
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शुक्रवार को केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि राज्य कभी भी दिल्ली के प्रशासन के आगे नहीं झुकेगा। अमित शाह कहते हैं कि 2026 में वे सरकार बनाएंगे। मैं उन्हें चुनौती देता हूं और कहता हूं, तमिलनाडु कभी भी दिल्ली के प्रशासन के अधीन नहीं रहेगा। स्टालिन ने गृह मंत्री अमित शाह से NEET परीक्षा और राज्य में हिंदी लागू करने पर सवाल किया। स्टालिन तिरुवल्लूर में राज्य सरकार की कई योजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास पर हुए कार्यक्रम में बोल रहे थे। स्टालिन के बयान की बड़ी बातें … शाह से पूछा- नीट-परिसीमन पर साफ जवाब क्यों नहीं दिया स्टालिन ने गृहमंत्री से सवाल करते हुए कहा- “क्या आप कह सकते हैं कि आप NEET में छूट दे सकते हैं। क्या आप आश्वस्त कर सकते हैं कि हिंदी नहीं थोपी जाएगी। क्या आप तमिलनाडु को दिए गए (केंद्रीय) फंड की सूची दे सकते हैं। क्या आप आश्वस्त कर सकते हैं कि परिसीमन के कारण (संसदीय) प्रतिनिधित्व में कमी नहीं आएगी। अगर हम जो कर रहे हैं वह ध्यान भटकाना है, तो आपने इन मुद्दों पर तमिलनाडु के लोगों को स्पष्ट जवाब क्यों नहीं दिए। तमिलनाडु से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… तमिलनाडु के 10 बिल रोकने पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, राज्यपाल के फैसले को बताया अवैध, कहा- आप संविधान से चलें, पार्टियों की मर्जी से नहीं सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (8 अप्रैल) को ऐतिहासिक फैसले में राज्यपालों के अधिकार की ‘सीमा’ तय कर दी। जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने तमिलनाडु के मामले में फैसला सुनाते हुए कहा, ‘राज्यपाल के पास कोई वीटो पावर नहीं है।’ पढ़ें पूरी खबर…
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शुक्रवार को केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि राज्य कभी भी दिल्ली के प्रशासन के आगे नहीं झुकेगा। अमित शाह कहते हैं कि 2026 में वे सरकार बनाएंगे। मैं उन्हें चुनौती देता हूं और कहता हूं, तमिलनाडु कभी भी दिल्ली के प्रशासन के अधीन नहीं रहेगा। स्टालिन ने गृह मंत्री अमित शाह से NEET परीक्षा और राज्य में हिंदी लागू करने पर सवाल किया। स्टालिन तिरुवल्लूर में राज्य सरकार की कई योजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास पर हुए कार्यक्रम में बोल रहे थे। स्टालिन के बयान की बड़ी बातें … शाह से पूछा- नीट-परिसीमन पर साफ जवाब क्यों नहीं दिया स्टालिन ने गृहमंत्री से सवाल करते हुए कहा- “क्या आप कह सकते हैं कि आप NEET में छूट दे सकते हैं। क्या आप आश्वस्त कर सकते हैं कि हिंदी नहीं थोपी जाएगी। क्या आप तमिलनाडु को दिए गए (केंद्रीय) फंड की सूची दे सकते हैं। क्या आप आश्वस्त कर सकते हैं कि परिसीमन के कारण (संसदीय) प्रतिनिधित्व में कमी नहीं आएगी। अगर हम जो कर रहे हैं वह ध्यान भटकाना है, तो आपने इन मुद्दों पर तमिलनाडु के लोगों को स्पष्ट जवाब क्यों नहीं दिए। तमिलनाडु से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… तमिलनाडु के 10 बिल रोकने पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, राज्यपाल के फैसले को बताया अवैध, कहा- आप संविधान से चलें, पार्टियों की मर्जी से नहीं सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (8 अप्रैल) को ऐतिहासिक फैसले में राज्यपालों के अधिकार की ‘सीमा’ तय कर दी। जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने तमिलनाडु के मामले में फैसला सुनाते हुए कहा, ‘राज्यपाल के पास कोई वीटो पावर नहीं है।’ पढ़ें पूरी खबर…