कर सारी बात बताई।’ प्रयागसिंह ने अपनी आंखों से पाकिस्तान से आई मिसाइलों को ध्वस्त होते देखा था, जिनसे फलोदी एयरबेस को निशाना बनाया गया था। 10 मई की सुबह एक-एक कर 4 मिसाइलों के धमाके फलोदी के 3 गांवों में सुने गए थे। फलोदी के बिठड़ी में भारतीय वायु सेना का एयरबेस स्टेशन है। यह सेंसिटिव जगहों में से एक है। जिन जगहों पर धमाके हुए वो एयरबेस स्टेशन से लगभग 15 से 20 किलोमीटर की दूरी पर ही हैं। भास्कर टीम ग्राउंड रिपोर्ट के दौरान उन क्षेत्रों में गई जहां पाकिस्तान की नापाक हरकत को नाकाम होते लोगों ने देखा था। पढ़िए- ये रिपोर्ट… 1. सुजानसिंह की ढाणी : पहले आसमान में धुआं दिखा, फिर तेज रोशनी चमकी प्रयाग सिंह ने बताया कि वे नियमित भेड़-बकरियों का रेवड़ (भेड़ों के झुंड) लेकर हमेशा की तरह सुबह निकलते हैं। 10 मई की घटना को याद करते हुए बताते हैं- घड़ी में सुबह करीब 10.40 बजे थे। इस वक्त तक वो घर लौट आते हैं। लेकिन भेड़ों को पानी पिलाने के लिए खेतों में रुके हुए थे। अचानक आसमान में हलचल होते दिखी। सब धुआं-धुआं सा नजर आ रहा था। इसके 20 मिनट के बाद बहुत तेज बिजली चमकने जैसा महसूस और पलक झपकते ही जोरदार धमाका हुआ। एक मिसाइल मुझसे 20 फीट दूर आकर गिरी। जब मैंने धुआं निकलते देखा तो मुझे लगा कि कोई रॉकेट छूटा है या कोई जेट का अभ्यास चल रहा होगा। मुझे यह नहीं पता था कि वह मेरे पास ही आकर गिर जाएगी। प्रयाग सिंह बताते हैं- मैंने खबर तो पढ़ी थी कि हमला हो सकता है। इसलिए समझ गया कि गोले पड़ने लग गए हैं। पुलिस लगभग आधा घंटे बाद में आई। हालांकि तब तक आसपास रहने वाले लोग और मेरे साथ रेवड़ चराने वाले आ चुके थे। आपको बता दें फलोदी में 10 मई को 4 धमाके सुबह करीब 10:30 से दोपहर 12 बजे बीच हुए थे। पहला धमाका सुजान सिंह की ढाणी में 10.40 बजे हुआ, दूसरा धमाका 11 बजे के करीब ढढू गांव में हुआ और उसके बाद दो धमाके 11.56 के आस-पास उग्रास गांव में हुए। यह इलाके बॉर्डर से करीब 120 से 150 किलोमीटर की दूरी पर हैं। 2. ढढू : लगभग 20 फीट लंबी मिसाइल थी, आसमान में फाइटर जेट दिखे थे
फलोदी के गांव ढढू में सुजान सिंह की ढाणी के रहने वाले गोपाल सिंह ने बताया कि वे हमले वाली जगह से 500 मीटर की दूरी पर ही रहते हैं। 10 मई को 4 बड़े धमाके हुए। इनमें से एक उनके घर के पास हुआ। धमाके की आवाज सुन, हम लोग घरों से बाहर निकलकर आए। हमने देखा यहां पर तकरीबन 20 फीट लंबी मिसाइल गिरी थी। इससे पहले आसमान में दो फाइटर जेट दिखे थे। संभावना है, दोनों मिसाइलें उन्हीं जेट ने मार गिराई होगी। 3. उग्रास : धरती में कंपन होने लगा था, फाइटर जेट की आवाज भी आई
उग्रास गांव के रहने वाले भंवरलाल फौजी ने बताया कि शनिवार के दिन तकरीबन 11.56 बजे हम कहीं जाने के लिए घर से बाहर निकले थे। अचानक आसमान में फाइटर जेट की तेज आवाज के बीच धुआं निकलता दिखा। इसके बाद हमने ऊपर से मिसाइल को नीचे गिरते हुए देखा। सब लोग दहशत में आ गए थे कि अब किसके ऊपर गिरेगी। वो मिसाइल तेजी से पास के ही खेत में आकर गिरी। लगभग 15 से 20 फीट लंबाई की मिसाइल थी। उग्रास में शनिवार को थोड़ी-थोड़ी दूरी पर ही दो जगह धमाके हुए थे। जिस जगह मिसाइल गिरी, वहां से मात्र 60 मीटर की दूरी पर 8 से 10 घर हैं। यहां लगभग 100 लोगों की आबादी रहती है। मैंने सोचा था शायद एक दो मिसाइल और गिरेंगी- प्रत्यक्षदर्शी
