गुजरात में एक गांव के सरकारी स्कूल में 40 बच्चों ने शार्पनर से अपने हाथ काट लिए। यह सभी 5वीं से 8वीं क्लास के स्टूडेंट्स हैं। पुलिस के अनुसार, यह एक ‘डेयर गेम’ था, जिसमें छात्र एक-दूसरे को चुनौती दे रहे थे कि यदि वे खुद को ब्लेड से घायल नहीं करेंगे तो उन्हें 10 रुपए देने होंगे। इस चैलेंज को पूरा करने के लिए इन बच्चों ने अपने हाथों पर चोटें पहुंचाईं। बच्चों के हाथ में कट देखकर उसके पेरेंट्स ने स्कूल में जाकर इसकी शिकायत की, तब मामला उजागर हुआ टास्क पूरा करने कई स्टूडेंट्स ने हाथों पर कट लगाए 10 बच्चों से शुरू हुआ खेल 40 तक पहुंचा
इस बारे में एएसपी जयवीर गढ़वी ने बताया कि मोटा मुंजियासर प्राथमिक विद्यालय में कक्षा एक से आठ तक के विद्यार्थी पढ़ते हैं। जिसमें करीब छात्रों ने ब्लेड से अपने हाथ काट लिए हैं। बच्चों ने आपस में ‘ट्रुथ एंड डेयर’ गेम खेलते हुए शर्त लगाकर यह काम किया है। उनकी शर्त थी कि जो हाथ पर ब्लेड नहीं मारेगा तो उसे 10 रुपए देने होंगे। इस तरह का यह एक डेयर गेम था। बच्चों ने अपने पेंसिल शार्पनर से हाथ पर कट किए थे। शिक्षकों बोले- हमारी जिम्मेदारी नहीं
बवाल मचने पर प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों ने कहा कि यह अभिभावकों की ही गलती है। वे बच्चों को मोबाइल देखने देते हैं। यह भी ध्यान नहीं देते कि बच्चा मोबाइल पर कौन सा गेम खेल रहा है, या क्या देख रहा है। बच्चों को मोबाइल की लत से छुड़ाने की जिम्मेदारी अभिभावकों की है, शिक्षकों की नहीं। भारत में बैन है ब्लू व्हेल गेम ट्रेुथ एंड डेयर गेम जैसे ऐसे ही टास्क पहले ब्लू व्हेल चैलेंज गेम में होते थे, जिसे भारत सरकार ने 2017 में बैन कर दिया है। दरअसल, ब्लू व्हेल चैलेंज गेम को सुसाइड गेम भी कहा जाता है। 2015 से 2017 के बीच इस गेम से जुड़ी कई आत्महत्या की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। ब्लू व्हेल चैलेंज एक ऑनलाइन गेम है, जिसमें पार्टिसिपेंट को एक चैलेंज दिया जाता है। इस गेम में 50 स्टेप्स हैं, जो धीरे-धीरे कठिन होते जाते हैं। इस गेम में एक एडमिनिस्ट्रेटर और पार्टिसिपेंट शामिल होता है। एडमिनिस्ट्रेटर 50 दिन की अवधि के दौरान रोजाना एक टास्क सौंपता है। शुरुआत में ये टास्क सिंपल होते हैं, लेकिन आखिरी की स्टेप्स में खुद को नुकसान पहुंचाने के साथ कठिन होती जाती हैं और कई पार्टिशिपेंट के लिए सुसाइड पर जाकर खत्म होती हैं। हादसों और सुसाइड के बढ़ते मामलों के चलते भारत सरकार ने इस पर बैन लगाने के साथ ही सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को निर्देश दिए थे कि वे इसे तुरंत हटा दें। चेतावनी भी दी थी कि अगर कोई इसका इस्तेमाल या सर्च कर रहा है, तो उसे तुरंत बंद कर दें।
गुजरात में एक गांव के सरकारी स्कूल में 40 बच्चों ने शार्पनर से अपने हाथ काट लिए। यह सभी 5वीं से 8वीं क्लास के स्टूडेंट्स हैं। पुलिस के अनुसार, यह एक ‘डेयर गेम’ था, जिसमें छात्र एक-दूसरे को चुनौती दे रहे थे कि यदि वे खुद को ब्लेड से घायल नहीं करेंगे तो उन्हें 10 रुपए देने होंगे। इस चैलेंज को पूरा करने के लिए इन बच्चों ने अपने हाथों पर चोटें पहुंचाईं। बच्चों के हाथ में कट देखकर उसके पेरेंट्स ने स्कूल में जाकर इसकी शिकायत की, तब मामला उजागर हुआ टास्क पूरा करने कई स्टूडेंट्स ने हाथों पर कट लगाए 10 बच्चों से शुरू हुआ खेल 40 तक पहुंचा
इस बारे में एएसपी जयवीर गढ़वी ने बताया कि मोटा मुंजियासर प्राथमिक विद्यालय में कक्षा एक से आठ तक के विद्यार्थी पढ़ते हैं। जिसमें करीब छात्रों ने ब्लेड से अपने हाथ काट लिए हैं। बच्चों ने आपस में ‘ट्रुथ एंड डेयर’ गेम खेलते हुए शर्त लगाकर यह काम किया है। उनकी शर्त थी कि जो हाथ पर ब्लेड नहीं मारेगा तो उसे 10 रुपए देने होंगे। इस तरह का यह एक डेयर गेम था। बच्चों ने अपने पेंसिल शार्पनर से हाथ पर कट किए थे। शिक्षकों बोले- हमारी जिम्मेदारी नहीं
बवाल मचने पर प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों ने कहा कि यह अभिभावकों की ही गलती है। वे बच्चों को मोबाइल देखने देते हैं। यह भी ध्यान नहीं देते कि बच्चा मोबाइल पर कौन सा गेम खेल रहा है, या क्या देख रहा है। बच्चों को मोबाइल की लत से छुड़ाने की जिम्मेदारी अभिभावकों की है, शिक्षकों की नहीं। भारत में बैन है ब्लू व्हेल गेम ट्रेुथ एंड डेयर गेम जैसे ऐसे ही टास्क पहले ब्लू व्हेल चैलेंज गेम में होते थे, जिसे भारत सरकार ने 2017 में बैन कर दिया है। दरअसल, ब्लू व्हेल चैलेंज गेम को सुसाइड गेम भी कहा जाता है। 2015 से 2017 के बीच इस गेम से जुड़ी कई आत्महत्या की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। ब्लू व्हेल चैलेंज एक ऑनलाइन गेम है, जिसमें पार्टिसिपेंट को एक चैलेंज दिया जाता है। इस गेम में 50 स्टेप्स हैं, जो धीरे-धीरे कठिन होते जाते हैं। इस गेम में एक एडमिनिस्ट्रेटर और पार्टिसिपेंट शामिल होता है। एडमिनिस्ट्रेटर 50 दिन की अवधि के दौरान रोजाना एक टास्क सौंपता है। शुरुआत में ये टास्क सिंपल होते हैं, लेकिन आखिरी की स्टेप्स में खुद को नुकसान पहुंचाने के साथ कठिन होती जाती हैं और कई पार्टिशिपेंट के लिए सुसाइड पर जाकर खत्म होती हैं। हादसों और सुसाइड के बढ़ते मामलों के चलते भारत सरकार ने इस पर बैन लगाने के साथ ही सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को निर्देश दिए थे कि वे इसे तुरंत हटा दें। चेतावनी भी दी थी कि अगर कोई इसका इस्तेमाल या सर्च कर रहा है, तो उसे तुरंत बंद कर दें।