धमाके वाली जगह से 200 मीटर दूर रहने वाले सदासुख ने बताया कि मैं घर में बैठा था। मिसाइल को आसमान से आते हुए देखा था। कुछ देर में ही धमाका हुआ। उस वक्त डर लगा था। मुझे लगा था कि एक दो मिसाइल और शायद आकर गिरेगी। धमाके के बाद दो दिन तक सहमे रहे, अब कोई डर नहीं
उग्रास गांव के ही पप्पू राम ने बताया कि धमाके की आवाजें सुनने के बाद हम सब लोग दहशत में आ गए थे। उसके बाद हम लोग सुरक्षित रहने के लिए घरों में चल गए थे। पहले धमाके के करीब 10 से 15 मिनट बाद फिर से धमाका सुनाई दिया। इसके बाद मिसाइल आकर गिरी। उस वक्त एक दो दिन थोड़ा डर लगा था। लेकिन अब कोई डर वाली बात नहीं है। राजस्थान के कई एयरबेस को निशाना बनाने की कोशिश
ऑपरेशन सिंदूर से बौखलाए पाकिस्तान ने राजस्थान सहित देश के कई एयरबेस को निशाना बनाने की कोशिश की थी। हालांकि सभी हमले एयर डिफेंस सिस्टम से नाकाम कर दिए गए। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने जानकारी दी थी कि राजस्थान के नाल (बीकानेर), फलोदी (जोधपुर) और उत्तरलाई (बाड़मेर) पर पाकिस्तान ने मिसाइल दागी थी, जिन्हें हवा में ही नष्ट कर दिया गया था। ऐसे में आशंका है कि फलोदी क्षेत्र में जो मिसाइलें गिरीं, वो पाकिस्तान की ओर से दागी गई थीं। इन मिसाइलों को एयर डिफेंस सिस्टम के जरिए ध्वस्त करने के दौरान धमाकों की आवाज क्षेत्र में गूंजी होगी।
‘मैं खेत में भेड़ों को चरा रहा था। इन्हें पानी पिलाकर आगे बढ़ ही रहा था, तभी महज 20 फीट की दूरी पर आसमान से मिसाइल आकर गिरी। बहुत तेज धमाका हुआ। मैं भागकर पेड़ के पीछे छिपा और आंख-कान बंद कर लिए। धमाका इतना तेजा था कि मैं अंदर तक कांप गया। धमाके से सहमी मेरी भेड़ें भी भागी और खेत में लगी जालियों में जाकर टकरा गई। कुछ देर बाद आंखों के आगे से अंधेरा छंटा तो परिवार व रिश्तेदारों को फोन कर सारी बात बताई।’ प्रयागसिंह ने अपनी आंखों से पाकिस्तान से आई मिसाइलों को ध्वस्त होते देखा था, जिनसे फलोदी एयरबेस को निशाना बनाया गया था। 10 मई की सुबह एक-एक कर 4 मिसाइलों के धमाके फलोदी के 3 गांवों में सुने गए थे। फलोदी के बिठड़ी में भारतीय वायु सेना का एयरबेस स्टेशन है। यह सेंसिटिव जगहों में से एक है। जिन जगहों पर धमाके हुए वो एयरबेस स्टेशन से लगभग 15 से 20 किलोमीटर की दूरी पर ही हैं। भास्कर टीम ग्राउंड रिपोर्ट के दौरान उन क्षेत्रों में गई जहां पाकिस्तान की नापाक हरकत को नाकाम होते लोगों ने देखा था। पढ़िए- ये रिपोर्ट… 1. सुजानसिंह की ढाणी : पहले आसमान में धुआं दिखा, फिर तेज रोशनी चमकी प्रयाग सिंह ने बताया कि वे नियमित भेड़-बकरियों का रेवड़ (भेड़ों के झुंड) लेकर हमेशा की तरह सुबह निकलते हैं। 10 मई की घटना को याद करते हुए बताते हैं- घड़ी में सुबह करीब 10.40 बजे थे। इस वक्त तक वो घर लौट आते हैं। लेकिन भेड़ों को पानी पिलाने के लिए खेतों में रुके हुए थे। अचानक आसमान में हलचल होते दिखी। सब धुआं-धुआं सा नजर आ रहा था। इसके 20 मिनट के बाद बहुत तेज बिजली चमकने जैसा महसूस और पलक झपकते ही जोरदार धमाका हुआ। एक मिसाइल मुझसे 20 फीट दूर आकर गिरी। जब मैंने धुआं निकलते देखा तो मुझे लगा कि कोई रॉकेट छूटा है या कोई जेट का अभ्यास चल रहा होगा। मुझे यह नहीं पता था कि वह मेरे पास ही आकर गिर जाएगी। प्रयाग सिंह बताते हैं- मैंने खबर तो पढ़ी थी कि हमला हो सकता है। इसलिए समझ गया कि गोले पड़ने लग गए हैं। पुलिस लगभग आधा घंटे बाद में आई। हालांकि तब तक आसपास रहने वाले लोग और मेरे साथ रेवड़ चराने वाले आ चुके थे। आपको बता दें फलोदी में 10 मई को 4 धमाके सुबह करीब 10:30 से दोपहर 12 बजे बीच हुए थे। पहला धमाका सुजान सिंह की ढाणी में 10.40 बजे हुआ, दूसरा धमाका 11 बजे के करीब ढढू गांव में हुआ और उसके बाद दो धमाके 11.56 के आस-पास उग्रास गांव में हुए। यह इलाके बॉर्डर से करीब 120 से 150 किलोमीटर की दूरी पर हैं। 2. ढढू : लगभग 20 फीट लंबी मिसाइल थी, आसमान में फाइटर जेट दिखे थे
फलोदी के गांव ढढू में सुजान सिंह की ढाणी के रहने वाले गोपाल सिंह ने बताया कि वे हमले वाली जगह से 500 मीटर की दूरी पर ही रहते हैं। 10 मई को 4 बड़े धमाके हुए। इनमें से एक उनके घर के पास हुआ। धमाके की आवाज सुन, हम लोग घरों से बाहर निकलकर आए। हमने देखा यहां पर तकरीबन 20 फीट लंबी मिसाइल गिरी थी। इससे पहले आसमान में दो फाइटर जेट दिखे थे। संभावना है, दोनों मिसाइलें उन्हीं जेट ने मार गिराई होगी। 3. उग्रास : धरती में कंपन होने लगा था, फाइटर जेट की आवाज भी आई
उग्रास गांव के रहने वाले भंवरलाल फौजी ने बताया कि शनिवार के दिन तकरीबन 11.56 बजे हम कहीं जाने के लिए घर से बाहर निकले थे। अचानक आसमान में फाइटर जेट की तेज आवाज के बीच धुआं निकलता दिखा। इसके बाद हमने ऊपर से मिसाइल को नीचे गिरते हुए देखा। सब लोग दहशत में आ गए थे कि अब किसके ऊपर गिरेगी। वो मिसाइल तेजी से पास के ही खेत में आकर गिरी। लगभग 15 से 20 फीट लंबाई की मिसाइल थी। उग्रास में शनिवार को थोड़ी-थोड़ी दूरी पर ही दो जगह धमाके हुए थे। जिस जगह मिसाइल गिरी, वहां से मात्र 60 मीटर की दूरी पर 8 से 10 घर हैं। यहां लगभग 100 लोगों की आबादी रहती है। मैंने सोचा था शायद एक दो मिसाइल और गिरेंगी- प्रत्यक्षदर्शी
धमाके वाली जगह से 200 मीटर दूर रहने वाले सदासुख ने बताया कि मैं घर में बैठा था। मिसाइल को आसमान से आते हुए देखा था। कुछ देर में ही धमाका हुआ। उस वक्त डर लगा था। मुझे लगा था कि एक दो मिसाइल और शायद आकर गिरेगी। धमाके के बाद दो दिन तक सहमे रहे, अब कोई डर नहीं
उग्रास गांव के ही पप्पू राम ने बताया कि धमाके की आवाजें सुनने के बाद हम सब लोग दहशत में आ गए थे। उसके बाद हम लोग सुरक्षित रहने के लिए घरों में चल गए थे। पहले धमाके के करीब 10 से 15 मिनट बाद फिर से धमाका सुनाई दिया। इसके बाद मिसाइल आकर गिरी। उस वक्त एक दो दिन थोड़ा डर लगा था। लेकिन अब कोई डर वाली बात नहीं है। राजस्थान के कई एयरबेस को निशाना बनाने की कोशिश
ऑपरेशन सिंदूर से बौखलाए पाकिस्तान ने राजस्थान सहित देश के कई एयरबेस को निशाना बनाने की कोशिश की थी। हालांकि सभी हमले एयर डिफेंस सिस्टम से नाकाम कर दिए गए। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने जानकारी दी थी कि राजस्थान के नाल (बीकानेर), फलोदी (जोधपुर) और उत्तरलाई (बाड़मेर) पर पाकिस्तान ने मिसाइल दागी थी, जिन्हें हवा में ही नष्ट कर दिया गया था। ऐसे में आशंका है कि फलोदी क्षेत्र में जो मिसाइलें गिरीं, वो पाकिस्तान की ओर से दागी गई थीं। इन मिसाइलों को एयर डिफेंस सिस्टम के जरिए ध्वस्त करने के दौरान धमाकों की आवाज क्षेत्र में गूंजी होगी।